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स्पेशल स्टाफ टीम ने नीट एग्जाम सॉल्वर गैंग का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने दो एमबीबीएस छात्रों समेत चार लोगों को अरेस्ट किया गया है।

NEET Exam Solver Gang: दिल्ली पुलिस की स्पेशल स्टाफ टीम ने नीट एग्जाम सॉल्वर गैंग का पर्दाफाश किया है। इस सिलसिले में दो एमबीबीएस छात्रों समेत चार लोगों को अरेस्ट किया गया है। इनके चार मोबाइल फोन और एक कार भी जब्त की गई है। पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि पेपर क्लीयर होने पर आरोपी एक छात्र से 25 से 30 लाख रुपये तक वसूलते थे। मामले में पुलिस की जांच अभी जारी है।

बायोमेट्रिक मैच नहीं होने पर पकड़े गए थे दो कैंडिडेट

डीसीपी नई दिल्ली जिला देवेश कुमार महला ने बताया कि पांच मई को नीट का एग्जाम था। इस परीक्षा का एक केंद्र भारतीय विद्या भवन, मेहता विद्यालय में बनाया गया था। यहीं से पुलिस को सूचना मिली थी कि दो कैंडिडेट की बायोमेट्रिक मैच नहीं हो पाई है। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर दोनों को पकड़ लिया। इनसे मिले एडमिट कार्ड पर लगी फोटो उनसे मिलती जुलती थी, लेकिन आधार कार्ड से जो बायोमीट्रिक वेरीफिकेशन करवाई गई, उसमें उनके फिंगर प्रिंट मैच नहीं हो पाए।

इस बाबत पुलिस ने तिलक मार्ग थाने में धोखाधड़ी संबंधी धाराओं के तहत केस दर्ज कर आरोपी सुमित मंदोलिया और कृष्ण केसरवानी को अरेस्ट कर लिया। दोनों एमबीबीएस के छात्र हैं। मामले की गंभीरता को देख इस केस की जांच में स्पेशल स्टाफ को भी शामिल किया गया।

टेक्निकल सर्विलांस की मदद से अन्य दो आरोपियों को पकड़ा

दोनों आरोपियों से पूछताछ और टेक्निकल सर्विलांस की मदद से प्रभात कुमार और किशोर लाल को नोएडा के एक होटल से पकड़ा गया। प्रभात कुमार पटना से है। वह एक कोचिंग सेंटर चलाता था। आरोपी सुमित मंडोलिया जयपुर राजस्थान से है। वह पश्चिम बंगाल के एक मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस सेकेंड ईयर का छात्र है, जबकि कृष्ण केसरवानी यूपी के प्रयागराज का रहने वाला है। वह उत्तराखंड के एक मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस प्रथम वर्ष का छात्र है।

दोनों आरोपी सॉल्वर गैंग का हिस्सा हैं, जो किसी दूसरे के स्थान पर परीक्षा में बैठते थे। आरोपी किशोर और प्रभात एग्जाम से पहले ऐसे उम्मीदवारों को ढूंढते थे, जो अपनी जगह किसी दूसरे को परीक्षा में बिठाकर नीट एग्जाम पास करना चाहता था। प्रभात अपने परिचित से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) वाली फोटो तैयार करवाता था। ये फोटो असली उम्मीदवार और सॉल्वर की फोटो को मिलाकर तैयार की जाती थी, ताकि फोटो दोनों की शक्ल से मैच करती हुई बन सके। किशोर लाल जोधपुर का रहने वाला है। वह मेडिकल स्कूल एडमिशन कंसलटेंट के तौर पर काम करता था।

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