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CM Saini in Gurugram: गुरुग्राम में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने सुशासन समारोह को संबोधित किया है। इस अवसर पर सीएम सैनी ने पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्री अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिवस पर उन्हें नमन किया है।

CM Saini in Gurugram: भारत रत्न से सम्मानित पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्री अटल बिहारी वाजपेयी का आज यानी 25 दिसंबर बुधवार को जन्मदिन है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने गुरुग्राम में राज्य स्तरीय सुशासन दिवस समारोह को संबोधित किया। अधिकारियों को जन सेवा के माध्यम से सुशासन का संदेश दिया।

उन्होंने सरकारी सेवकों को कहा कि हम जब अंत्योदय की बात करते हैं ,तो हमारे कार्य में संवेदनशीलता होनी चाहिए। जिस भी कुर्सी पर हम बैठे हैं, वह एक मौका हमें ईश्वर ने दिया है कि हम अंत्योदय के उत्थान की सोचें। इसलिए हमेशा ध्यान रखना है कि जब भी कोई व्यक्ति हमारे दफ्तर में आता है, हमसे मिलता है और अपनी समस्या रखता है तो उसे संवेदनशीलता से समझें।

उसका दिया हुआ कागज, वह सिर्फ एक कागज का टुकड़ा नहीं है, बल्कि उसके दर्द का निचोड़ है, इसलिए उस कागज के पीछे की कहानी को समझें और जिस दिन हम उस कहानी को समझ पाए, तो मान लेना हम अपने सुशासन के प्रयास में सफल हो गए हैं। समारोह में विधायक श्री मुकेश शर्मा, जीएमडीए के सीईओ श्री श्यामल मिश्रा, पूर्व सांसद श्रीमती सुनीता दुग्गल, सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव श्री सी. जी. रजीनीकांथन और सूचना, जनसंपर्क, भाषा एवं संस्कृति विभाग के महानिदेशक श्री के. एम. पांडुरंग सहित अन्य गणमान्य अतिथि उपस्थित थे।

सीएम सैनी ने पूर्व प्रधानमंत्री को किया नमन

नायब सिंह सैनी ने भारत रत्न से सम्मानित महामना पंडित मदन मोहन मालवीय और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के जन्म दिवस पर बधाई देते हुए उन्हें नमन किया। उन्होंने कहा कि आज का यह दिन हम सभी के लिए न केवल एक स्मरणीय अवसर है, बल्कि यह अवसर हम सभी को यह प्रेरणा देता है कि हम एक बेहतर और सशक्त राष्ट्र के निर्माण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को और मजबूत करें।

उन्होंने कहा कि श्री अटल बिहारी वाजपेयी ने अपने विचारों, कर्मों और दूरदर्शिता से भारत को नई दिशा और पहचान दी। उन्होंने भारत को विकसित और सशक्त बनाने के लिए सशक्त नीतियों की नींव रखी। इससे उस विकसित भारत के निर्माण का मार्ग प्रशस्त हुआ, जिसका संकल्प प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने लिया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सुशासन दिवस के अवसर पर हमें यह संकल्प लेना चाहिए कि हम हरियाणा प्रदेश को ऐसा बनाएंगे। जहां विकास समावेशी होगा, जहां नागरिक को अपनी क्षमताओं को पहचानने और निखारने का अवसर मिलेगा। उन्होंने कहा कि पिछले 10 वर्षों में सरकार ने अनेक निर्णय लेकर जनता के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने का काम किया है। आज घर बैठे सुविधाओं का लाभ नागरिकों को मिल रहा है, यही सुशासन का सबसे बड़ा मंत्र है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि साल 2014 में जनसेवा का दायित्व संभालते ही हमारी सरकार ने सुशासन सेवा का अभियान शुरू किया था। ऐसे अभियान की सफलता साफ नीयत, नीति और निष्ठा पर निर्भर करती है। सुशासन के लिए सेवा की नियत होनी चाहिए और नीतियां भी ऐसी होनी चाहिए कि उनमें भ्रष्टाचार की कोई गुंजाइश न हो।

इन्हीं साफ नीयत और सही नीतियों के बलबूते हमारी सरकार सुशासन के इस अभियान में सफलता प्राप्त कर रही है। इस सफलता को प्रदेशवासियों ने भी अपना भरपूर समर्थन दिया है। लगातार तीसरी बार हरियाणा में भाजपा को जनसेवा का जनादेश दिया है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार सुशासन के इस दौर को निरंतर आगे बढ़ाती रहेगी।

