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Republic Day 2024: गणतंत्र दिवस के मौके पर इस बार फिर दिल्ली वालों को थोड़ी निराशा हाथ लगने वाली है। इस बार भी दिल्ली की झांकी शामिल नहीं हुई है। इस पर अब सियासत शुरू हो गई है। पढ़ें किस तरह झांकियों का चयन किया जाता है।

Republic Day 2024: गणतंत्र दिवस पर इस बार भी दिल्ली की झांकी कर्तव्य पथ पर नजर दिखेगी। रक्षा मंत्रालय की स्क्रीनिंग कमिटी ने इस साल भी गणतंत्र दिवस परेड-2024 के लिए दिल्ली सरकार की तरफ से झांकी के लिए भेजे गए प्रस्ताव को रिजेक्ट कर दिया है। अब इस मामले पर सियासत शुरू हो गई है। आम आदमी पार्टी ने भाजपा पर जमकर हमला बोला है। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि बीजेपी आप से बदला ले रही है।

स्वास्थ्य मंत्री बोले- बीजेपी आप से बदला ले रही

गणतंत्र दिवस परेड 2024 में दिल्ली और पंजाब राज्य की झांकी को शामिल नहीं किए जाने पर सौरभ भारद्वाज ने बीजेपी पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि देश की राजधानी दिल्ली की गणतंत्र दिवस की झांकी को केंद्र सरकार ने तीन साल से खारिज कर दिया है। उन्होंने आगे कहा कि साल 2022 में थीम 'रिजॉल्व 75' थी, जिसमें दूसरे दौर की बैठकों में हमारे डिजाइन को खारिज कर दिया गया था। 2023 में, थीम नारी शक्ति थी, हमारे डिजाइन को फिर से खारिज कर दिया गया था और 2024 में, थीम भारत और विकास है। इस झांकी को फिर से खारिज कर दिया गया। उन्होंने कहा कि इस बार आगामी गणतंत्र दिवस परेड के लिए पंजाब सरकार की झांकी को भी खारिज कर दिया गया है। केंद्र सरकार आप सरकार से केवल बदला लेने के लिए यह सब कर रही है।

 

गणतंत्र दिवस के लिए झांकियों का चयन

झांकियां हर साल गणतंत्र दिवस परेड का एक जरूरी भाग होती हैं क्योंकि जब परेड कर्तव्य पथ पर गुजरती है तो यह भारतीय राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की विविध संस्कृति और परंपराओं को दिखाती है। 

झांकियों का चयन एक अच्छी तरह से स्थापित प्रक्रिया है जिसमें एक विशेषज्ञ समिति शामिल होती है जिसमें कला, संस्कृति, चित्रकला, मूर्तिकला, संगीत, वास्तुकला, कोरियोग्राफी आदि जैसे विभिन्न विषयों के लोग शामिल होते हैं। विशेषज्ञों के पैनल का निर्देशन रक्षा मंत्रालय द्वारा किया जाता है। हालांकि सरकार को लगभग सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से प्रस्ताव मिलते हैं, लेकिन विशेषज्ञ कमेटी द्वारा बैठकों की एक श्रृंखला में उनका मूल्यांकन किया जाता है।

प्रस्तावों की जांच

सिफारिशें करने से पहले प्रस्तावों की थीम, डिजाइन और विजुअल प्रभाव के आधार पर जांच की जाती है। इनका मूल्यांकन करने के लिए भी कई चरण होते हैं। यह स्केच, डिजाइन और प्रदर्शन के विषयों के साथ शुरू होते हैं। विशेषज्ञ समिति और राज्यों, केंद्रशासित प्रदेशों, विभागों, मंत्रालयों के बीच कई बातचीत के बाद, झांकी के त्रि-आयामी मॉडल के साथ इसका समापन होता है। आखिरी रूप से चयन करने से पहले जनता पर प्रभाव, इसके पीछे का विचार और संगीत की जांच की जाती है। चयन प्रक्रिया एक क्षेत्रीय प्रणाली पर आधारित होती है। इसमें राज्यों-केंद्रशासित प्रदेशों को छह क्षेत्रों में बांटा जाता है। उत्तरी, मध्य, पूर्वी, पश्चिमी, दक्षिणी और उत्तर पूर्वी। दिल्ली की झांकियों के शामिल न होने से न केवल आम आदमी पार्टी के निराश हैं, वहीं दिल्लीवालों का भी मायूस होना लाजमी है। 

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