MCD Changed Factory Licensing Policy: दिल्ली नगर निगम (MCD) ने फैक्ट्री लाइसेंसिंग नीति में बड़ा बदलाव करते हुए इसे ज्यादा आसान और स्पष्ट बना दिया है। संशोधित नीति के तहत, अब किसी फैक्ट्री मालिक को एक ही इमारत की कई मंजिलों पर फैक्ट्री चलाने के लिए केवल एक लाइसेंस की जरूरत होगी।
क्या है दिल्ली नगर निगम की नई नीति?
अगर फैक्ट्री एक ही मालिक के तहत है और उसकी सभी मंजिलों पर होने वाली इंडस्ट्रियल और मैन्युफैक्चरिंग प्रोसेस एक ही जीएसटी नंबर के तहत आती हैं, तो केवल एक फैक्ट्री लाइसेंस की जरूरत होगी। हालांकि, अगर इमारत की अलग-अलग मंजिलों पर अलग-अलग जीएसटी नंबर के तहत फैक्ट्रियां संचालित हो रही हैं, तो हर मंजिल के लिए अलग-अलग लाइसेंस लेना होगा। अगर एक ही इमारत में अलग-अलग व्यक्तियों द्वारा फैक्ट्रियां चलाई जा रही हैं, तो प्रत्येक व्यक्ति को अलग-अलग लाइसेंस की जरूरत होगी।
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पुरानी नीति की तुलना में क्या बदला?
पहले, इमारत की हर मंजिल के लिए अलग-अलग लाइसेंस की जरूरत होती थी, जिससे फैक्ट्री मालिकों को कई बार मुश्किलों का सामना करना पड़ता था। नई नीति से प्रक्रिया सरल होगी और औद्योगिक संचालन में पारदर्शिता आएगी। इसके साथ ही फैक्ट्री मालिकों को कई तरह का फायदा होगा। जैसे संशोधन से फैक्ट्री मालिकों का समय और संसाधन दोनों बचेंगे। खासतौर पर उन मालिकों के लिए यह नीति फायदेमंद है, जिनकी फैक्ट्री एक ही जीएसटी नंबर के तहत कई मंजिलों पर फैली हुई है।
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दिल्ली नगर निगम का क्या है मकसद
दिल्ली नगर निगम ने यह नीति व्यवसायियों को सहूलियत देने और औद्योगिक संचालन में स्पष्टता लाने के लिए लागू की है। एमसीडी का मानना है कि यह बदलाव न केवल औद्योगिक गतिविधियों को प्रोत्साहित करेगा, बल्कि शहर के आर्थिक विकास में भी सहायक होगा। नई नीति से फैक्ट्री मालिकों को राहत मिलने की उम्मीद है और इसे औद्योगिक क्षेत्र में सकारात्मक कदम माना जा रहा है।