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हरियाणा के अंबाला से नगर निगम से 36 करोड़ की स्ट्रीट लाइट्स गायब होने का मामला सामने आया है। इसके लिए डिप्टी मेयर राजेश मेहता ने राज्य सरकार पर आरोप लगाए है।

Ambala Street Lights Scam:  हरियाणा के अंबाला से नगर निगम से 36 करोड़ की स्ट्रीट लाइट्स गायब हो गई। डिप्टी मेयर राजेश मेहता ने इसके लिए नगर निगम के अफसरों को जिम्मेदार ठहराया है। उनका आरोप है कि राज्य सरकार के इशारे पर अफसरों ने यह कारनामा किया है।  मेहता की मानें तो निगम में यह अब तक का सबसे बड़ा घोटाला है। अब तमाम अफसर गायब लाइटों को लेकर जवाब देने से बच रहे हैं।

नगर निगम ऑफिस में मीडिया से बातचीत करते हुए राजेश मेहता ने कहा कि यह जनता के साथ धोखा है। इसका हिसाब जरूर लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि नगर निगम में अब तक कई घोटालों को अंजाम दिया गया है। चौकों के निर्माण में जनता के खून पसीने की कमाई को अफसरों के साथ ठेकेदार मिलकर हड़प गए। जांच के नाम पर कुछ नहीं हुआ। महाबीर पार्क,बाल भवन निर्माण में भी बड़े स्तर पर अनियमितताएं हो रही हैं। खुलासा होने के बावजूद राज्य सरकार की ओर से कोई जांच नहीं करवाई गई। प्रॉपर्टी आईडी के नाम पर हो घोटाला हुआ है। शिकायत के बावजूद किसी अफसर ने इसकी जांच नहीं करवाई। इसके जरिए जनता के पैसे का दुरुपयोग किया गया है।

शहर के अलग-अलग इलाकों में लगाई जानी थी स्ट्रीट लाइट्स

डिप्टी मेयर राजेश मेहता ने कहा यह स्ट्रीट लाइट्स शहर के अलग अलग इलाकों में लगाई जानी थी। इसमें गांव के वो इलाके भी थे जो निगम के अंदर शामिल हुए थे लेकिन यह लाइट्स जमीन खा गई या आसमान निगल गया। इसका जवाब कोई भी देने को तैयार नहीं है। इस दौरान डिप्टी मेयर राजेश मेहता के साथ वार्ड नंबर 1 से निगम सदस्य जसबीर सिंह व वार्ड 19 से निगम सदस्य राकेश सिंगला ने भी निगम के कई घोटाले उजागर किए। उन्होंने साफतौर पर स्ट्रीट लाइट्स का घोटाला होने की बात कही। सिंगला ने कहा कि उनके वार्ड स्ट्रीट लाइट्स की जरूरत है। इसको लेकर डिमांड भेजी गई थी लेकिन खरीद के बावजूद उन्हें लाइट नहीं मिली। निगम सदस्य जसबीर सिंह ने कहा उनके इलाके में कई गांव आते हैं। यहां शाम होते ही अंधेरा हो जाता है। डिमांड भेजी गई थी लेकिन लाइट्स नहीं मिली।

20 वार्डों में लगनी थी 27 हजार लाइट

राज्य सरकार की ओर से अंबाला शहर नगर निगम के सभी 20 वार्डों में 27 हजार स्ट्रीट लाइटें लगाई जानी है। हाउस में कई बार यह मामला उठा। डिप्टी मेयर राजेश मेहता ने बताया कि लंबी लड़ाई के बाद निगम की ओर से वार्डों में स्ट्रीट लाइटें लगाने का काम शुरू हुआ था। शुरुआत में हर निगम सदस्य को कुछ लाइटें उपलब्ध कराई थी। इसके बाद किसी निगम सदस्य को लाइट नहीं मिली। जबकि ज्यादा वार्डों की रिहायशी कॉलोनियों में अंधेरा छाया हुआ है।मेहता ने कहा कि चुनावी आचार संहिता का हवाला देकर इन लाइटों को गायब करवाया गया है। जबकि निगम की ओर से स्ट्रीट लाइट लगाने का काम काफी समय पहले शुरू किया गया था।

सत्ता में आते ही होगी जांच

डिप्टी मेयर राजेश मेहता ने कहा कि कांग्रेस के सत्ता में आते ही निगम में हुए सभी घोटालों की जांच होगी। उन्होंने कहा कि सत्ता के इशारे पर अफसरों ने निगम में खूब मलाई खाई है। हर अफसर को इसका हिसाब देना होगा। उन्होंने कहा कि किसी भी भ्रष्ट अफसर को बख्शा नहीं जाएगा। इस दौरान मेहता ने मंत्री व मेयर की भूमिका पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि दोनों की नजर के सामने निगम में घोटाले हो रहे हैं। मगर इन लोगों ने जानबूझकर आंखें मूंद रखी हैं।

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