Logo
दिल्ली पुलिस ने दो माह के भीतर हथियार के बल पर आधा दर्जन से ज्यादा लूट की वारदात करने वाले गैंग का खुलासा किया है। पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है।

Delhi Crime News: उत्तरी जिले की बुराड़ी पुलिस और स्पेशल स्टाफ की ज्वाइंट टीमों ने दो माह के भीतर हथियार के बल पर आधा दर्जन से ज्यादा लूट की वारदात करने वाले गैंग का खुलासा किया है। इस सिलसिले में तीन बदमाशों को अरेस्ट किया गया। इनके नाम सोनीपत हरियाणा निवासी रविंद्र, मनदीप मान और जींद हरियाणा निवासी अर्जुन बताए गए हैं। बदमाशों के पास से दो चोरी की बाइक समेत चार मोटर साइकिल, सोने की अंगूठी, चेन, पिस्टल, चार कारतूस और एक खिलौना पिस्टल बरामद हुई। इस गिरफ्तारी से आधा दर्जन मामले सुलझाए जाने का दावा पुलिस ने किया है।

हथियार के बल पर करते थे लूट

डीसीपी मनोज कुमार मीणा ने बताया कि 30 जून को बुराडी इलाके में लूट से जुड़ी एक कॉल मिली थी। पुलिस ने पीड़ित अरुण का बयान दर्ज किया। उसने बताया कि वह एक प्रॉपर्टी डीलर के तौर पर काम करता है। दोपहर करीब तीन बजे दो लड़के बाइक पर आए और ऑफिस में घुस पिस्टल के बल पर 50 हजार रुपये, एक चेन, सोने की अंगूठी और चांदी का कड़ा लूट ले गए। दोनों बदमाशों ने हेलमेट लगा रखा था।

दो महीने में आधा दर्जन से ज्यादा लूट की वारदात की

जांच के दौरान पुलिस की टीमों ने घटनास्थल के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों के फुटेज का विश्लेषण किया। पता चला कि स्वरूप नगर इलाके में भी इसी तरह की एक वारदात हुई है। सीसीटीवी ट्रेल से आरोपियों को स्थानीय सड़कों से सोनीपत, हरियाणा में प्रवेश करते हुए पाया गया। वारदात में इस्तेमाल बाइक की भी पुलिस ने पहचान कर ली। सबसे पहले रविंदर को पकड़ा गया।

पुलिस ने तीन आरोपियों को पकड़ा

इससे पूछताछ के बाद उसके दो साथियों को भी अरेस्ट कर लिया गया। पूछताछ के दौरान रविंद्र ने खुलासा किया कि वह पहले कैथल और सोनीपत में लूट के मामले में गिरफ्तार हो चुका है। अपने पारिवारिक दायित्वों के कारण उसने अपने दोस्तों से कर्ज लिया था। कर्ज चुकाने का उस पर दबाव था। इसी बीच उसकी मुलाकात गांव के ही रहने वाले मंदीप से हुई। उसे भी आईपीएल सट्टेबाजी के दौरान लिए गए कर्ज के भुगतान के लिए रुपयों की जरूरत थी।

इन दोनों ने अर्जुन के साथ मिलकर बुराड़ी और रोहिणी एरिया में दुकानदारों के साथ लूट की साजिश रची। इनके निशाने पर ऐसे दुकानदार होते थे जो शाम के समय अकेले बैठे होते थे। एक-दो दिन की रेकी के बाद उन्हें निशाना बनाया जाता था। वारदात को अंजाम देने के लिए पहले बाइक चोरी की जाती थी। रविंदर और अर्जुन तीन केस में शामिल रहे हैं।

5379487