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27 साल पहले 13 जून 1997 को बॉर्डर फिल्म रिलीज हुई थी। दिल्ली के उपहार सिनेमा में भी बॉर्डर फिल्म का पहला शो चल रहा था कि अचानक भयानक आग लग गई। पढ़िये आगे क्या हुआ...

बॉलीवुड के तारा सिंह यानी सनी देओल गदर-2 के बाद अब बॉर्डर-2 लेकर आ रहे हैं। इसकी घोषणा स्वयं सनी देयोल ने वीडियो शेयर करते की है। उन्होंने लिखा है कि 27 साल पहले एक फौजी ने वापस आने का जो वादा किया था, अब उसे वादे को पूरा करने और हिंदुस्तान की मिट्टी को सलाम करने के लिए आ रहा है। सनी के इस वीडियो से जहां उनके प्रशसंकों में खुशी की लहर है, वहीं इस वीडियो ने  दिल्ली के 27 साल पुराने जख्म को भी हरा कर दिया है।

दरअसल, 27 साल पहले 13 जून 1997 को बॉर्डर फिल्म रिलीज हुई थी।  दिल्ली के उपहार सिनेमा में भी बॉर्डर फिल्म का पहला शो चल रहा था। मध्यांतर के समय अचानक इस थियेटर में अचानक आग लग गई। आग इतनी तेजी से भड़की कि किसी को भी संभलने का मौका नहीं मिला। इस आग में 59 लोगों की मौत हुई थी, जबकि 100 से ज्यादा लोग गंभीर रूप से झुलसे। यह घटना इतनी भीषण थी कि किसी ने अपने बच्चों को गंवा दिया तो किसी ने मां-बाप को। आज भी कई लोग शरीर पर जख्म लेकर तो कुछ लोग दिलों में अपनों को खोने की पीड़ा लेकर घूम रहे हैं।

इन गलतियों के चलते लोगों की गई जान

एक्शन  दिल्ली के ग्रीन पार्क स्थित इस उपहार सिनेमाघर का प्रबंधन इस घटना के लिए जिम्मेदार पाया गया था। जांच में पता चला था कि यह शो हाउसफुल था। एग्जिट गेट को बंद कर दिया गया। आग लगने के बाद भी बिजली की सप्लाई बंद हो गई। दर्शकों को भागने के लिए जगह तक नहीं दिखाई दी। लोग एग्जिट गेट पर पहुंचे तो वहां भी लॉक मिला। आग इतनी तेजी से फैली कि कुछ लोगों की दम घूटने और भगदड़ में मौत हो गई, जबकि कुछ लोगों ने जलने से दम तोड़ दिया।

पुलिस ने लिया था यह एक्शन

पुलिस ने उपहार सिनेमा थियेटर के मालिकों के अलावा कई अधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज किया गया। लापरवाही के लिए जिम्मेदार अधिकारियों को सस्पेंड किया गया था और उपहार सिनेमा मालिक सुशील अंसल व उसके बेटे प्रणव अंसल को भी 27 जुलाई 1997 को मुंबई में गिरफ्तार किया गया था। हालांकि बाद में उन्हें रिहा कर दिया गया।

कोर्ट के आदेश पर भविष्य में ऐसी घटना न होने के लिए गाइडलाइंस जारी की गई थी, जिसके बाद कई पुराने सिनेमाघरों को बंद भी होना पड़ा। दिल्ली का फेमस रीगल सिनेमा भी इसी वजह से बंद किया गया था क्योंकि वह इन गाइडलाइंस पर खरा नहीं उतरा था। आज 27 साल हो चुके हैं, लेकिन आज भी उस घटना की पीड़ा लोगों के दिलों में ताजा बनी है।

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