इन दिनों सोशल मीडिया पर रंगबाजी दिखाने का फैशन युवाओं पर काफी हावी हो रहा है। ऐसे में कई बार वे जाने-अनजाने कई घटनाओं का शिकार बन जाते हैं। ऐसा ही कुछ हुआ बिहार के रहने वाले विकास के साथ, जो हरियाणा के फरीदाबाद में रहता है। विकास ने फरीदाबाद के सेक्टर 30 के पुलिसकर्मियों पर उसे निर्वस्त्र कर थर्ड डिग्री टॉर्चर देने का आरोप लगाया है।
स्क्रैप कारोबारी और पुलिसकर्मियों की मिलीभगत ?
18 वर्षीय विकास ने बताया कि वो मूलरूप से बिहार के जिला सिवान के माधोपुर का रहने वाला है और वो फरीदाबाद के सेक्टर 62 आशियाना फ्लैट में रहता है और यहीं पर नौकरी करता है। उसका कहना है कि विशेष समुदाय के कुछ लोग कुछ दिन पहले एक 10 साल की हिंदू बच्ची के साथ छेड़छाड़ कर रहे थे। उसके परिवार ने इसका विरोध किया, तो उन लोगों ने बच्ची के परिजनों के साथ मारपीट की। इस घटना के बाद से ही वो बच्ची के परिजनों का सपोर्ट कर रहा था।
विकास का आरोप है कि जिन लोगों ने बच्ची के परिजनों के साथ मारपीट की, उनमें से एक फकरू था, जो स्क्रैप कारोबारी है। उसने पुलिस के साथ मिलीभगत करके उसे घर से उठवा लिया। इसके बाद पुलिस ने उसके एक फोटो को लेकर उसे उठाने की बात कही है। विकास ने अपने एक साथी के साथ इंस्टाग्राम पर एक फोटो अपलोड की थी, जिसमें वो अवैध हथियार के साथ नजर आ रहा था।
एक फोटो के कारण हुआ बवाल !
इस मामले में पुलिस वालों का कहना है कि ये फोटो फरीदाबाद का है और विकास का कहना है कि उसने ये फोटो बिहार में अपने गांव में खिंचवाया है। इसी को मोहरा बनाकर पुलिस ने उसे घर से उठा लिया और पूछताछ के लिए थर्ड डिग्री टॉर्चर किया। विकास ने बताया कि पुलिस वालों ने उसे लगभग चार से पांच घंटे निर्वस्त्र कर पीटा और उसका सिर पानी में डुबाकर पीटा। जब उसकी हालत बिगड़ने लगी, तो उसके मां-बाप को बुलाकर उसे उनके हवाले कर दिया।
इस घटना के बाद विकास का फरीदाबाद के बादशाह खान सिविल अस्पताल में इलाज चल रहा है। विकास अपना मेडिकल कराना चाहता था, लेकिन डॉक्टर ने उससे पुलिस से डीडी नंबर लाने के लिए कहा और मेडिकल करने से इनकार कर दिया।
बिना किसी FIR के उठा ले गए पुलिसकर्मी
इस मामले में हिंदू जागरण मंच के कार्यकर्ता अनुज विकास ने कहा कि विकास के खिलाफ कोई FIR दर्ज नहीं कराई गई थी और न ही कोर्ट की कोई परमिशन थी। ऐसे में विकास को इस तरह से घर से उठाकर ले जाना और फिर उसे थर्ड डिग्री टॉर्चर देना किस हद तक सही है। ऐसे पुलिसकर्मियों की जगह पुलिस में नहीं, बल्कि उनके घर में है। पुलिस विभाग में इस तरह की गुंडागर्दी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इसके साथ ही अनुज ने मारपीट करने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की है।
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