मुलाना/अंबाला: मारकंडा नदी पर घूमने आए चार युवकों में से एक किशोर की नदी में डूबने से मौत हो गई। 16 साल का अजय अपने दोस्तों के साथ बीते मंगलवार की देर शाम घूमने आया था। जिसके बाद वह नहाने नदी में उतरा और डूब गया। सर्च अभियान में देरी से क्रोधित ग्रामीणों ने नेशनल हाइवे पर जाम लगा दिया। 10 मिनट तक हाइवे जाम रहा। सूचना पाकर पुलिस मौके पर पहुंची और ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया। वहीं, गोताखोरों ने युवक के शव को बरामद कर लिया। जिसे पुलिस ने पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल भेज दिया।
मारकंडा नदी में नहाने उतरा युवक
मंगलवार शाम चार दोस्त नदी किनारे घूमने आए। अजय मारकंडा नदी में नहाने के लिए उतर गया। इसके बाद वह आंखों से ओझल हो गया। उसके साथियों ने काफी आवाज दी, लेकिन अजय की तरफ से कोई जवाब नहीं आया। इसके बाद अजय के साथी घबरा गए। गांव में जाकर इसकी सूचना दी। अजय के मारकंडा नदी में डूब जाने की सूचना मिलते ही परिजनों समेत भारी संख्या में ग्रामीण मारकंडा नदी पर अजय की तलाश में पहुंचे। अंधेरा अधिक हो जाने के कारण अजय का कोई सुराग नहीं लगा। मामले की सूचना पुलिस को दी। सूचना मिलते ही पुलिस व फायर ब्रिगेड मौके पर पहुंची। काफी देर बाद जब प्रशासन ने अजय को मारकंडा नदी से निकालने को लेकर कोई सर्च अभियान नहीं चलाया तो ग्रामीणों ने देर रात नेशनल हाइवे जाम कर दिया।
गोताखोरों ने निकाला शव
ग्रामीणों द्वारा नेशनल हाइवे पर जाम लगाने के बाद दोनों तरफ का ट्रैफिक रुक गया। ग्रामीणों को पुलिस ने समझाने का काफी प्रयास किया, लेकिन ग्रामीणों का कहना था कि गांव का युवक अजय तीन घंटे से नदी में डूबा हुआ है लेकिन प्रशासन की तरफ से कोई कार्रवाई नहीं की जा रही। जब तक पुलिस ग्रामीणों को समझाने में जुटी थी, तभी पता चला कि राजीव गोताखोर यमुनानगर की टीम ने अजय के शव को मारकंडा नदी से बाहर निकाल लिया है। इसके बाद ग्रामीणों ने जाम खोला। अजय को बाहर निकाले जाने के तुरंत बाद एमएम अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
2 बहनों का भाई था अजय
बुधवार को शव का पोस्टमार्टम करवाकर परिजनों को सौंप दिया। मृतक अजय दो बहनों का इकलौता भाई था। अजय की मौत की खबर से गांव में मातम पसर गया। अजय के माता पिता व बहनों का रो रो कर बुरा हाल है। अजय के पिता गांव में ही सीएससी चलाते हैं। अजय 11वीं कक्षा में नॉन मेडिकल का छात्र था।
5 किलोमीटर दूर से खींच लाई मौत
बताया जा रहा है कि यह हादसा होने से पहले नोहनी गांव स्थित पशु अस्पताल में अजय अपने साथियों के साथ वॉलीवाल खेल रहा था। उसके बाद उनका मुलाना मारकंडा नदी पर आने का प्रोग्राम बना। वह साथियों के साथ पांच किलोमीटर दूर पैदल मारकंडा नदी के पुराने पुल पर पहुंचे। अजय नदी में उतर गया, जबकि साथी किनारे पर खड़े थे। एक बार अजय नहाकर वापिस बाहर भी आया, लेकिन उसके बाद वह फिर से नदी में नहाने उतर गया। इस बार वह बाहर नहीं आया। मारकंडा नदी में नहाने उतरे युवक का कई घंटे कोई सुराग नहीं लगा।
नदी में बन जाते हैं गहरे कुंड
मारकंडा नदी में जब पानी का तेज बहाव आता है तो पानी का बहाव रेत निकाल कर कई जगह अत्यधिक गहराई कर देता है। इस गहराई के बारे में अंदाजा लगाना कठिन होता है। यह भी पता नहीं लग पाता कि पानी ने कहां कुंड बनाया है । कई जगह पानी मात्र दो या तीन फीट होता है लेकिन उससे अगले कदम पर कुंड की गहराई भी हो सकती है। इसलिए लोगों को इस बात की जानकारी होती है। वे बरसाती मौसम में इस नदी में उतरने से गुरेज करते है। गोताखोरों का भी कहना है कि इन कुंडों की गहराई मापना आसान नहीं है। इसमें अत्यधिक नीचे जाने में उन्हें भी खतरा है। कुछ फीट नीचे दलदल होती है। इस दलदल मे फंसने के बाद निकलना बहुत मुश्किल हो जाता है।
नदी के तट पर न जाए लोग
सिंचाई विभाग के एसडीओ नितीश चंदेल ने बताया कि मारकंडा नदी में एक बच्चे की डूबने का मामला सामने आया है। वह सभी क्षेत्रवासियों से अपील करते है कि मानसून का मौसम जारी है जिस कारण पहाड़ों से निकलने वाली नदियां नाले ओवरफ्लो रहते हैं। क्षेत्र में अनाउंसमेंट कराई थी कि नदी के तट पर न जाए, हादसा घटित हो सकता है। इसके बाद भी लोग नहीं सुधर रहे और अपनी जान से हाथ धो रहे हैं।