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हरियाणा के भिवानी में दीपावली के बाद आबोहवा में घुला प्रदूषण लोगों के लिए मुसीबत बन गया है। दमघोटू स्तर पर पहुंचे एयर क्वालिटी इंडेक्स ने सांस लेना मुश्किल कर दिया है। इससे लोगों को कई प्रकार की परेशानी भी हो रही हैं।

भिवानी: दीपो का उत्सव हर किसी के जीवन में खुशियां व उल्लास लेकर आता है, लेकिन दिवाली पर्व पर लोगों द्वारा जमकर की गई आतिशबाजी व पटाखों के धूंए व उनसे निकलने वाली जहरीली गैस ने पयार्वरण को पूरी तरह से प्रदूषित कर दिया। जिसके कारण शुक्रवार सुबह छह बजे एक्यूआई 355 के स्तर पर पहुंच गया। हालांकि दिन में उत्तर पश्चिम की तरफ से हवा चली तो एक्यूआई के नखरे थोड़े ढीले जरूर हुए, लेकिन देर शाम एक्यूआई 290 के आसपास बना हुआ था। दूसरी तरफ ज्यादा पर्यावरण प्रदूषित होने की वजह से लोगों का सांस लेना भी दूभर होने लगा। आंखों में जलन से आमजन परेशान नजर आए।

जहरीली हवा ने किया परेशान

पटाखों के कारण हुए जहरीली हुई हवा ने सांस के मरीजों के लिए परेशानी खड़ी कर दी। सांस की बीमारी से पीड़ित लोगों के बार बार सांस टूटते नजर आए। कोई चिकित्सकों के पास तो कई उपचार के बाद अपने घरों में ही रहे। बढे़ हुए प्रदूषण से हर कोई परेशान नजर आया। मौसम विभाग के अनुसार 0 से 50 के बीच एक्यूआई को अच्छा, 51 से 100 को सामान्य, 101 से 200 को मध्यम, 201 से 300 को खराब, 301 से 400 को बहुत खराब और 401 से 500 को गंभीर माना जाता है। ऐसे में लोगों को सांस लेना मुश्किल हो रहा है।

आंखों में शुरू हुई जलन

सुबह जब लोग सो कर उठे तो उस वक्त कड़ाके की सर्दी की तरह आसमान में पतली धुंध जैसी पर्त छाई हुई थी। धूंए की वजह से आसमान में धुंधियाला सा बना हुआ था। इस वक्त लोगों की आंखों में जलन हो रही थी और एक्यूआई 355 पर पहुंचा हुआ था, जो लाल निशान पर था। यह मनुष्य की सेहत के लिए हानिकारक होता है। अगर इससे थोड़ा और ज्यादा हो जाए तो लोगों का सांस लेना दूभर हो जाता है, लेकिन गनीमत रही कि कुछ देर बाद उत्तर व पश्चिमी हवा चलने लगी, जिसकी वजह से एक्यूआई में थोड़ा सुधार आया और एक्यूआई घटकर 290 पर आ गया। हालांकि यह भी सेहत के लिए हानिकारक है, लेकिन सुबह की अपेक्षा कम माना जाता है।

देर रात तक फूटते रहे पटाखे

दिवाली पर्व पर पूरे जिले में देर रात तक पटाखे फूटते रहे। ध्वनि प्रदूषण ने लोगों की नींद हराम कर दी। मोटे अनुमान के मुताबिक पूरे जिले में करीब 50 से 60 क्विटंल पटाखे, बम व गंधक पटास जला, जिनसे जबरदस्त मात्रा में जहरीली गैस व धूंआ निकला। इसने पर्यावरण में जहरीली गैसे घोल दी, जिससे भिवानी, बवानीखेड़ा, लोहारू, सिवानी व अन्य जगहों का एक्यूआई के पंख लग गए।

आग से बढ़ा एक्यूआई का स्तर

रात भर पटाखों की ध्वनि व उनसे निकलने वाली जहरीली गैसों ने आमजन का जीना दूभर कर दिया। सुबह थोड़ी सी हवा चली तो लोगों को प्रदूषित पर्यावरण से राहत मिलने की उम्मीद जगी। वहीं दोपहर बाद सामान्य अस्पताल के पास अचानक कचरे के ढेर में आग की लपटें निकलने लगी। लोगों ने इसकी सूचना दमकल विभाग को दी। दमकल विभाग का दस्ता मौके पर पहुंचा और सुलग रही आग को बुझाया। एक बार तो आग व धूंए के गुब्बार से लोगों की आंखों में जबरदस्त चुभन बनी। बाद में आग बुझी और हवा चली तो पर्यावरण थोड़ा सा ठीक हुआ।

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