ई- गवर्नेंस से तय किया सुशासन का सफर

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने ई-गवर्नेंस की विभिन्न पहलों को अपनाते हुए सुशासन का सफर तय किया है। जमीनों की रजिस्ट्री में गड़बड़ी को रोकने के लिए रजिस्ट्री के समय प्रस्तुत किये जाने वाले विभिन्न विभागों, बोर्डों व निगमों आदि के अनापत्ति प्रमाण-पत्र ऑनलाइन जारी करने शुरू किये हैं।

जमीनों के रिकॉर्ड में पारदर्शिता लाने के लिए पूरे प्रदेश में वैब-हैलरिस प्रणाली लागू की गई। राज्य सरकार ने ई-नीलामी और ई- रवाना स्कीम के माध्यम से खनन ठेकों में पारदर्शिता सुनिश्चित की। सरकार ने 'सेवा का अधिकार' कानून बनाया, जिसके तहत निर्धारित अवधि में सेवा न मिलने पर संबंधित के खिलाफ कार्रवाई होना तय है।

ईमानदार और पारदर्शी सुधारों से आ रहे बेहतर परिणाम

नायब सिंह सैनी ने कहा कि राज्य सरकार ने ईमानदार और पारदर्शी प्रशासन की नींव रखी है। सरकार द्वारा किये गये सुधारों से स्थापित सुशासन के सकारात्मक परिणाम आए हैं। परिवार पहचान पत्र के माध्यम से सरकारी सेवाओं और योजनाओं का लाभ घर बैठे ही पात्र लोगों को मिल रहा है। सुशासन का ही परिणाम है कि तमाम रुकावटों को पार करते हुए हमारी सरकार ने 1 लाख 71 हजार युवाओं को बिना खर्ची-पर्ची के सरकारी नौकरियां दी हैं।

आज प्रदेश में पढ़ी-लिखी पंचायतें गांवों के विकास को नई गति दे रही हैं। सुशासन के बलबूते ही प्रदेश का हर गांव लाल डोरा मुक्त हो चुका है। सी.एम. विंडो के जरिए लोगों को घर बैठे ही न्याय देने का काम हमारी सरकार ने किया है। सीएम विंडो पर 12 लाख से अधिक समस्याओं और शिकायतों का समाधान हो चुका है।

सुशासन का ही परिणाम है कि अब गरीब के राशन का हक कोई दूसरा व्यक्ति नहीं मार सकता। उन्होंने कहा कि आज प्रदेश में 59 विभागों की 772 योजनाएं और सेवाएं ऑनलाइन उपलब्ध हैं, जिनका आम नागरिक घर बैठे ही लाभ प्राप्त कर सकते हैं।

पहले सरकार में भाई-भतीजावाद का था बोलबाला

मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले की सरकारों में भय, भ्रष्टाचार, भाई-भतीजावाद और क्षेत्रवाद का बोलबाला था। हमारी सरकार ने एक-एक कर भ्रष्टाचार के सभी रास्तों को बंद किया है। चाहे सी.एल.यू. के नाम पर लूट को बंद करना हो, सरकारी नौकरियां सिर्फ मेरिट पर देने का काम हो, कर्मचारियों के तबादलों को ऑनलाइन करने का संकल्प हो, चाहे मिट्टी के तेल के खेल को बंद कर हर गरीब को मुफ्त गैस सिलेंडर देने की सोच हो या फिर गरीबों के राशन, पेंशन, वजीफा, सब्सिडी में चल रहे फर्जीवाड़े को बंद करने की बात हो, इन सुशासन की पहलों को हमने अपनाया है।

'विपक्ष को तकलीफ हो रही है'

मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्ष के नेता दुष्प्रचार करते थे कि जब वे सरकार में आएंगे तो पोर्टल को बंद कर देंगे। उन्हें इस बात से तकलीफ हो रही है कि पोर्टल के माध्यम से जनता को लाभ क्यों मिल रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन्हीं पोर्टल के माध्यम से हमारी सरकार ने किसानों के खातों में सीधे पैसा पहुंचाया है। पिछले 10 सालों में किसानों के खातों में 1.25 लाख करोड़ रुपये सीधे डाले गए हैं।

