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दिल्ली नगर निगम ने पंचकर्म चिकित्सा इकाइयों की संख्या बढ़ाने का निर्णय लिया है। खास बात है कि पहली बार आयुष इकाइयों में इंडोर सुविधा भी दी जाएगी। इसकी शुरुआत हैदरपुर पंचकर्म अस्पताल से होगी।

Delhi News: : पंचकर्म चिकित्सा (Panchakarma Therapy) की मदद से शरीर में जमा विषाक्त पदार्थों की सफाई करने का काम निगम की ओर से किया जाएगा। निगम ने अपनी आयुष इकाइयों को मजबूत करने के लिए पंचकर्म चिकित्सा इकाइयों की संख्या बढ़ाने का निर्णय लिया है। इनमें से कुछ असाध्य बीमारियों का आयुर्वेदिक चिकित्सा विधि से सही किया जाएगा। 

सबसे अच्छी बात यह है कि निगम की ओर से पहली बार आयुष इकाइयों में इंडोर सुविधा देने जा रहा है। इसकी शुरुआत हैदरपुर पंचकर्म अस्पताल से की जाएगी। दरअसल, निगम का आयुष विभाग 2 आयुर्वेदिक अस्पतालों में 14 पंचकर्म अस्पतालों और 10 मधुमेह केंद्रों में लोगों का इलाज किया जा रहा है। लेकिन अब इसका बड़े पैमाने पर विस्तार करने की योजना बनाई जा रही है। 

पंचकर्म अस्पताल हैदरपुर में बनकर तैयार

इसमें से एक सबसे बड़ा पंचकर्म अस्पताल हैदरपुर में बनकर लगभग तैयार है। इसमें ऐसा पहली बार होगा, जब मरीज को भर्ती कराने की सुविधा मिलेगी। इस अस्पताल को दो मंजिला बनाया गया है और आयुर्वेदिक पद्धति से इलाज की सुविधाएं और चिकित्सकों की संख्या दूसरे आयुर्वेदिक अस्पताल में ज्यादा होगी। वहीं दूसरी तरफ तिलक नगर में भी एक पंचकर्म अस्पताल खोलने की योजना बनाई जा रही है। इसके अलावा, दूसरे अस्पतालों में पंचकर्म से इलाज करने की योजना बनाई जा रही है। लेकिन अभी तक किसी भी अस्पताल में मरीज को भर्ती करने की सुविधा उपलब्ध नहीं हो पाई है। 

इस तरह से किया जाएगा इलाज

पंचकर्म अस्पताल में पांच विशेष चीजों से शरीर के रोगों से सफाई की जाएगा। विरेचन (आंत की सफाई), नस्य (कफ को बाहर निकालने), रक्तमोक्षण (खराब खून को शरीर से बाहर निकालने), वमन (आमाशय की सफाई) और अनुवासनबस्ती (शरीर में धातुओं का संतुलन करके) चीजों से शरीर की रोगों से सफाई करने का काम किया जाएगा। इसके बाद फिर आखा, भांग, मेथी, अरंड, अश्वगंधा, निर्गुंडी और अजवाइन के पत्तों से मारकीन के कपड़ों में पोटली बनाकर सिंकाई करी जाएगी।

जोड़ों के दर्द, गठिया के इलाज के लिए उड़द के आटे में आयुर्वेदिक तेल को गर्म करके मालिश करी जाएगी। इसके बाद दवा की मदद से इलाज शुरू होगा। इसके अलावा सर्वाइकल का भी अच्छे से इलाज किया जाएगा। ब्लड प्रेशर और शुगर के इलाज के लिए होम्योपैथिक, आयुर्वेदिक और यूनानी तीनों तरह का इलाज यहां पर किया जाएगा। 

बल्लीमारान अस्पताल में आयुर्वेदिक इलाज होगा 

पुरानी दिल्ली में बल्लीमारान आयुर्वेदिक अस्पताल का विस्तार होगा। इस अस्पताल की इमारत नए सिरे से बनाने पर काम किया जा रहा है। इसके अलावा, यहां पर भी पंचकर्म केंद्र खोलने पर निगम विचार कर रहा है। जानकारी के अनुसार, हिंदुराव अस्पताल में हेपेटाइटिस क्लीनिक की स्थापना होगी। शाहबाद डेयरी, शाहगंज, ताजपुर, घोंडा, चंद्रावल नगर, महरौली, मजलिस पार्क और फाटक हबास खान की यूनानी डिस्पेंसरियों की सभी इमारतें नए सिरे से बनाई जाएंगी। 

निगम आयुर्वेदिक पद्धति से इलाज करने की सुविधा देने जा रहा 

आयुष निगम के अधिकारियों की मानें, तो निगम आयुर्वेदिक पद्धति से इलाज की सुविधा बढ़ाने पर जोर देर रहा है। वहीं हैदरपुर का अस्पताल लगभग बनकर तैयार है। इसके बाद तिलक नगर में भी आयुर्वेदिक अस्पताल बनाने का प्रस्ताव है। यहां पर अस्पतालों की सुविधा देने के बाद दूसरे कई केंद्र में अस्पताल बनाने की योजना है। 

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