हिसार: क्षेत्र के गांव मुगलपुरा के पास रविवार दोपहर बाद पराली के स्टॉक में आग लग गई। आग का कारण शॉर्ट सर्किट (Short Circuit) बताया जा रहा है। आग से 15 हजार क्विंटल पराली स्वाहा हो गई, जिसकी कीमत लाखों में बताई जा रही है। दोपहर को जैसे ही आग लगी तो धुएं का गुब्बार उड़ने लगा और लोगों में दहशत फैल गई। किसी ने सूचना दी कि मुगलपुरा के पास पराली के स्टॉक में आग लगी है। हालांकि आग पर काबू पाने के लिए फायर ब्रिगेड टोहाना, भूना व उकलाना की गाड़ियां पहुंची और आग बुझाना शुरू किया। आग बुझाने के इस काम में लगभग आठ गाड़ियां लगी।
आग पर नहीं पाया गया काबू
दमकल विभाग की तरफ से जैसे ही पराली में लगी आग पर पानी डाला जाता, वैसे ही आग और ज्यादा फैल जाती। नजदीक में काफी पराली का स्टाक पड़ा था, जिससे और अधिक आग लगने की आशंका थी, उस पर भी पानी का छिड़काव किया गया। लोडर द्वारा जैसे ही आग लगी, उस पराली का उठान इधर-उधर किया गया ताकि आग पर काबू पाया जा सके, लेकिन धीरे-धीरे आग ने अपना विकराल रूप ले लिया और आग पर काबू नहीं पाया जा सका। आखिरकार फायर ब्रिगेड (Fire Brigade) की गाड़ियों द्वारा पानी छिड़काव बंद कर दिया, ताकि आग और अधिक विकराल ना हो।
डेढ़ एकड़ में बना हुआ है स्टॉक
बताया जा रहा है कि पराली के लिए स्टॉक करीब डेढ़ एकड़ में बनाया गया है। स्टॉक मलिक रामू जो राजस्थान में गया हुआ है, और पीछे से यह घटना हो गई। रामू के भांजे कृष्ण कुमार ने कहा कि पक्षी बिजली की तारों पर बैठे थे। जैसे ही वे उड़े तो तारे हिली, क्योंकि बिजली की तारें ढीली थी जिसके कारण शॉर्ट सर्किट हुआ। आग लगने का जिम्मेदार बिजली निगम है। पीड़ित ने प्रशासन से मांग की कि जो का नुकसान हुआ है, उसकी भरपाई की जाए। यह जो पराली है, राजस्थान में गाय चारे के रूप में काम आती है।
आग लगने का अन्य कोई होगा कारण
इस विषय में बिजली विभाग के उपमंडल अभियंता रवींद्र कुमार ने कहा कि उनके पास पराली में शॉर्ट सर्किट से आग लगने जैसी कोई जानकारी नहीं है। आग लगने का कोई और कारण रहा होगा। आग लगने के कारणों की जांच होनी चाहिए, जिसके बाद ही सच्चाई सामने आएगी। बिना सबूत आरोप लगाना गलत है।