Delhi Crime News: दिल्ली में 2 आरोपियों ने मिलकर काफी चालाकी से सेनको गोल्ड लिमिटेड कंपनी को कोरोना काल के दौरान 40 लाख का चूना लगाया था, लेकिन अब वह पुलिस के हत्थे चढ़ गया है। आरोपियों ने ग्राहक के नाम पर 40 लाख के फर्जी बिल बनाए और गहने लेकर फरार हो गए। कंपनी के जोनल मैनेजर सुमित सोनी ने फौरन इसकी शिकायत पुलिस में की, अब 4 साल बाद आरोपी गिरफ्त में आया है।
इन 2 आरोपियों ने दिया था फ्रॉड को अंजाम
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, द्वारका साउथ पुलिस ने फर्जी बिल बनाकर 40 लाख की ज्वेलरी चुराने के आरोप में जिन दो लोगों को अरेस्ट किया है, उनमें पहला नाम योगेश सिंह है, जो 32 साल का है, वह उत्तम नगर के ओम विहार का रहने वाला है। इसके अलावा दूसरा आरोपी 32 वर्षीय दीपक है, जो श्याम नगर का रहने वाला है। आरोपी बीते चार साल से फरार थे। अब जब वह गिरफ्त में आया, तो पुलिस पूछताछ में बताया कि कोरोना काल में कर्ज बंद हो गये थे। इसके बाद कंपनी में ही फर्जीवाड़ा कर दिया था।
डीसीपी अंकित सिंह के अनुसार इस मामले को लेकर द्वारका साउथ थाने में 2020 में मुकदमा दर्ज हुआ था। शिकायत सेनको गोल्ड लिमिटेड कंपनी के जोनल मैनेजर सुमित सोनी ने की थी। उन्होंने कहा था कि 30 जुलाई 2020 को कंपनी ने योगेश, जो सहायक स्टोर मैनेजर था और दीपक जो कि कैशियर था, उन्होंने 40 लाख की धोखाधड़ी की थी। दोनों ने फर्जी चालान बनाकर 40 लाख रुपये की ज्वेलरी का गबन किया था। पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू की तो दोनों फरार हो गये। दोनों ने अपने ठिकाने और मोबाइल नंबर भी बदल दिये थे।
दीपक था धोखाधड़ी का मास्टरमाइंड
एसीपी द्वारका मदन लाल मीणा की टीम आरोपियों के रिश्तेदारों के 50 से अधिक मोबाइल नंबरों पर नजर रख रही थी। लोकल इंटेलिजेंस की भी मदद ली गई। एक सूचना पर योगेश सिंह को गिरफ्तार किया गया। उससे हुई पूछताछ के बाद दूसरे आरोपी दीपक को भी पकड़ लिया गया। दीपक इस धोखाधड़ी का मास्टरमाइंड था। दोनों ने अलग-अलग ग्राहकों के नाम पर आभूषणों के जाली चालान तैयार कर जून 2020 में मौका देख ज्वेलरी चोरी कर ली थी।
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