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हरियाणा रोडवेज की सवारियों से भरी एक बस राजस्थान में जब्त कर ली गई, क्योंकि उस पर टाइम टेबल के उल्लंघन का आरोप था। 45 यात्रियों को बीच रास्ते में उतार दिया गया। हरियाणा अधिकारियों का कहना है कि सभी दस्तावेज सही थे, फिर भी बस जब्त की गई। यह विवाद एक साल से चल रहे टाइम टेबल मुद्दे का हिस्सा है।

Haryana Roadways bus seized in Rajasthan : राजस्थान में हरियाणा रोडवेज की सवारियों से भरी एक बस को जब्त कर लिया गया। यह बस सूरतगढ़ से हिसार जा रही थी और इसमें लगभग 45 यात्री सवार थे। राजस्थान के नोहर में आरटीओ (क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी) की टीम ने इस बस को रोका और कथित तौर पर टाइम टेबल का उल्लंघन करने के आरोप में उसे जब्त कर लिया। इससे यात्रियों को बीच रास्ते में उतारना पड़ा और दूसरी बसों में रवाना किया गया।

सूरतगढ़ से हिसार के लिए रवाना हुई थी बस 

बस के ड्राइवर विकास के अनुसार यह बस बुधवार दोपहर को सूरतगढ़ से हिसार के लिए रवाना हुई थी। नोहर पहुंचने पर आरटीओ की टीम ने बस की जांच की, सभी दस्तावेज देखने के बाद भी उसे टाइम टेबल में गड़बड़ी का हवाला देते हुए जब्त कर लिया गया। ड्राइवर का दावा है कि बस के सभी दस्तावेज पूरे थे और यह रूट पिछले आठ वर्षों से तय कार्यक्रम के अनुसार ही चल रहा है। हिसार के ड्यूटी इंचार्ज सुरेंद्र ने भी इस बात की पुष्टि की कि सभी दस्तावेज वॉट्सऐप के माध्यम से राजस्थान आरटीओ को भेजे गए थे। फिर भी बस को जब्त कर चालान कर दिया गया, जो कि दुर्भावनापूर्ण प्रतीत होता है। 

निजी बसों की भूमिका और विवाद की जड़

सूत्रों के अनुसार, यह विवाद कोई नया नहीं है। पिछले एक साल से राजस्थान और हरियाणा रोडवेज के बीच रूट और टाइम टेबल को लेकर खींचतान चल रही है। विशेषकर राजस्थान के निजी बस संचालक बार-बार हिसार रोडवेज की बसों पर आरोप लगाते आए हैं कि वे तय समय के अनुसार नहीं चलतीं। उनका दावा है कि यह उनके व्यवसाय पर असर डालता है, जिससे उनका नुकसान होता है। राजस्थान आरटीओ पर निजी बस ऑपरेटरों के साथ मिलीभगत का आरोप भी हरियाणा परिवहन विभाग की ओर से लगाया गया है। उनका मानना है कि राजस्थान प्रशासन निजी हितों की रक्षा कर रहा है और सार्वजनिक परिवहन सेवा को जानबूझकर बाधित किया जा रहा है।

घटनाक्रम के सामने आने के बाद हिसार GM की इमरजेंसी बैठक

इस पूरे घटनाक्रम के सामने आने के बाद हिसार रोडवेज के जनरल मैनेजर मंगल सेन ने एक इमरजेंसी मीटिंग बुलाई है। बैठक में मामले की गंभीरता को देखते हुए आगामी कदमों पर चर्चा की जाएगी और यह भी तय किया जाएगा कि किस प्रकार से राजस्थान प्रशासन के साथ तालमेल बैठाया जाए ताकि भविष्य में यात्रियों को इस प्रकार की परेशानी न झेलनी पड़े।

पहले भी हुआ है  हरियाणा और राजस्थान के बीच रोडवेज संचालन को लेकर विवाद

यह पहली बार नहीं है जब हरियाणा और राजस्थान के बीच रोडवेज संचालन को लेकर विवाद हुआ है। करीब छह महीने पहले हरियाणा की एक महिला पुलिसकर्मी और राजस्थान रोडवेज के कंडक्टर के बीच टिकट को लेकर विवाद हुआ था। इस मामूली से विवाद ने गंभीर रूप ले लिया और बदले की भावना में दोनों राज्यों की ट्रैफिक पुलिस ने एक-दूसरे की बसों के चालान काटने शुरू कर दिए। हरियाणा पुलिस ने मात्र तीन दिनों में राजस्थान रोडवेज की लगभग 90 बसों के चालान काटे थे। वहीं, प्रतिक्रिया स्वरूप राजस्थान प्रशासन ने एक ही दिन में हरियाणा रोडवेज की 26 बसों पर चालान किया था। जयपुर में हुए इस अभियान का वीडियो भी वायरल हुआ था, जिसमें हरियाणा रोडवेज के कंडक्टर ने यह दावा किया था कि राजस्थान पुलिस सवारियों की संख्या अधिक होने का बहाना बनाकर जानबूझकर चालान कर रही है।

यात्री हो रहे हैं परेशान, यात्रा की निरंतरता बाधित होती है 

इस तरह के विवादों का सबसे अधिक असर आम जनता पर पड़ता है। बसों को जब्त कर देना या बीच रास्ते में यात्रियों को उतार देना प्रशासनिक नियमों की आड़ में मानवता के खिलाफ प्रतीत होता है। यात्रियों को असुविधा झेलनी पड़ती है, यात्रा की निरंतरता बाधित होती है और उनके समय व धन दोनों की बर्बादी होती है। 

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