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हरियाणा के फतेहाबाद में उमस व गर्मी के कारण किसान डरे हुए है। मौसम विभाग ने 25 सितंबर से मौसम में बदलाव की संभावना जताई है। ऐसे में किसानों ने धान की कटाई का कार्य शुरू कर दिया है, ताकि धान की पैदावार को नष्ट होने से बचाया जा सके।

फतेहाबाद: पिछले दो दिनों से उमस व गर्मी के कारण किसान डरे हुए है। उमस का हाल यह है कि सुबह उठते ही हर व्यक्ति पसीने से तर-बतर हो जाता है। खासकर खेतों में काम करने वाले किसानों को गर्मी के कारण काफी दिक्कतों का सामना पड़ रहा है। गर्मी के कारण ही तापमान भी कम होने का नाम नहीं ले रहा। मंगलवार को यहां का अधिकतम तापमान 38 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो 10 वर्षों का रिकार्ड है। न्यूनतम तापमान 27 डिग्री भी लोगों को सता रखा है।

मौसम में बदलाव की बनी संभावना

मौसम विभाग के अनुसार 25 सितम्बर से मौसम बदलने की संभावना है। मानसूनी हवाओं की सक्रियता में बढ़ोतरी होने के चलते 26 व 27 सितम्बर को हल्की बारिश हो सकती है। सितम्बर के अंतिम सप्ताह में भी तापमान के 38 डिग्री तक जाने से धान की फसल पर खतरा बढ़ता जा रहा है। अभी धान की फसल खेतों में हरी खड़ी है। अगेती फसल पकने को हैं लेकिन गर्मी व धूप के कारण इसके दाने का पकाव कमजोर होता जा रहा है। कृषि विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे मौसम में रात के समय ओंस होने व दिन के समय धूप पड़ने से धान की बालियों में दूध पकने का समय था जिससे धान का प्रति एकड़ उत्पादन अच्छा होता है लेकिन अब मौसम इसके विपरीत है।

28 सितंबर को फिर बढ़ेगा पारा

हिसार स्थित एसएयू मौसम विभाग ने प्रदेश में 28 सितम्बर तक मौसम परिवर्तनशील रहने की संभावना जताई है। बंगाल की खाड़ी में नमी वाली हवाओं के चलने की संभावना से प्रदेश में मानसूनी हवाएं चलेंगी, जिससे नमी में कमी आएगी और लोगों को पसीने से राहत मिलेगी। 26 व 27 सितम्बर को हवाओं के साथ हलकी बारिश की संभावना है। 28 सितम्बर को मौसम खुश्क रहने के साथ ही बादल छाए रहने के साथ उत्तर-पश्चिमी हवाएं चलने से दिन के तापमान में ओर बढ़ोतरी होगी तथा वातावरण में नमी की मात्रा में गिरावट आएगी।

किसानों ने धान की जल्द शुरू की कटाई

मौसम विभाग का मानना है कि जब मानसून की वापसी होती है तो जाते समय वर्षा होती है। अगर इस बार ऐसा होता है तो किसानों के लिए परेशानी बन सकती है। मौसम विशेषज्ञ 25 सितंबर से मौसम में बदलाव की संभावना जता रहे है। यही कारण है कि किसानों ने धान की कटाई भी शुरू कर दी है। किसानों को डर है कि आने वाले दिनों में मौसम में बदलाव होता है तो धान की फसल पर इसका सीधा असर देखने को मिल सकता है। जिले में अगेती धान की रोपाई करने वाले किसानों ने कटाई शुरू कर दी है। वहीं पछेती धान की कटाई अगले महीने शुरू हो गई। किसान उम्मीद लगा रहे है कि अब मौसम साफ रहना चाहिए। अगर ऐसा होता है तो इस बार धान की फसल अच्छी हो सकती है।

नरमा औसत से भी कम रहने के आसार

करीब 20 दिन पहले नरमा की फसल अच्छी देखने को मिल रही थी। लेकिन अब एकाएक इस पर संकट पैदा हो गया है। नरमा के पौधे लाल होने के कारण जमीन पर गिर रहे है, जिसने किसानों की मुश्किलें बढ़ा दी है। किसान लगातार सिंचाई कर रहे है, लेकिन फसल अधिक खराब हो रही है। किसानों ने बताया कि इससे पहले यह बीमारी नहीं देखी। चार सालों से गुलाबी सुंडी अटैक कर रही थी, लेकिन अब यह बीमारी नहीं आई तो दूसरी बीमारी आ गई। किसानों ने बताया कि इस बार नरमा औसत भी कम रहने वाला है। कृषि एवं कल्याण विभाग के उपनिदेशक डॉ. राजेश सिहाग ने बताया कि अगर धान की फसल अच्छी आई हुई है, तभी कटाई करें। सिंचाई करते समय मौसम का ध्यान रखे।

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