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Gurugram Municipal Corporation: गुरुग्राम नगर निगम के ऊपर जीएमडीए का पानी और सीवर का करोड़ों रुपए का बिल बकाया है। इसको लेकर जीएमडीए ने निगम को नोटिस भेजकर पानी का कनेक्शन काटने की चेतावनी दी है।

Gurugram News: हरियाणा के मिलेनियम सिटी गुरुग्राम में आने वाले समय में लोगों को पानी की किल्लत का सामना करना पड़ सकता है। गुरुग्राम नगर निगम के ऊपर पानी और सीवर कनेक्शन का बड़ा कर्ज बकाया है। इसके लिए गुरुग्राम महानगर विकास प्राधिकरण यानी जीएमडीए की ओर से एक बार फिर से निगम को नोटिस भेज दिया गया है।

जानकारी के मुताबिक, निगम के ऊपर पानी और सीवर के 164 करोड़ रुपए बकाया है। अगर निगम की ओर से बिल का भुगतान नहीं किया जाता है, तो जीएमडीए निगम के पानी का कनेक्शन काट सकता है। पानी का कनेक्शन कटने से पूरे शहर में हंगामा मच सकता है। बता दें कि डीएमडीए ने नोटिस में निगम को चेतावनी दी है कि बिलों का भुगतान समय पर किया जाए, वरना पानी का कनेक्शन काटने का साथ ही सरचार्ज भी वसूला जाएगा।

निगम के पास पैसों की कमी

जानकारी के मुताबिक, जीएमडीए ने ई-मेल के जरिए नगर निगम को अब तक के 164 करोड़ रुपए के बकाये का नोटिस भेजा है। वहीं, निगम के पास इतने पैसे नहीं है कि वह तुरंत करोड़ों रुपए के बिल का भुगतान कर सके। बताया जा रहा है कि नगर निगम के पास 400 करोड़ रुपए बचे हैं। ऐसे में अगर वह पानी और सीवर के कनेक्शन का बिल भरते हैं, तो उनके पास कर्मचारियों को सैलरी देने के लिए पैसे नहीं बचेंगे।

इतना ही नहीं, शहर के कई विकास कार्यों का भुगतान भी निगम को ही करना है, जैसे कि 300 करोड़ रुपए का भुगतान श्री शीतला माता मेडिकल कॉलेज के निर्माण के लिए भुगतान किया जाना है। इसके अलावा अन्य कई कार्यों के लिए निगम को भुगतान करना है। जबकि निगम की आय उसके खर्च से काफी कम है। बता दें कि पिछले साल 2024-25 के लिए निगम ने 1,550 करोड़ रुपए के आय का टारगेट रखा था, लेकिन सिर्फ 940 करोड़ रुपए ही कमा पाए।

जीएमडीए करता है पानी की आपूर्ति

दरअसल, गुरुग्राम में पानी की आपूर्ति जीएमडीए की ओर से की जाती है। बसई और चंदू बुढ़ेरा पानी शोधन संयंत्रों से शहर में पानी की आपूर्ति की जाती है। पूरे शहर में मास्टर लाइनों के जरिए इन संयंत्रों से नगर निगम के बूस्टिंग स्टेशन तक पानी पहुंचता है। इसके बाद नगर निगम की ओर से पूरे शहर की कॉलोनियों और सेक्टरों में पानी की सप्लाई की जाती है।

इन सीवर शोधन संयंत्रों का रखरखाव जीएमडीए की ओर से किया जाता है। जानकारी के मुताबिक, पिछले साल फरवरी में निगम के ऊपर 9 करोड़ 79 लाख रुपए का बकाया था, लेकिन इसके बाद से बिल का भुगतान नहीं किया गया। इसके चलते अब यह बिल बढ़कर 164 करोड़ रुपए पहुंच गया है। 

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