झज्जर: क्षेत्र के गांव माजरा दूबलधन स्थित राजकीय मॉडल संस्कृति विद्यालय परिसर में करीब छह फुट लंबा एक सांप विद्यार्थियों व शिक्षकों द्वारा देखा गया, जिसके कारण अफरा-तफरी का माहौल पैदा हो गया। सुबह करीब नौ बजे हुई इस घटना के बाद स्कूली बच्चे कक्षा छोड़ कर सांप के भय से इधर-उधर भागने लगे। वहीं शिक्षक भी सांप को पकड़कर मारने के लिए उचित हथियार की खोज करने लगे। इसके बाद रेस्क्यू टीम को सूचित किया गया, जिसने मौके पर पहुंचकर सांप को पकड़ा और जंगल में छोड़ दिया। इसके बाद शिक्षकों व छात्रों ने राहत की सांस ली।
सांप की सूचना पर स्कूल पहुंच अभिभावक
सांप निकलने की सूचना पाकर कुछ अभिभावक भी स्कूल पहुंचे। ऐसे में जीव विज्ञान की प्रवक्ता बिंदु देवी को जब इस बात की सूचना मिली तो उन्होंने सूझ-बूझ का परिचय देते हुए वन्य प्राणी विभाग अधिकारियों से संपर्क साधा। इसके बाद सूचना पर त्वरित कार्रवाई करते हुए आनन-फानन में वन्य प्राणी विभाग की टीम स्कूल पहुंची। उन्होंने शिक्षकों व विद्यार्थियों से देखे गए सांप के संबंध में जानकारी ली। इसके बाद करीब ढाई घंटे की मशक्कत के बाद रेस्क्यू टीम सदस्यों द्वारा सांप को काबू कर लिया गया, जिसके बाद विद्यार्थियों व शिक्षकों ने राहत की सांस ली।
सप्ताह भर में तीन बार देखा गया सांप
जीव विज्ञान प्रवक्ता बिंदु देवी ने बताया कि करीब सप्ताह भर पहले उनके स्कूल परिसर में सांप दिखाई दिया था, जिसकी सूचना विद्यार्थियों ने प्राचार्य मेहताब को दी। उसके बाद शिक्षकों द्वारा बच्चों में व्याप्त भय को दूर करने के लिए अपने स्तर पर सांप को पकड़ने व मारने का प्रयास किया, लेकिन सफलता हासिल नहीं हो पाई। जब फिर से एक दिन सांप दिखाई दिया तो शिक्षकों द्वारा कुछ विद्यार्थियों को उस स्थान पर सांप की निगरानी के लिए तैनात कर दिया। उसके बाद सभी विद्यार्थी रोजाना भय के माहौल में स्कूल आ रहे थे। अब सांप के पकड़े जाने के बाद सभी को राहत मिली है।
वन्य जीवों को भी जीने का अधिकार
वन्य प्राणी विभाग के अधिकारी कुलदीप सिंह ने बताया कि उन्हें राजकीय मॉडल संस्कृति विद्यालय माजरा दूबलधन के परिसर में सांप दिखाई देने की सूचना मिली थी। जिसके बाद रेस्क्यू टीम सदस्यों द्वारा सांप को काबू कर लिया गया। आमजन को दिए संदेश में उन्होंने कहा कि वन्य जीवों को भी जीने का अधिकार है। बरसात के मौसम में सांप व अन्य जीवों के निकलने की बात आम है। लोगों को चाहिए कि वे इस प्रकार के जीवों को मारने की बजाय विभागीय अधिकारियों को सूचना दें ताकि समय रहते बचाव दल के सदस्यों द्वारा उन्हें पकड़ लिया जाए।