Appointment Controversy: प्रदेश की सैनी सरकार ने 2002 बैच के HCS अधिकारी वत्सल वशिष्ठ (Vatsav Vashishtha) को हरियाणा स्टाफ सिलेक्शन कमीशन के ओएसडी (OSD) का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा है। जिसके बाद से सरकार विपक्षी नेताओं के निशाने पर आ गई है।
दरअसल, HCS अधिकारी वत्सल वशिष्ठ के खिलाफ चार्जशीट दाखिल है। उन पर प्रदेश की पूर्व चौटाला सरकार में हरियाणा सिविल सेवा (HCS) भर्ती में हुई भर्ती में गड़बड़ी करने का आरोप है। उनके खिलाफ एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने केस दर्ज किया था। जिसका मुकदमा हिसार की जिला कोर्ट में चल रहा है। एसीबी की ओर से इस मामले में 29 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। इनमें HCS अधिकारी वत्सल वशिष्ठ का नाम भी शामिल हैं। अब इस केस की अगली सुनवाई 11 नवंबर को होगी।
ये है पूरा मामला
जानकारी के मुताबिक, ACB की जांच रिपोर्ट की मानें, तो 1 मार्च, 1999 को HCS के कुल 66 पदों पर आवेदन मांगे गए थे। इस भर्ती के लिए 21 हजार से ज्यादा उम्मीदवारों ने आवेदन किया था। 3 मई 2002 को रिजल्ट घोषित हुआ था। जांच के दौरान इंटरव्यू के लिए बुलाए गए 195 उम्मीदवारों में से 117 की 696 उत्तर पुस्तिका को देखा गया तो 101 अभ्यर्थियों की 198 उत्तर पुस्तिका में अनियमितताएं मिली। इन अनियमितताओं में ओवरराइटिंग, अंकों को बढ़ाना और घटाना, अलग-अलग स्याही का प्रयोग करना, पेज खाली छोड़ देना, प्रश्नों के उत्तर न लिखने वालों को भी अंक दे देना समेत अन्य गड़बड़ियां शामिल थी। जांच एजेंसी ने 98 उत्तर पुस्तिकाओं को जांच के लिए एफएसएल (FSL) में भेजा तो उनमें बड़े पैमाने पर टैंपरिंग साबित हुई। इसके बाद जब ACB ने एग्जामिनर से बात की तो कोई भी संतोषजनक उत्तर नहीं दे पाया। जांच के दौरान कुल 15 अभ्यर्थियों को अनुचित लाभ दिया जाना पाया गया था।
कांग्रेस नेता कर्ण सिंह दलाल ने हाईकोर्ट में दायर की थी याचिका
कांग्रेस नेता कर्ण सिंह दलाल 78 अभ्यर्थियों की 465 उत्तर पुस्तिकाओं के आधार पर हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी और इस भर्ती प्रक्रिया को चुनौती दी। जिसके बाद हाईकोर्ट ने इसकी जांच की और 35 अभ्यर्थियों की 54 उत्तर पुस्तिका में अंकों को घटना और बढ़ना पाया गया गयाा। उसके बाद विजिलेंस जांच की परमिशन मिली थी।