Delhi Hospitals Investigation: दिल्ली में पिछली आम आदमी पार्टी की सरकार के दौरान कई अस्पतालों का निर्माण किया गया था। वहीं, अब बीजेपी सरकार की ओर से इन अस्पतालों की जांच कराई जा रही है, क्योंकि पिछली सरकार के ऊपर स्वास्थ्य क्षेत्र में भ्रष्टाचार के आरोप हैं। बता दें कि आप सरकार ने अपने कार्यकाल के दौरान दिल्ली में 4 नए अस्पताल और 7 आईसीयू वाले हॉस्पिटल ब्लॉक के निर्माण का काम शुरू करवाया था। लोक निर्माण विभाग (PWD) की ओर से इन अस्पतालों की जांच की जा रही है।
सूत्रों के मुताबिक, शुरुआती जांच में ही कई गड़बड़ियां सामने आई हैं। दिल्ली का सबसे बड़ा ट्रॉमा सेंटर मंगोलपुरी संजय गांधी परिसर में बनकर तैयार हुआ है, लेकिन यहां पर मरीजों के लिए रैंप ही नहीं बनाया गया है। बताया जा रहा है कि दिल्ली की पुरानी सरकार के दौरान पीडब्ल्यूडी ने कई अस्पतालों का निर्माण बिना बिल्डिंग प्लान पास कराए ही शुरू कर दिया था।
6 साल में पूरा नहीं हो पाया निर्माण
बता दें कि पिछली सरकार ने दिल्ली के अंदर कुल 3,237 बेड वाले चार अस्पतालों के निर्माण का प्लान तैयार किया था। इसमें सिरसपुर में 1,164, ज्वालापुरी में 691, हस्तसाल में 691 और मादीपुर में 691 बेड का अस्पताल बनाया जाना था। इन सभी अस्पतालों को बनाने का काम भी शुरू हो गया था, लेकिन 6 सालों के बाद किसी अस्पताल का निर्माण कार्य पूरा नहीं हो पाया। बता दें कि जून 2021 में पीडब्ल्यूडी ने हस्तसाल में अस्पताल निर्माण का कार्य शुरू किया था, जो कि जून 2023 तक पूरा होना था। लेकिन अभी तक सिर्फ 51 फीसदी ही पूरा हो पाया है।
इसके अलावा सिरसपुर अस्पताल का निर्माण कार्य 77 फीसदी, ज्वालापुरी अस्पताल का 80 फीसदी, मादीपुर अस्पताल का 81 फीसदी ही पूरा हो पाया है। इतना ही नहीं, जांच में सामने आया है कि हस्तसाल में अस्पताल के निर्माण का काम बिना बिल्डिंग प्लान पास कराए ही शुरू कर दिया गया था। अभी तक इसके निर्माण पर 16 करोड़ से भी ज्यादा रुपए खर्च किए जा चुके हैं।
सरकार को जल्द सौंपी जाएगी रिपोर्ट
दिल्ली का सबसे बड़ा ट्रामा सेंटर का निर्माण मंगोलपुरी के संजय गांधी अस्पताल परिसर में साल 2019 में सितंबर के महीने में शुरू किया गया था, जो कि साल 2021 में पूरा होने वाला था। इसके निर्माण कार्य में काफी देरी हुई, लेकिन अब यह बनकर तैयार हो चुका है। हालांकि जांच में पता चला कि पूरे अस्पताल में मरीजों के लिए कहीं पर भी रैंप नहीं बनाया गया है। सूत्रों के मुताबिक, अभी तक पीडब्ल्यूडी की जांच में नए अस्पतालों और ब्लॉकों में कई गड़बड़ियां पाई गई हैं। इसकी जांच पूरी होने के बाद सरकार को फाइनल रिपोर्ट सौंपी जाएगी।
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