हरियाणा की भिवानी विधानसभा सीट को लेकर बड़ी खबर सामने आ रही है। खबरों की मानें तो कांग्रेस ने भिवानी विधानसभा सीट से प्रत्याशी न उतारने का फैसला किया है। यही नहीं, सोहना विधानसभा सीट पर भी मंथन चल रहा है। सूत्रों की मानें तो यह दोनों सीटें इंडिया गठबंधन को साथियों को ऑफर की जा सकती हैं। आइये समझने का प्रयास करते हैं कि कांग्रेस इस महत्वपूर्ण सीट पर स्वयं चुनाव लड़ने से क्यों परहेज कर रही है।
भिवानी विधानसभा सीट हरियाणा की महत्वपूर्ण विधानसभा सीटों में शुमार है। इस सीट पर बीजेपी ने घनश्याम सराफ और आम आदमी पार्टी ने इंदू शर्मा को चुनावी मैदान में उतारा है। घनश्याम सराफ यहां से तीन बार विधायक रह चुके हैं। उन्हें अब चौथी बार विधायक बनाने के लिए मैदान में उतारा है।
आप प्रत्याशी इंदू शर्मा की बात करें तो वे पूर्व मंत्री डॉक्टर वासुदेव शर्मा की पुत्रवधु हैं। उन्होंने 2022 के नगर परिषद अध्यक्ष चुनाव में बीजेपी और कांग्रेस के मुकाबले अधिक वोट हासिल किए थे, लेकिन निर्दलीय प्रत्याशी से करीब 3000 वोट से हार गई थीं। चूंकि उन्होंने बीजेपी और कांग्रेस प्रत्याशियों को हरा दिया था, लिहाजा आम आदमी पार्टी को उम्मीद है कि वे इस सीट पर जीत हासिल कर लेंगी।
कांग्रेस ने भिवानी और सोहना से नहीं उतारे उम्मीदवार
बीजेपी और आप की ओर से भिवानी विधानसभा सीट पर प्रत्याशी घोषित होने के बाद से सबकी नजर कांग्रेस पर थी। कांग्रेस ने अभी तक 88 सीटों पर प्रत्याशियों का ऐलान कर दिया है, लेकिन भिवानी और सोहना विधानसभा सीट पर उम्मीदवारों के नामों का ऐलान नहीं किया गया है।
खबरों की मानें तो कांग्रेस ने इन दोनों सीटों पर इंडिया गठबंधन के साथियों को देने पर विचार चल रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स में सूत्रों के हवाले से बताया जा रहा है कि भिवानी विधानसभा सीट सीपीआई और सोहना विधानसभा सीट समाजवादी पार्टी को दी जा सकती है। बहरहाल, ऐसा होता है तो कांग्रेस समर्थकों का निराश होना लाजमी है।
करीब दो घंटे बाद नई खबर आई सामने
इसके दो घंटे बाद खबर सामने आई कि कांग्रेस ने सोहना विधानसभा सीट से रोहताश खटाना को बतौर प्रत्याशी चुनावी मैदान में उतार दिया है। चर्चा चल रही थी कि यह सीट सपा को सौंपी जा सकती है। ऐन वक्त पर कांग्रेस ने इस सीट से अपने उम्मीदवार के नाम का ऐलान कर दिया। बता दें कि सपा ने हरियाणा विधानसभा चुनाव को लेकर 5 सीटें मांगी थी। इसी प्रकार, आप से भी गठबंधन को लेकर बातचीत चल रही थी। लेकिन, इन दोनों दलों के साथ कांग्रेस का गठबंधन नहीं हो पाया है। कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल का कहना है कि 89 विधानसभा सीटों में से कांग्रेस ने प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं, जबकि भिवानी विधानसभा सीट माकपा को दी गई है।
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