बरवाला/हिसार: गांव बाडो पट्टी में पीने के पानी को लेकर ग्रामीणों के सब्र का बांध टूट गया। गुस्साए ग्रामीणों ने गांव बाडो पट्टी के जलघर के वॉटर टैंक में मृत जानवर का कंकाल मिलने पर जमकर हंगामा किया और दरी पर बैठकर जनस्वास्थ्य विभाग के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। गुस्साए ग्रामीणों को समझाने के लिए मौके पर पहुंचे कनिष्ठ अभियंता साकेत को ग्रामीणों ने घेर लिया और वाटर टैंक का ही पानी पिला दिया। एसडीओ के आश्वासन के बाद ग्रामीण शांत हुए और धरना समाप्त किया।
जलकर कर्मियों के तबादले की मांग
आक्रोशित ग्रामीण जलघर बाडो पट्टी में कार्यरत कर्मचारियों का तबादला व सस्पेंड करने और गांव बाडो पट्टी में स्वच्छ पेयजल आपूर्ति दिए जाने की मांग कर रहे थे। जेई साकेत के आश्वासन से बात सिरे नहीं चढ़ी तो मौके पर एसडीओ तंवरपाल पहुंचे। एसडीओ ने गुस्साए ग्रामीणों की समस्याओं को सुना। एसडीओ तंवरपाल ने ग्रामीणों को तीन दिन के अंदर-अंदर जलघर बाडो पट्टी में कार्यरत कर्मचारियों का तबादला करने और इन कर्मचारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई किए जाने और गांव में स्वच्छ पेयजल आपूर्ति दिए जाने का लिखित में आश्वासन दिया। इसके बाद गुस्साए ग्रामीणों का गुस्सा शांत हुआ और वे धरने से उठ गए।
जलघर के टैंक में मिला जानवर का कंकाल
ग्रामीणों ने बताया कि दो दिन पहले जलघर के टैंक में एक मृत जानवर का कंकाल मिला था, जिससे ग्रामीणों को मृत जानवर का बदबूदार पानी सप्लाई किया गया और ग्रामीणों को वो पानी पीना पड़ा। हालांकि मृत जानवर को वॉटर टैंक में से निकलवा दिया गया है। जलघर में छह कर्मचारी कार्यरत हैं परंतु इन कर्मचारियों में से कोई भी कर्मचारी ढंग से अपनी ड्यूटी नहीं दे रहा। एक कर्मचारी तो दो-तीन महीने से ड्यूटी से गायब है परंतु हाजिरी रजिस्टर में उसकी हाजिरी लगी हुई है। जलघर के फिल्टरों की भी कभी साफ सफाई नहीं की जाती। जलघर के कर्मचारियों द्वारा गांव बाडो पट्टी के ग्रामीणों को दूषित व बदबूदार पीने के पानी की सप्लाई दी जा रही है।