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West Delhi Lok Sabha Chunav: पहली बार पश्चिमी दिल्ली लोकसभा सीट पर 2009 में चुनाव हुआ था। उस समय कांग्रेस पार्टी ने जीत दर्ज की थी। इसके बाद 2014 और 2019 में यहां पर बीजेपी ने जीत दर्ज की।

West Delhi Lok Sabha Seat: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की सात लोकसभा सीटों में सबसे नई लोकसभा सीट है पश्चिमी दिल्ली। यह सीट 2008 में अस्तित्व में आई थी। यहां पहली बार 2009 में लोकसभा का चुनाव हुआ, अब तक 3 बार इस सीट पर चुनाव हुए हैं। हालांकि, अब चौथी दफा 25 मई 2024 को होने वाला है। यह सीट कई मायनों में काफी खास मानी जाती है। इस सीट पर हुए पिछले तीन चुनाव के परंपरा के मुताबिक जिस पार्टी ने पश्चिमी लोकसभा सीट को जीता उस केंद्र में सरकार बनाई।

हैट्रीक लगाने की कोशिश में जुटी बीजेपी

पहली बार इस सीट पर 2009 में कांग्रेस पार्टी ने जीत दर्ज की थी। इसके बाद 2014 और 2019 में यहां पर बीजेपी ने जीत दर्ज की। इस बार दिल्ली में इंडिया गठबंधन का घटक दल कांग्रेस और आम आदमी पार्टी साथ मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं। कांग्रेस और आप के सीट शेयरिंग के फार्मूले के तहत यह सीट आप के पाले में गई है। जहां पहले इस सीट पर बीजेपी, कांग्रेस और आप के बीच त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिलता था तो वहीं इस बार बीजेपी और आप की सीधी टक्कर देखने को मिलेगी। ऐसे में पश्चिमी दिल्ली लोकसभा सीट पर इस बार काफी दिलचस्प मुकाबला देखने को मिलने वाला है। तो चलिए देखते हैं कि इस सीट का समीकरण क्या कहता है...                         

लोकसभा चुनाव 2024 में किसके बीच मुकाबला

बीजेपी ने लोकसभा चुनाव 2024 के लिए जहां कमलजीत सहरावत को टिकट दिया है, तो वहीं आम आदमी पार्टी ने महाबल मिश्रा को उम्मीदवार बनाया है। दोनों ही पार्टी की ओर से दिग्गज नेता मैदान में हैं। इस सीट पर 2014 के लोकसभा चुनाव में आप ने काफी अच्छा प्रदर्शन करते हुए दूसरे स्थान पर रही थी। लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव में तीसरे स्थान पर आ गई थी। इस बार कांग्रेस का समर्थन मिलने के बाद टक्कर एकदम कांटे की बताई जा रही है। बीजेपी के प्रवेश वर्मा यहां के सांसद हैं। उन्होंने 2019 के चुनाव में कांग्रेस के महाबल मिश्रा को 5 लाख से ज्यादा वोटों से हराया था।

2019 लोकसभा चुनाव के नतीजे

बता दें कि 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के प्रवेश वर्मा को 8,65,648 वोट मिले थे। वहीं महाबल मिश्रा को 2,87,162 वोट हासिल हुए थे। यानी प्रवेश वर्मा ने 5 लाख से ज्यादा वोटों से जीत दर्ज की थी। तीसरे नंबर पर आप के बलबीर सिंह थे। उन्हें 251873 वोट मिले थे। इसके अलावा 2014 के लोकसभा चुनाव की बात की जाए तो इस दौरान भी परवेश वर्मा ने जीत हासिल की थी। उन्होंने आप के जरनैल सिंह को हराया था। प्रवेश वर्मा को 651395 वोट मिले थे तो जरनैल सिंह के खाते में 383809 वोट आए थे। प्रवेश वर्मा ने 2 लाख वोटों के अंतर से जीत हासिल की थी। लगातार दो बार बेहतरीन प्रदर्शन करने के बाद भी बीजेपी ने इस बार वर्मा का टिकट काट दिया है।

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2009 में कांग्रेस के पाले में गई थी सीट 

वहीं, इस सीट पर हुए पहले लोकसभा चुनाव यानी 2009 की बात करें तो उस दौरान कांग्रेस के महाबल मिश्रा ने जीत दर्ज की थी। उनके खाते में करीब 5 लाख वोट आए थे। वहीं बीजेपी के जगदीश मुखी को 3 लाख वोट मिले थे। लेकिन 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान मोदी लहर में यह सीट गंवानी पड़ी। बताते चलें कि सहरावत के लिए जहां यह पहला लोकसभा का चुनाव है तो वहीं मिश्रा के लिए चौथा लोकसभा का चुनाव होगा।

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पश्चिमी दिल्ली लोकसभा सीट पर 24 लाख से ज्यादा वोटर्स

जानकारी के मुताबिक इस सीट पर 24 लाख 88 हजार मतदाता हैं। पश्चिमी दिल्ली सीट की गिनती शहर की सबसे बड़ी लोकसभा सीट में भी होती है। यहां की साक्षरता दर करीब 78 फीसदी है। इस लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत लगभग 17 प्रतिशत मतदाता हैं।  जिनमें 13.27 लाख पुरुष और 11.61 लाख महिला वोटर्स शामिल हैं। इस सीट पर 80 वर्ष से अधिक आयु के मतदाताओं की संख्या बाकि 6 सीटों के मुकाबले सबसे ज्यादा है। 

इस लोकसभा सीट के अंतर्गत 10 विधानसभा की सीट आती हैं। जिनमें विकासपुरी, नजफगढ़, मादीपुर, उत्तम नगर, मटियाला, द्वारका, हरिनगर, राजौरी गार्डन, जनकपुरी और तिलक नगर शामिल हैं। इस लोकसभा क्षेत्र में आने वाली सभी विधानसभा की सीटों पर आम आदमी पार्टी का कब्जा है। हालांकि, अब लोकसभा चुनाव में देखना होगा कि इस बार यह सीट किसके पाले में जाती है।

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