इतना ही नहीं, इस साल बारिश कम होने के कारण किसानों पर पड़े आर्थिक बोझ को कम करने के लिए 2 हजार रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से 825 करोड़ रुपये सीधे किसानों के खातों में भेजे जा चुके हैं, ये भी पोर्टल की बदौलत ही संभव हो पाया है। उन्होंने कहा कि पहले बुजुर्गों को पेंशन बनवाने के लिए दफ्तरों के चक्कर काटने पड़ते थे। लेकिन पोर्टल के ही कारण अब बुजुर्गों की घर बैठे ही पेंशन बनने लगी है। पिछले 10 सालों में लाखों बुजुर्गों की पेंशन घर बैठे ऑनलाइन बनी है।

मुख्यमंत्री नायब सिंह ने विपक्षी दल पर कटाक्ष करते हुए कहा कि हाल ही के विधानसभा चुनाव से पहले विपक्ष के एक प्रत्याशी ने तो अपना राज आने पर पोर्टल बंद करने, एक अन्य प्रत्याशी ने पहले अपना घर भरने तक की बातें कही। इतना ही नहीं, विपक्ष के एक अन्य प्रत्याशी ने तो 50 वोटों पर एक नौकरी देने तक का ऐलान किया था। उनकी यह सोच सुशासन की सोच नहीं, बल्कि भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने वाली सोच है।

नायब सिंह सैनी ने कहा कि चुनाव परिणामों से पहले उन्होंने युवाओं से वादा किया था कि वे 25 हजार युवाओं को पहले सरकारी नौकरी ज्वाइन करवाएंगे, उसके बाद स्वयं शपथ ग्रहण करेंगे और अपने इस वायदे को उन्होंने पूरा करके दिखाया।

उन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की गांरटियों पर अपने समर्थन की मोहर लगाकर सुशासन की सरकार को बरकरार रखने के लिए हरियाणा की जनता का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि पिछले 10 वर्षों में की गई सुशासन की ये पहलें प्रमाण हैं कि सुशासन हमारे लिए सिर्फ नारा नहीं, बल्कि 'विकसित हरियाणा-विकसित भारत' की आत्मा है।

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इस अवसर पर मुख्य सचिव डॉ विवेक जोशी ने मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी का स्वागत करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में सरकार लगातार सुशासन की पहल कर रही है। आमजन द्वारा शिकायत दर्ज करने और उनके त्वरित समाधान के लिए सी.एम. विंडो की बात हो, समय पर काम न होने पर स्वतः अपील के लिए ऑटो अपील सॉफ्वेयर की लॉन्चिंग हो, या फिर किसान को बिजाई से लेकर फसल बेचने तक की सुविधा सिंगल प्लेटफार्म पर प्रदान करने के उद्देश्य से 'मेरी फसल- मेरा ब्योरा' पोर्टल की शुरुआत करना हो, राज्य सरकार ने ऐसी अनेक पहल की हैं, जिनके माध्यम से समाज के हर वर्ग से जुड़े लोगों का जीवन आसान हुआ है।

उन्होंने कहा कि स्वच्छता से सकारात्मकता आती है और जब सकारात्मकता प्रबल होती है तो नकारात्मकता का भाव धीरे-धीरे क्षीण होता जाता है। इसी सोच के साथ, प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों, शहरी स्थानीय निकायों, पंचायती राज संस्थाओं, सार्वजनिक स्थानों और सरकारी कार्यालयों में स्वच्छ हरियाणा मिशन के अंतर्गत 31 जनवरी, 2025 तक विशेष अभियान चलाया जाएगा।

इस अभियान के तहत राज्य सरकार की कार्यालय प्रक्रिया नियमावली में दिए दिशा-निर्देशों के अनुरूप दस्तावेज रिटेंशन को सुव्यवस्थित करने और अप्रचलित रिकॉर्ड को हटाने के साथ ही रिकॉर्ड प्रबंधन पर भी बल दिया जाएगा। इस विशेष अभियान का उद्देश्य सरकारी कार्यालयों और अधिकारियों के साथ जनता के अनुभव को बेहतर बनाने के लिए उनके संबद्ध या अधीनस्थ कार्यालयों, सार्वजनिक उपक्रमों आदि समेत सभी सरकारी कार्यालयों में सफाई को बढ़ावा देना है।

उन्होंने कहा कि सुशासन केवल सरकारी नीतियों और प्रक्रियाओं का ही सरलीकरण नहीं, बल्कि उन अधिकारियों और कर्मचारियों के संकल्प का भी प्रतिफल है, जो पर्दे के पीछे काम करते हैं। इनके इसी संकल्प के सम्मान में ‘हरियाणा सुशासन पुरस्कार योजना’के तहत समर्पण, नवोन्मेष और सत्यनिष्ठा के सच्चे नायकों को सम्मानित किया जाता है।

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