Delhi Mohalla Buses: दिल्ली के लोगों का मोहल्ला बस का सपना पूरा होने वाला है। अरविंद केजरीवाल सरकार के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने आज खुद दिल्ली की सड़क पर मोहल्ला बस चलाकर इन बसों की टेस्ट ड्राइविंग की है। इसके साथ ही उन्होंने इस बात की जानकारी दी है कि दिल्ली सरकार की ये बसें कब से दिल्ली की सड़कों पर दौड़ेंगी।
मंत्री कैलाश गहलोत- बसों के आने में देरी हुई
इस दौरान परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा कि हमने पिछले साल इस योजना का ऐलान किया था। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का मकसद है कि सार्वजनिक परिवहन को मजबूत किया जाए। इन बसों के आने में देरी इसलिए हुई क्योंकि कुछ काम रह गया था।
#WATCH दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत मोहल्ला बस से दिल्ली विधानसभा पहुंचे।
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 5, 2024
उन्होंने कहा, "... अभी इन बसों की टेस्टिंग चल रही है जिस कारण से मैंने खुद यात्रा करके देखा... अगले महीने तक 25 के आसपास बसें आ सकती हैं... सभी रूट को हमने चिह्नित किया है, जहां पर बड़ी बसें नहीं… pic.twitter.com/J8Awgw1wxg
अप्रैल महीने में बसों के चलने की उम्मीद
अप्रैल महीने में दिल्ली सरकार की मोहल्ला बसों को चालू किया जाएगा। इन बसों को उन इलाकों में चलाया जाएगा, जहां सड़कें कम चौड़ी हैं और जहां कनेक्टिविटी भी कम है। बताया जा रहा है कि ये मोहल्ला बसें छोटी जगहों पर ही चलेंगी। इस बस में एक बार में 23 यात्री सफर कर पाएंगे। इन बसों का किराया अन्य बसों की तरह होगा। इनमें पैनिक बटन और सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं। राजधानी में 2000 से ज्यादा मोहल्ला बसें लेकर आना चाहती है।
जल्द ही दिल्ली में 9 मीटर लंबी मोहल्ला बसें चलनी शुरू हो जायेंगी!
— Kailash Gahlot (@kgahlot) March 5, 2024
आज मोहल्ला बस के प्रोटोटाइप में सफ़र कर के इसका ख़ुद अनुभव किया।ये प्रदूषणरहित पूर्णतः 100 % इलेक्ट्रिक बसें बहुत ही आरामदायक हैं और सभी आधुनिक सुरक्षा उपायों से लैस हैं। छोटे आकार की ये मोहल्ला बसें उन मार्गों पर… pic.twitter.com/eaXaN51uBX
इन जगहों पर चलेंगी मोहल्ला बसें
बता दें कि साल 2023-24 के बजट में मोहल्ला बस चलाने को लेकर ऐलान किया गया था। उस समय दिल्ली सरकार की ओर से कहा गया था कि इस बस सेवा उद्देश्य लास्ट माइल कनेक्टिविटी है। इन बसों के आने से लोगों को कम चलना पड़ेगा। इन बसों के लिए दिल्ली, देवली, संगम विहार, छतरपुर, द्वारका, रोहिणी, वसंत कुंज और नजफगढ़ समेत कई ऐसी जगहों का चयन किया गया था, जहां पर सार्वजनिक साधनों को और मजबूती मिले। साथ ही, लोगों को किसी तरह की समस्या न हो।