Rouse Avenue Court: दिल्ली की बीजेपी सरकार में कानून और न्याय मंत्री कपिल मिश्रा की मुश्किलें बढ़ चुकी है। दिल्ली में 2020 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान उन्होंने 8 फरवरी को एक विवादित बयान दिया था। कपिल मिश्रा पर आरोप है कि उन्होंने दिल्ली में अशांति फैलाने के लिए पाकिस्तान शब्द का इस्तेमाल किया था। आरोप है कि कपिल मिश्रा ने कहा था दिल्ली की सड़कों पर भारत बनाम पाकिस्तान मुकाबला होने वाला है।
11 नवंबर 2023 को दर्ज हुई थी शिकायत
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस मामले में 11 नवंबर 2023 को कपिल मिश्रा के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई थी। इस मामले में कोर्ट इससे पहले भी कई बार संज्ञान ले चुकी है और अब उसी मामले में दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट का बयान आया है। कोर्ट ने कहा कि कपिल मिश्रा ने जानबूझकर 2 धर्म के लोगों के बीच अशांति पैदा करने के लिए इस तरह का बयान दिया था। धर्म के नाम पर नफरत फैलाने और दुश्मनी को बढ़ावा देने के लिए कपिल मिश्रा ने इस शब्द को गढ़ा था। इसी को लेकर कोर्ट ने शुक्रवार को एक समन के खिलाफ कपिल मिश्रा की पुनरीक्षण याचिका खारिज कर दी गई।
RPA की धारा 25 के तहत केस दर्ज
कोर्ट ने आगे यह भी कहा कि कपिल मिश्रा चुनाव अभियान के दौरान होने वाले सांप्रदायिक ध्रुवीकरण को लेकर बेपरवाह दिखे, वह सिर्फ वोट हासिल करने के लिए इस तरह की बयानबाजी कर रहे थे। आरपीए की धारा 25 के तहत दर्ज केस में यह दर्शाया गया है कि कपिल मिश्रा ने 2020 चुनाव के दौरान मीडिया में वोट बटोरने के लिए आपत्तिजनक बयान दिए थे।
उन्होंने कहा था कि 'दिल्ली में छोटे-छोटे पाकिस्तान बने और शाहीन बाग में पाकिस्तान की एंट्री हो चुकी है।' इसको लेकर कोर्ट ने यह भी कहा कि किसी खास देश को लेकर इस तरह का बयान देना साफ दर्शाता है कि वह अशांति पैदा करने की कोशिश कर रहे थे, इस चाल को एक आम आदमी भी समझ सकता है।
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