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नोएडा में पुलिस ने एक फर्जी गिरोह का पर्दाफाश किया है, जो शेयर बाजार में निवेश और लोन दिलाने के नाम पर लोगों से ठगी करते थे। पुलिस ने इस गिरोह के 8 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपियों ने अभी तक करीब 500 से ज्यादा लोगों से ठगी कर चुके हैं।

नोएडा पुलिस ने एक फर्जी कॉल सेंटर का पर्दाफाश करते हुए 8 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। जानकारी के मुताबिक, ये गिरोह लोन दिलाने व फर्जी इंश्योरेंस पॉलिसी के नाम पर लोगों को अपना शिकार बनाते थे। बताया जा रहा है कि अब तक इन आरोपियों ने करीब 500 से अधिक लोगों के साथ 6 करोड़ रुपए से ज्यादा की ठगी कर चुके हैं।

डीसीपी रामबदन सिंह ने बताया कि सेक्टर 20 थाने में दर्ज एक केस के सिलसिले में आरोपी से पूछताछ के दौरान ठगी करने वाले इस गैंग के बारे में जानकारी मिली। इसके बाद सेक्टर 20 व फेज 1 थाना पुलिस की टीम ने मिलकर सेक्टर 2 स्थित बिल्डिंग में वीएचए इन्वेस्टर नाम से चलाए जा रहे फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने दो महिला समेत 8 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है और जांच में जुटी हुई है।

ठगी के उपकरण और दस्तावेज बरामद

पुलिस ने आरोपियों के पास से 17 मोबाइल फोन, 4 रजिस्टर, 21 एटीएम कार्ड, एक सीपीयू, 5 वोटर आईडी कार्ड, 6 आधार कार्ड, 3 पैन कार्ड, एक डीएल, जीएसटी व पंजीकरण प्रमाणपत्र के साथ 1 रेंट एग्रीमेंट और 2660 रुपए बरामद किए हैं। इन आरोपियों में गिरोह का सरगना गणेश ठाकुर सहित प्रभाष झा, मनीष कुमार झा, शुभम यादव, परवेज आलम, ज्ञानेन्द्र, शबनम और आराधना शामिल हैं।

आसान शर्तां पर लोन के नाम पर करते थे ठगी

एडिशनल डीसीपी मनीष कुमार मिश्र ने बताया कि गैंग का मुखिया डार्क वेब और अन्य वेबसाइट के जरिए उन लोगों का डाटा इकट्ठा करता था, जिन्हें लोन या इंश्योरेंस की जरूरत होती थी। ये लोग खुद को विभिन्न बैंकों का कर्मचारी बताकर कॉल करते थे और आसान शर्तों पर लोन व इंश्योरेंस कराने का विश्वास दिलाते थे। जिसके बाद वह उनसे कुल लोन की राशि का 10 से 15 प्रतिशत हिस्सा पहले ही ले लेते थे और बाद में उन्हें लोन भी नहीं दिलवाते थे। पैसा मिलने के तुरंत बाद ही वह ग्राहक से अपना संपर्क तोड़ देते थे।

इसके अलावा कई बार लोन कराने व इंश्योरेंस पॉलिसी को रिन्यू कराने के लिए काफी मोटी रकम वसूली जाती थी। बता दें कि यह गैंग बिना किसी लाइसेंस के फर्जी कॉल सेंटर संचालित कर रहा था। पुलिस ने बताया कि पूछताछ में पता चला है कि आरोपी ग्राहकों को आरबीआई व भारत सरकार से संबंधित दस्तावेजों को भेजकर विश्वास जीतते थे और फिर अपना शिकार बनाकर पैसा ऐंठते हैं।

नाम बदलकर लोगों से करते थे संपर्क

ग्राहकों से ठगी करने के लिए आरोपी अपना नाम बदलकर किसी अन्य नाम का इस्तेमाल करते थे। पूछताछ में पता चला कि आरोपी शबनम पूजा शर्मा के नाम से, आरोपी आराधना रिंकी वर्मा के नाम से व गणेश ठाकुर सुरेश के नाम से कॉल करते थे या फिर व्हाट्सऐप पर मैसेद करते थे। एक बार जब कोई ग्राहक निवेश के नाम पर इनका शिकार हो जाता था, फिर बाद में दोगुना, तिगुना मुनाफे की झूठी जानकारी दी जाती थी। आरोपियों ने नोएडा के एक व्यक्ति से भी करीब दो करोड़ रुपए एक फर्जी अकाउंट में ट्रांसफर करवाए थे।

कुछ ही महीनों में जगह बदलते थे

पुलिस को ओर से जी गई जानकारी के मुताबिक, गिरोह के सरगना गणेश ठाकुर ने बताया कि उन्होंने नोएडा में डेढ़ महीने पहले ही कॉल सेंटर खोला था। इससे पहले वह कई दूसरी जगहों पर फर्जी कॉल सेंटर खोलकर ठगी कर चुका है। आरोपी ने बताया कि वे लोग 4 से 6 महीने में जगह बदल लेते थे, जिससे वह पकड़े न जाएं। ये आरोपी ज्यादातर उत्तर प्रदेश के लोगों को निशाना बनाते थे।

आरोपी बीटेक-एमए पास

ठगी करने वाले गिरोह के सभी आरोपी पढ़े लिखे हैं। गणेश ठाकुर ने बीए, प्रभाष झा ने बीबीए, ज्ञानेंद्र ने बीटेक, मनीष कुमार झा ने इंटरमीडिएट, परवेज आलम ने बीए, शुभम यादव ने इंटरमीडिएट, शबनम ने एमए और आराधना ने बीएड किया हुआ है। गिरफ्तार की गई महिलाओं को भी ठगी की पूरी जानकारी होती थी। ज्यादातर महिलाओं से कॉल कराया जाता था, जिससे लोगों को शक न हो और उन्हें आसानी से अपने जाल में फंसाया जा सके।

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