Supreme Court On Water Shortag: दिल्ली में पानी के संकट को लेकर आज गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राज्यों के बीच यमुना जल बंटवारे का मुद्दा जटिल और संवेदनशील है। इस मामले में इस अदालत के पास विशेषज्ञता नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा कि पानी के बंटवारे का अपर यमुना नदी बोर्ड (UYRB) पर छोड़ दिया जाना चाहिए।
साथ ही कोर्ट ने यमुना बोर्ड को निर्देश दिया कि वह कल सभी पक्षों के साथ बैठक बुलाए और दिल्ली जल संकट पर जल्द से जल्द फैसला ले। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को निर्देश दिया है कि वह मानवीय आधार पर विचार के लिए शाम बजे तक बोर्ड के सामने आवेदन करें। इस हिमाचल प्रदेश ने 137 क्यूसेक अतिरिक्त पानी दिल्ली को देने वाले बयान को सुप्रीम कोर्ट में वापस ले लिया है।
The issue of sharing Yamuna water between states is a complex and sensitive issue and this court does not have expertise, the Supreme Court says.
— ANI (@ANI) June 13, 2024
SC says the issue should be left over to UYRB (Yamuna Board) on the sharing of water. SC directs UYRB (Yamuna Board) to convene a… pic.twitter.com/xAZ75L4Upr
हिमाचल ने अतिरिक्त पानी देने से झाड़ा पल्ला
दिल्ली में पानी संकट के बीच हिमाचल प्रदेश ने भी अपना पल्लाझाड़ लिया है। राष्ट्रीय राजधानी के लिए अतिरिक्त 137 क्यूसेक पानी देने का वादा करने वाले हिमाचल सरकार भी अब अपने वादे से मुकर गई है। सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को हिमाचल प्रदेश ने अपनी पुराना बयान वापस ले लिया है। हिमाचल सरकार ने कहा कि उसके पास अतिरिक्त पानी नहीं है।
बता दें कि जल संकट को लेकर दिल्ली सरकार की ओर दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट 6 जून को हिमाचल प्रदेश सरकार को आदेश दिया था कि वे दिल्ली को 137 क्यूसेक अतिरिक्त पानी पूरे एक महीने तक दें। इसके साथ ही कोर्ट ने कहा था कि हरियाणा सरकार उसमें रोड़ा नहीं अटकाएगा।