NDMC News: देश की राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में NDMC के स्कूलों के बच्चे अब टैब से पढ़ाई करेंगे। अगले शैक्षणिक सत्र में इसे लागू करने वाला एनडीएमसी दिल्ली का पहला निकाय बन जाएगा। काउंसिल की बैठक में इससे संबंधित प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है।
इस प्रस्ताव के तहत एनडीएमसी जो टैब देगा, उसमें पढ़ाई के अलावा अन्य कार्य नहीं हो सकेंगे। लेकिन टैब से जो शिक्षक कंमाड देंगे, उससे संबंधित पाठन सामग्री और वीडियो उपलब्ध होंगे। इसके लिए एनडीएमसी ने हर एक अध्याय के लिए वीडियो भी तैयार किए गए हैं। इसके साथ ही एनडीएमसी की पालिका शिक्षा वेबसाइट के माध्यम से इस पर पढ़ने के लिए सामग्री उपलब्ध कराई जाएगी।
काउंसिल की बैठक में फैसला
काउंसिल की बैठक के बाद एनडीएमसी सदस्य कुलजीत चहल, विशखा सैलानी के साथ संयुक्त बैठक में सतीश उपाध्याय ने बताया कि एनडीएमसी ने पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर 4 स्कूलों में 811 टैबलेट छात्रों को दिए थे। इस प्रोजेक्ट के सफल प्रयोग के बाद अब एनडीएमसी कक्षा 9वीं से लेकर 12वीं तक के छात्रों को 8138 टैबलेट साल 2024-25 में देगा।
ये भी पढ़ें:- राम मनोहर लोहिया अस्पताल के गोल चक्कर का बदल जाएगा लुक, NDMC तीन महीने में खत्म करेगी काम
एनडीएमसी 24.72 करोड़ रुपये का भुगतान करेगा
शिक्षकों को भी 628 टैबलेट दिए जाएंगे। एनडीएमसी जैम पोर्टल के माध्यम से इन सभी टैबलेट को खरीदेगा। इस पर एनडीएमसी 24.72 करोड़ रुपये का निर्वाह करेगा। एनडीएमसी सदस्य कुलजीत चहल ने बताया कि दिल्ली ऐसा करने वाला पहला एनडीएमसी निकाय बन जाएगा। जिसमें 9वीं से लेकर 12वीं तक के बच्चों को टैबलेट के जरिए पढ़ाया जाएगा। आगे उन्होंने बताया कि एनडीएमसी 28 कंप्यूटर लैब भी तैयार करेगा। इसमें अलग-अलग सॉफ्टवेयर को अपग्रेड किया जाएगा।
एनडीएमसी के सदस्य कुलजीत चहल ने दी जानकारी
एनडीएमसी में अयोध्या में श्रीराम मंदिर और बालक राम की प्राण प्रतिष्ठा के लिए ध्वनि मत से धन्यवाद प्रस्ताव को पारित किया। एनडीएमसी के सदस्य कुलजीत चहल ने इस प्रस्ताव को रखा। इसके बाद पूरा काउंसिल ने इस प्रस्ताव को पारित किया।
एनडीएमसी के उपाध्यक्ष सतीश उपाध्याय ने बताया कि एनडीएमसी के सभी सदस्यों ने इस प्रस्ताव पर सहमति जताते हुए इसे ध्वनि मत से पारित किया। इस प्रस्ताव में लिखा गया है कि 500 साल के लंबे इंतजार के बाद अयोध्या में श्रीराम मंदिर बनाया गया है। इसमें अनगिनत लोगों के त्याग और बलिदान हुआ है, तब जाकर प्रभु राम आए हैं।