Jakhal: कुछ दिनों से शिवालिक की पहाड़ियों में लगातार हो रही भारी बारिश से हिमाचल से शुरू हुए घग्गर के पानी की आवक जाखल क्षेत्र से गुजरती घग्गर नदी में शुरू हो गई है। घग्गर में पानी की आवक से किसानों के चेहरे खिले नजर आए है। अधिकारिक रिपोर्ट के अनुसार सोमवार सुबह ही पीछे से पानी आने के कारण चांदपुरा साइफन में 500 क्यूसेक जलस्तर हो गया है। हालांकि जहां पर जलस्तर खतरे के निशान से बेहद नीचे है। बीते वर्ष जाखल क्षेत्र में आई बाढ़ को याद कर किसान भविष्य को लेकर चिंतित भी है। किसानों को डर है कि यदि आने वाले दिनों में पहाड़ी इलाकों में हो रहीं तेज़ बरसात का सिलसिला लगातार जारी रहता है तो बीते वर्ष की तरह घग्गर नदी का जलस्तर अधिक बढ़ने से संकट की स्थिति उत्पन्न ना हो जाए।
गत वर्ष तबाही का देख चुके हैं मंजर
पहाड़ी क्षेत्रों में बरसात के कारण गत वर्ष भारी मात्रा में पानी घग्गर नदी में छोड़ा गया था, जिसके कारण क्षेत्र में बाढ़ के हालात बन गए थे। सड़कों पर पानी भरा हुआ था तो खेतों में भी कई फुट तक पानी भर गया था, जिससे फसले भी नष्ट हो गई थी। लोगों ने बाढ़ के कारण तबाही का मंजर देखा था, जिसे याद करते ही लोग चिंतित हो उठते हैं। सिंचाई विभाग का कहना है कि फिलहाल खतरे वाली कोई बात नहीं है। घग्गर नदी में अभी पानी खतरे के निशान से काफी नीचे हैं। अगर बरसात होती रही तो पानी का स्तर बढ़ सकता हैं और चिंताजनक स्थिति पैदा हो सकती है।
मानसून मौसम में भी घग्गर नदी में जलस्तर रहा कम
गौरतलब है कि मानसून के मौसम में क्षेत्र में बारिश की कमी होने के कारण घग्गर नदी का पानी रविवार तक शून्य रहा, परंतु शिवालिक की पहाड़ियों व पीछे क्षेत्र में बरसात के कारण सोमवार सुबह नदी में पानी का आना शुरू हुआ है। किसानों ने भी घग्गर नदी में आए कुछ सीमित मात्रा के जलस्तर को क्षेत्र में लगी धान की फसल के लिए उपयोगी बताया है। इस बारे में सिंचाई विभाग के एसडीओ संजीव सिंगला ने कहा कि रविवार तक घग्गर नदी में जरा भी जलस्तर नहीं था। घग्गर नदी का जलस्तर शून्य था, परंतु हिमाचल सहित पिछले क्षेत्र में बरसात के कारण जाखल क्षेत्र में बहने वाली घग्गर नदी में केवल 500 क्यूसेक पानी आया है। ऐसे में किसी भी प्रकार की कोई दिक्कत वाली बात नहीं है।