Gangster network exposed with help of AI : गुरुग्राम में एक बार फिर गुंडागर्दी की ऐसी घटना सामने आई है, जिसने न केवल सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि सोशल मीडिया के जरिये उभर रहे गन कल्चर और रील बेस्ड क्राइम के खतरनाक ट्रेंड को भी उजागर कर दिया है। रविवार को द्वारका एक्सप्रेसवे पर बाइकर्स ग्रुप पर हुए जानलेवा हमले की AI की मदद से जांच की गई, जिसने हमलावरों के डिजिटल इतिहास को सामने लाकर पुलिस की जांच को नई दिशा दे दी है।
घटना में गंभीर रूप से घायल सॉफ्टवेयर डेवलपर हार्दिक शर्मा ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टूल्स का उपयोग करते हुए हमलावरों की सोशल मीडिया गतिविधियों को खंगाल कर पुलिस को अहम सुराग दिए। इससे पता चला कि यह सिर्फ एक सड़क झगड़ा नहीं, बल्कि एक संगठित बदमाशों के ग्रुप की साजिश हो सकती है जो खुद को ‘स्टाइलिश गैंगस्टर’ की तरह पेश करते हैं।
नाश्ते की प्लानिंग से खून-खराबे तक
घटना रविवार सुबह की है जब हार्दिक और उसके दोस्त पंचगांव में नाश्ता करने के लिए निकले थे। सभी के पास महंगी सुपरबाइक्स थीं। जब यह ग्रुप द्वारका एक्सप्रेसवे पर था, तभी एक काले रंग की स्कॉर्पियो (DL4CBE1750) में सवार कुछ युवकों ने उन्हें बार-बार पीछे से टक्कर मारने की कोशिश की। स्थिति को समझते हुए हार्दिक और उसके दोस्तों ने साइड में बाइक लगाकर स्कॉर्पियो को रास्ता देने का प्रयास किया, लेकिन स्कॉर्पियो में बैठे लोगों ने गाड़ी रोककर लोहे के बेसबॉल बैट से हमला शुरू कर दिया। इस दौरान हार्दिक के सिर पर वार किया गया, लेकिन हेलमेट के कारण उनकी जान बच गई। हमलावरों ने उसकी ₹11 लाख की कावासाकी जी-900 बाइक को बुरी तरह तोड़ दिया।
AI के ज़रिये मिला सुराग : सोशल मीडिया से पहचान
इस हमले के बाद हार्दिक ने हिम्मत हारने के बजाय टेक्नोलॉजी का सहारा लिया। उन्होंने AI बेस्ड सोशल मीडिया एनालिटिक्स टूल्स का इस्तेमाल कर स्कॉर्पियो की नंबर प्लेट के आधार पर संदिग्धों के इंस्टाग्राम और फेसबुक प्रोफाइल्स को ट्रैक किया। रिपोर्ट के अनुसार, एक आरोपी का संबंध दिल्ली के उत्तम नगर से है, जहां वह एक जिम चलाता है। इस युवक ने सोशल मीडिया पर अपने प्रोफाइल में राजनीतिक नेताओं के साथ तस्वीरें, चुनाव प्रचार में भागीदारी और जन्मदिन केक काटते हुए वीडियो डाले हुए हैं। वहीं, उसके कई वीडियो में वह गन कल्चर और हिंसक रैप गानों के साथ रील्स बनाता दिखाई देता है।
रील गैंगस्टर्स : ‘स्टारडम’ के पीछे हिंसा का जुनून
हमलावरों के इंस्टाग्राम अकाउंट्स पर मौजूद कंटेंट ने पुलिस को चौंका दिया। वहां अपलोड किए गए वीडियो में ये लोग हथियारों के साथ पोज़ देते, बोल्ड और धमकी भरे डायलॉग्स बोलते और लग्जरी गाड़ियों के साथ स्टंट करते नजर आते हैं। इन युवकों के लिए सोशल मीडिया पर ‘कूल’ दिखने का मतलब है गन, गाड़ी और गुंडागर्दी। खासकर जिम चलाने वाले आरोपी के पेज पर सैकड़ों ऐसे वीडियो हैं जो न सिर्फ गैरकानूनी हैं बल्कि युवाओं को गलत दिशा में प्रेरित करने वाले भी हैं। यही नहीं, वह नशा कर गुरुग्राम ड्राइविंग के लिए आता था और वहां स्टंट करके वीडियो बनाता था।
