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दिल्ली पुलिस ने बिजनेसमैन के 60 लाख रुपये लूट की झूठी कहानी रचने वाल कलेक्शन एजेंट को गिरफ्तार किया है।

Delhi Crime News: उत्तरी जिले की गुलाबी बाग पुलिस ने लूट की गुत्थी सुलझाते हुए एक कलेक्शन एजेंट को गिरफ्तार किया है। आरोपी का नाम मिराज खान बताया गया है। एजेंट अपने पद और कमाई से संतुष्ट नहीं था, इसलिए उसने गारमेंट व्यवसायी के 60 लाख रुपये लूट की झूठी कहानी बनाई थी। पुलिस ने पूरी रकम बरामद कर ली है। इसने अपने परिचितों के घर पर रकम रखी थी। मामले में परिचितों को रोल सामने नहीं आया है।

बिजनेसमैन के 60 लाख रुपये लूट की रची थी झूठी कहानी

पुलिस के अनुसार, 28 जुलाई को शिकायतकर्ता मो. मिराज खान, निवासी शांति मोहल्ला गांधी नगर (जो कैश कलेक्शन एजेंट के रूप में काम करता है) ने गुलाबी बाग थाने की पुलिस से संपर्क किया और अपनी शिकायत दर्ज कराई। उसने बताया कि 26 जुलाई को गांधी नगर निवासी रामिया, जो लेडीज सूट और कुर्ती का कारोबार करता है, ने उसे किशनगंज निवासी विराट से नकदी इकट्ठा करने का निर्देश दिया था। मिराज अपने जीजा की स्कूटी पर दोपहर करीब 03:15 बजे वहां पहुंचा।

पुलिस को बताई ये थ्योरी

60 लाख रुपये पेमेंट लेने के बाद वह स्कूटी से रामिया की दुकान की ओर जा रहा था। जब वह रेड लाइट, रेलवे अंडरपास के पास प्रताप नगर मेट्रो स्टेशन पर पहुंचा तभी एक मारुति वैन पर मुंह ढके तीन लोग आए और उसे रोक लिया। उन्होंने जबरदस्ती उसे नकदी वाले बैग के साथ अपने वाहन में गिरा दिया। वह रोने लगा, लेकिन उन्होंने उसके पेट पर पिस्तौल तान दी और गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी। उसके मुंह पर स्प्रे भी कर दिया, जिससे वह बेहोश हो गया।

जब उसे होश आया तो उसने खुद को बर्फखाना गोल चक्कर के पास फुटपाथ पर पड़ा पाया। उसका मोबाइल फोन भी गायब था। किसी तरह वह कांति नगर एक्सटेंशन स्थित अपने जीजा की फैक्ट्री में पहुंचा, जो उसे रामिया की दुकान पर ले गया और उसे पूरी घटना बताई। इसके बाद वह थाने में शिकायत दर्ज करवाने पहुंचा। मामला दर्ज कर जांच शुरू की गई। मोटी रकम लूट के मामले की गंभीरता को देखते हुए शिकायतकर्ता से भी सवाल जवाब किए गए, लेकिन वह सवालों का आत्मविश्वास से जवाब नहीं दे पाया।

पुलिस ने ऐसे किया खुलासा

वह कथित मारुति वैन के रंग के बारे में भी जानकारी देने में सक्षम नहीं था। अंततः जब आसपास के सीसीटीवी फुटेज के साथ-साथ शिकायतकर्ता द्वारा बताए गए मार्ग का विश्लेषण किया गया, तो ऐसी कोई घटना नहीं होना पाया। नतीजतन, शिकायतकर्ता से लगातार पूछताछ की गई तो वह टूट गया। उसने बताया कि वह अपनी आर्थिक स्थिति और कमाई से संतुष्ट नहीं था और कपड़ों की एक बड़ी फैक्ट्री का मालिक बनना चाहता था।

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