Logo
हरियाणा के गुरुग्राम में साइबर पुलिस ने फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़ करते हुए चार महिलाओं सहित 20 आरोपियों को गिरफ्तार किया। पकड़े गए आरोपियों में मणिपुर, नागालैंड और नेपाल के मूल निवासी हैं। आरोपी ऑनलाइन तकनीकी सहायता प्रदान करने के बहाने विदेशी नागरिकों को ठग रहे थे।

गुरुग्राम: साइबर पुलिस ने ऑपरेशन एंडगेम के तहत सोहना रोड स्थित फ्लोरा एवेन्यू 33 सोसायटी के तीन फ्लैटों में चलाए जा रहे एक फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़ किया। पुलिस ने मौके से चार महिलाओं सहित 20 आरोपियों को गिरफ्तार किया। ज्यादातर आरोपी मणिपुर, नागालैंड और नेपाल के मूल निवासी हैं। आरोपी ऑनलाइन तकनीकी सहायता प्रदान करने के बहाने विदेशी नागरिकों को ठग रहे थे। पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से 25 मोबाइल फोन, 16 लैपटॉप और 50 हजार रुपए बरामद किए।

गुप्त सूचना पर हुई कार्रवाई

पुलिस को गुप्त सूचना मिली कि फ्लोरा एवेन्यू 33 सोसायटी के फ्लैट ए-20, 21 और 22 में एक फर्जी कॉल सेंटर चलाया जा रहा है, जिसमें ऑनलाइन तकनीकी सहायता के बहाने विदेशी नागरिकों को ठगा जा रहा है। इसके बाद शुक्रवार रात इंस्पेक्टर मदन लाल के नेतृत्व में साइबर क्राइम साउथ पुलिस स्टेशन की टीम ने रेड की। जहां पुरुष और महिलाएं लैपटॉप व मोबाइल पर व्यस्त पाए गए। उनमें से अधिकांश अपने हेडफोन का उपयोग करके अंग्रेजी में कॉल करने में व्यस्त थे। पुलिस के पूछने पर वे दूरसंचार विभाग का कोई वैध ओएसपी लाइसेंस या अपने काम से संबंधित कोई अन्य समझौता व एमओयू नहीं दिखा सके।

पकड़े गए आरोपियों में ये रहे शामिल

पकड़े गए आरोपियों की पहचान पश्चिम बंगाल के मूल निवासी आशीष ओझा, मिनलुन, विखोमबोउ, अबोर अमोनमई, लबोई हाओकिप, अथिहारी लोहरी, मिनबेटे, मणिपुर के मूल निवासी, अचेले, विदानवांग, नामचुम्बो, माओबे संगतम, नागालैंड के मूल निवासी, मिजोरम के के लालबिकजुआली, जम्मू-कश्मीर के मूल निवासी श्रीया, पलक, गुजरात के मूल निवासी महेंद्र बजरंग सिंह, उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ के मनीष कुमार, दिल्ली के मोनू कुमार, नेपाल के मूल निवासी रमेश गुरुंग, विनोद शर्मा और शिव बहादुर के रूप में की गई। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ साइबर क्राइम साउथ पुलिस स्टेशन में केस दर्ज किया।

विदेशियों को बनाते थे ठगी का शिकार

एसीपी साइबर क्राइम प्रियांशु दीवान ने बताया कि किराए के फ्लैटों में मई महीने से चल रहे कॉल सेंटर का मैनेजर महेंद्र बजरंग सिंह है। आरोपी बल्क वॉयस मेल/संदेश भेजते हैं और तकनीकी सहायता के नाम पर पॉप अप के माध्यम से विदेशियों को धोखा देते हैं। डायलर/एक्स-लाइट एप्लीकेशन के जरिए उनके कंप्यूटर, लैपटॉप का रिमोट एक्सेस लेकर कंप्यूटर में तकनीकी खराबी का पता लगाकर कंप्यूटर सिस्टम को ठीक कराने के लिए प्रति ग्राहक करीब 100 से 500 डॉलर लेते हैं। उन्होंने गिफ्ट कार्ड के जरिए 100-500 अमेरिकी डॉलर की रकम वसूली थी। पुलिस आरोपियों से पूछताछ कर रही है।

5379487