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हरियाणा के हिसार में प्रवासी मजदूरों के साथ बर्बरता व वसूली करने के मामले में आरोपी ठेकेदार सतीश की अग्रिम जमानत की याचिका हाईकोर्ट में खारिज हो गई। जिला न्यायालय में पहले ही आरोपी की याचिका खारिज हो चुकी है।

हिसार: बरवाला थाना क्षेत्र के गांव बनभौरी में नवरात्रों पर लगने वाले मेले में ठेकेदार सतीश द्वारा अपनी दुकानों पर प्रसाद बेचने की दिहाड़ी पर बुलाए गए 11 प्रवासी मजदूरों के साथ बर्बरता की थी। साथ ही अवैध वसूली के मामले में बरवाला थाने में दर्ज केस में मुख्य नामजद आरोपी ठेकेदार सतीश की पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में लगाई गई अग्रिम जमानत याचिका खारिज हो गई। अब देखना यह है कि आरोपी पुलिस की गिरफ्त में कब तक आ जाएगा।

अतिरिक्त सत्र न्यायालय में भी खारिज हो चुकी याचिका

पीड़ित मजदूरों की तरफ से पैरवी कर रहे एडवोकेट बजरंग इंदल ने बताया कि ठेकेदार सतीश ने 14 अक्टूबर को भी अतिरिक्त सत्र न्यायालय में अग्रिम जमानत याचिका लगाई थी जो 18 अक्टूबर को एडीजे ईशा खत्री की कोर्ट से खारिज हो गई। जेल में बंद आरोपी बसाऊ की भी जमानत याचिका एडीजे डॉ. गगनदीप मित्तल की कोर्ट से खारिज हो चुकी है। मुख्य नामजद आरोपी की दो बार अग्रिम जमानत याचिका खारिज होने के बाद पुलिस भी इस मामले की जांच में तेजी लाकर फरार चल रहे बाकी सभी आरोपियों के खिलाफ दबिश दे सकती है।

मजदूरों को बंधक बनाकर की थी बर्बरता

पीड़ित प्रवासी मजदूरों की तरफ से आंदोलन चलाने वाले संतलाल अंबेडकर, अमित जाटव व प्रदीप यादव ने बताया कि गांव बनभौरी में नवरात्रों पर लगने वाले मेला की समाप्ति के बाद दिहाड़ी पर आए 11 प्रवासी मजदूरों ने ठेकेदार सतीश से अपनी दिहाड़ी मांगी थी। ठेकेदार ने बिज़नेस में घाटा बताकर दिहाड़ी देने से मना कर दिया और उल्टा मजदूरों पर चोरी का इल्जाम लगा दिया। बात बिगड़ने पर ठेकेदार सतीश और उसके आदमियों ने मजदूरों को बंधक बनाकर उनके घरवालों से फोन कर पांच लाख रुपए की डिमांड रखी। साथ ही मजदूरों के साथ बर्बरता की गई।

पुलिस ने 10 लोगों पर किया था केस दर्ज

मामले में पीड़ित मजदूर ओमपाल की शिकायत पर पुलिस ने नामजद ठेकेदार सतीश, उसके बेटे अमन, सेवाराम, राजबीर, राजेंद्र, बसाऊ सहित 10 अन्य के खिलाफ केस दर्ज किया था। पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ़्तार कर जेल भेज दिया, जबकि बाकी आरोपी फरार हो गए। 10 अक्टूबर को पीड़ित मजदूरों की शिकायत पर दर्ज हुए केस में समझौते का दवाब बनाने के लिए आरोपियों के पक्ष में खड़ी होकर बरवाला थाने की एक महिला पुलिसकर्मी ने भी मजदूरों के खिलाफ 11 अक्टूबर को छेड़छाड और स्नैचिंग की धाराओं में केस दर्ज करवा दिया। मजदूरों के साथ भीम आर्मी के नेताओं ने खड़े होकर महिला पुलिसकर्मी की एफआईआर को खारिज करवाया था।

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