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Baba Kala Peer Dera Controversy: नारनौंद में बाबा शुक राई नाथ के खिलाफ गांव वालों ने एसडीएम को ज्ञापन सौंपा है। गांव वालों ने एसडीएम से बाबा के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।

Baba Kala Peer Dera Controversy: हिसार में कोथ कलां गांव के बाबा काला पीर डेरे को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। आज यानी 17 मार्च सोमवार को  कोथ कलां गाव के लोगों ने इसे लेकर डेरे के मौजूदा बाबा शुक राई नाथ के खिलाफ एसडीएम को ज्ञापन सौंप दिया गया है। गांव के लोगों ने बाबा पर गंभीर आरोप लगाते हुए उसे आपराधिक प्रवृत्ति का व्यक्ति बताया गया है। गांव वालों ने यह भी आरोप लगाया है कि डेरे में आ रहे पैसे का भी बाबा गलत इस्तेमाल करता है।

चंदे की राशि का गलत इस्तेमाल

हिसार के नारनौंद में गांव वालों ने बाबा शुक राई नाथ के खिलाफ एसडीएम मोहित महाराणा को ज्ञापन सौंपा है। गांव वालों का कहना है कि बाबा गांव के लोगों के खिलाफ अपराधियों को भड़काता है। डेरे में महिलाओं से जबरन नृत्य करवाता है। बाबा महिलाओं पर गलत नजर रखता है। ऐसा भी कहा जा रहा है कि बाबा रात में महिलाओं को डेरे में रखता था। गांव वालों का यह भी आरोप है कि बाबा डेरे की कृषि भूमि और चंदे की राशि का गलत इस्तेमाल कर रहा है। बाबा चंदे की राशि का इस्तेमाल जनहित के काम के बजाय अपने ऐश-आराम पर खर्च करता है।

सरपंच और फौजी ने क्या कहा ?

सुरेश कोथ, पूर्व सरपंच अनिल संधू, कृष्ण फौजी का कहना है कि 'बाबा शुक राई नाथ को दादा काला पीर डेरे में केयरटेकर के रूप में बैठाया गया था। उस समय आए महंतों ने कहा था कि अगर ग्रामीणों को ठीक लगे तो कुछ समय बाद उन्हें गद्दी पर बैठाया जाएगा, लेकिन ग्रामीणों को बाबा शुक राई नाथ मंजूर नहीं हैं। इसका व्यवहार ग्रामीणों के प्रति सही नहीं है। बाबा शुक राई नाथ द्वारा गांव में राजनीति फैलाकर भाईचारे को तोड़ने की कोशिश की जा रही है।'

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गांव वालों ने कहा प्रशासन डेरे की देखरेख करें

नारनौंद के SDM मोहित महाराणा ने गांव वालों को आश्वासन दिया है कि 3 महीने में पिछले 7 सालों के चंदे और कृषि भूमि की आय का ऑडिट कराया जाएगा। ग्राम सभा ने प्रशासन से मांग की है कि जब तक किसी नए बाबा को गद्दी पर नहीं बिठाया जाता, तब तक डेरे को प्रशासन के नियंत्रण में रहना चाहिए। ऐसा होने से गांव में शांति और भाईचारा बना रहेगा। गांव वालों ने मांग की है कि जब तक देशभर के आठ पीर मिलकर दादा काला पीर डेरे की गद्दी पर किसी महंत को नहीं बैठाते, तब तक प्रशासन डेरे को अपने अधीन ले और उसकी देखरेख करे।

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