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हरियाणा के हिसार में सेवानिवृत जिला न्यायवादी की शिकायत पर केस दर्ज न करने पर थाना प्रभारी के खिलाफ अदालत में केस दर्ज करवाया। साथ ही थाना प्रभारी को ट्रायल के लिए तलब करने की मांग की।

हिसार: साथी एडवोकेट द्वारा कथित तौर पर जान से मारने की धमकी देने की शिकायत पर एफआईआर दर्ज न करने पर सेवानिवृत्त जिला न्यायवादी (डीए) एडवोकेट मुलकराज मेहता ने अदालत का दरवाजा खटखटाया। एडवोकेट मुलकराज मेहता ने सिविल लाइन थाना प्रभारी कविता के खिलाफ हिसार की अदालत में शिकायत दर्ज करवाकर थाना प्रभारी को ट्रायल के लिए तलब करने की मांग की। शिकायत पर अगली सुनवाई 28 जनवरी को होगी।

साथी एडवोकेट ने दी जान से मारने की धमकी

एडवोकेट मुलकराज मेहता ने बताया कि 14 अक्टूबर को जब वह अपने कोर्ट परिसर स्थित चैंबर से घर जा रहा था तो साथी एडवोकेट व उसके पुत्र ने उसको किसी मामले को लेकर जान से मारने की धमकी दी। इस बारे में उन्होंने सिविल लाइन थाना प्रभारी को शिकायत दी, लेकिन उनकी शिकायत पर अभी तक एफआईआर दर्ज नहीं की गई। उन्होंने अदालत से कहा कि ललिता कुमारी बनाम यूनियन आफ इंडिया के केस में सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि यदि थाना प्रभारी के पास कोई संज्ञेय अपराध की रिपोर्ट की जाती है तो एफआईआर दर्ज करना जरूरी है। साथ ही कहा है कि संज्ञेय अपराध वाली शिकायत एफआईआर दर्ज करने से पहले शिकायत की जांच नहीं की जा सकती।

थाना प्रभारी ने नहीं की सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की पालना

एडवोकेट मुलकराज मेहता ने बताया कि थाना प्रभारी ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश की जानबूझकर पालना नहीं की और उनकी शिकायत की जांच एक एएसआई को दे दी। समीता लक्ष्मण बनाम गवर्नमेंट ऑफ आंध्र प्रदेश के केस में अदालत ने स्पष्ट किया है कि एफआईआर दर्ज न करना भारतीय न्याय संहिता की धारा 255 के तहत संज्ञेय अपराध है। इसलिए थाना प्रभारी के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 255 के तहत मामला दर्ज किया जाए। इस मामले में अगली सुनवाई पर अदालत ने थाना प्रभारी को तलब किया है।

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