लोकल इन्फ्लुएंस का इस्तेमाल
एक आरोपी की सोशल मीडिया प्रोफाइल से यह भी पता चला कि वह कई स्थानीय नेताओं के साथ नियमित रूप से मंच साझा करता है। जन्मदिन, चुनाव प्रचार और पार्टी कार्यक्रमों में उसकी तस्वीरें नेताओं के साथ देखी जा सकती हैं। इससे यह अंदाजा लगाया जा रहा है कि यह गैंग लोकल राजनीतिक समर्थन या प्रभाव के चलते खुद को अजेय समझता है।
AI और वीडियो फुटेज से बढ़ी रफ्तार
इस पूरे घटनाक्रम के बाद गुरुग्राम पुलिस ने तेजी से जांच शुरू की। सेक्टर 37 थाने के SHO शाहिद अहमद ने बताया कि वीडियो फुटेज और स्कॉर्पियो की जानकारी के आधार पर आरोपियों की पहचान कर ली गई है। हालांकि, अब तक उनके नाम सार्वजनिक नहीं किए गए हैं। पुलिस प्रवक्ता संदीप कुमार ने बताया कि मामले में गंभीर धाराओं में केस दर्ज किया गया है और आरोपियों को जल्द गिरफ्तार करने के लिए अलग-अलग टीमों का गठन किया गया है। पुलिस को यह भी शक है कि यह कोई सिर्फ एक घटना नहीं, बल्कि लगातार होने वाली घटनाओं की श्रृंखला का हिस्सा हो सकता है।
बाइकर्स कम्युनिटी में आक्रोश : 'सुरक्षित नहीं हैं रास्ते'
इस हमले के बाद पूरे गुरुग्राम और दिल्ली NCR की बाइकर्स कम्युनिटी में गुस्सा है। सोशल मीडिया पर #JusticeForHardik ट्रेंड करने लगा है। राइडर्स का कहना है कि अब सड़क पर महंगी बाइक चलाना भी खतरे से खाली नहीं, क्योंकि कुछ लोग सिर्फ जलन में या दिखावे के लिए हिंसा पर उतर आते हैं।
क्यों बढ़ रहा है रील बेस्ड क्राइम
रील्स और सोशल मीडिया पर बढ़ते ‘गैंगस्टर लुक’ के ट्रेंड ने एक नई क्राइम कल्चर को जन्म दिया है। ये युवा खुद को फिल्मी अंदाज में पेश करके ‘लोकल स्टार’ बनना चाहते हैं, भले ही इसके लिए कानून तोड़ना पड़े।
कहां है सोशल मीडिया मॉनिटरिंग
इन प्रोफाइल्स पर खुल्लमखुल्ला हथियार, नशा और धमकी जैसे वीडियो मौजूद हैं, बावजूद इसके किसी भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म या लोकल साइबर सेल की नज़र उन पर पहले क्यों नहीं गई? क्या इन युवाओं के राजनीतिक कनेक्शन ही उन्हें बचा रहे हैं? नेताओं के साथ फोटो खिंचवाकर वे खुद को कानून से ऊपर समझते हैं?
गुंडों का गैंग नहीं, रील स्टार बनने की होड़ है खतरनाक
गुरुग्राम की यह घटना केवल एक सड़क हादसे या गुंडागर्दी की कहानी नहीं है, बल्कि आधुनिक तकनीक, सोशल मीडिया और ग़लत रोल मॉडल्स के मेल से उपजे एक गंभीर सामाजिक खतरे की चेतावनी है। अब जरूरत है कि पुलिस, समाज और सोशल मीडिया कंपनियां मिलकर इस ट्रेंड को रोकें। वरना गाड़ी, गन और गानों के इस रील कल्चर में अगला शिकार कोई भी हो सकता है।