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हरियाणा के बहादुरगढ़ में केमिकल फैक्टरी में आग लग गई, जिसके कारण सारा सामान जलकर राख हो गया। दमकल विभाग की गाड़ियों ने आग पर काबू पाने का प्रयास किया, लेकिन शाम तक आग पर काबू नहीं पाया जा सका। आग की लपटें देख श्रमिक भी सहमे हुए नजर आए।

बहादुरगढ़: शहर के सेक्टर-16 स्थित औद्योगिक क्षेत्र में वीरवार सुबह एक केमिकल फैक्टरी में अचानक आग लग गई। साथ लगती फैक्ट्रियां भी आग की चपेट में आ गई। लगातार भीषण आग बढ़ने से इलाके में अफरा-तफरी मच गई, जिसके चलते आसपास के फैक्टरी मालिकों में हड़कंप मच गया। सूचना मिलने पर पहुंची फायर ब्रिगेड की टीम ने घंटों तक आग बुझाने के लिए कड़ी मशक्कत की, लेकिन रात तक आग पर काबू नहीं पाया जा सका। पानी पड़ते ही पेट्रोल की भांति फैक्टरी के अंदर रखा केमिकल भड़क रहा था। आग की भयानक लपटें देखकर श्रमिक भी सहमे हुए थे।

सीवर में आग ने छकाया

दरअसल, सेक्टर-16 के प्लॉट संख्या 155 में स्थित केमिकल फैक्टरी में लगी आग ने साथ लगती फैक्ट्रियों के भवनों को भी चपेट में लेना शुरू कर दिया था। फैक्टरी में रखा अति ज्वलनशील केमिकल ड्रेनेज सिस्टम के माध्यम से सीवर के रास्ते सड़क पर आ गया। फायर ब्रिगेड द्वारा डाले जा रहे पानी से यह केमिकल पेट्रोल की भांति जल रहा था और हालात को भयावह बना रहा था। सड़क पर लगे स्ट्रीट लाइट के खंभे, मोटरसाइकिल व अन्य वस्तुएं जलकर राख बन गई थी।

कई शहरों की दमकल टीम जुटी

दिल्ली-बहादुरगढ़ समेत कई शहरों की दर्जनों दमकल गाड़ियां आग को बुझाने में जुटी रही, लेकिन आग बुझने का नाम नहीं ले रही थी। आसमान में धुएं के गुबार में कुछ नजर नहीं आ रहा था। कुछ ही देर बाद लेंटर भी भरभरा कर गिर गया। साथ लगती गत्ता फैक्टरी संख्या 153 और जूता फैक्टरी संख्या 152 भी आग की चपेट में आ गई थी। उनके कर्मचारी तैयार माल बाहर निकालने में जुट गए, ताकि नुकसान होने से बचाया जा सके।

अफसरों ने दिखाया जज्बा

भयानक अग्निकांड की सूचना पर दमकल विभाग की कई टीमें मौके पर पहुंची और आग बुझाने में जुट गई। दमकल अधिकारी रमेश सैनी और एफएसओ रवींद्र गौतम स्वयं मोर्चा संभाले हुए थे। उनकी मेहनत और जज्बे को देखकर उद्यमी व श्रमिक भी दंग थे। एसएचओ सदानंद भी हाथ से मिट्टी डालते और पानी के पाइप थामे नजर आए। उनका पहला लक्ष्य आग को अन्य फैक्ट्रियों में बढ़ने से रोकना था।

छत गिरी, दीवारें हुई ध्वस्त

बीसीसीआई के उपाध्यक्ष नरेंद्र छिकारा और पवन जैन भी हालात को काबू करने के लिए सतत प्रयास करते रहे। एचपीसीएल से भी फोम टैंकर मंगवाया गया। मैराथन प्रयासों के बाद भी देर शाम तक आग नहीं बुझ पाई। फैक्टरी की छत और दीवारें ध्वस्त हो गई। भारी संख्या में लोगों की भीड़ मौके पर जमा थी। इस आग से कितना नुकसान हुआ है, इसका अंदाजा आग बुझने के बाद ही लग पाएगा। फिलहाल टीमें आग बुझाने का प्रयास कर रही थी।

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