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हरियाणा के जींद में सुंदर ब्रांच नहर टूट गई, जिससे सैकड़ों एकड़ फसल जलमग्न हो गई। पानी का तेज बहाव देख गांव के लोगों में हड़कंप मच गया। सूचना पाकर प्रशासन मौके पर पहुंचा और नहर के कटाव को रोकने का प्रयास शुरू किया।

जींद: जुलाना क्षेत्र के नंदगढ़ गांव में सुंदर ब्रांच नहर टूट गई। नहर टूटने से सैकड़ों एकड़ फसल जलमग्न हो गई। पानी का तेज बहाव देख गांव के लोगों में हड़कंप मच गया। गांव के नजदीक एक निजी स्कूल (Private School) को भी बंद कर बच्चों की छुट्टियां कर दी गई। घटना के चार घंटे बाद प्रशासन मौके पर पहुंचा, जिसके कारण किसानों में रोष देखने को मिला। किसानों ने मांग की कि जल्द से जल्द नहर को पीछे से बंद करवाया जाए, ताकि पानी को गांव में घुसने से रोका जा सके।

नहर की तरफ दौड़े ग्रामीण

सुंदर ब्रांच नहर टूटने की सूचना नंदगढ़ गांव के ग्रामीणों को मिली तो ग्रामीण नहर की ओर दौड़ पड़े। गांव में पानी ना घुस पाए, इसके लिए बचाव कार्य शुरू कर दिए। प्रशासन द्वारा मौके पर कई मशीनें तो पहुंचा दी, लेकिन राहत और बचाव कार्य शुरू नहीं कर पाए। प्रशासन की ओर से नहर (Canal) के पानी को डायवर्ट कर दिया, लेकिन पानी कम होने में काफी समय लगा। गांव में पानी घुसने का अंदेशा पाकर ग्रामीणों ने खुद अपनी गलियों में मिट्टी के बांध बना दिए। पानी के बहाव को देख कर ग्रामीणों की सांसे थम गई।

सैकड़ों एकड़ फसल हुई खराब

नंदगढ़ गांव में नहर टूटने से तीन घंटे में लगभग 300 एकड़ खेतों में जलभराव हो गया और किसानों की फसल खराब हो गई। नंदगढ़ गांव के अलावा सिरसाखेड़ी, लजवाना खुर्द गांव के किसानों के माथे पर भी चिंता की लकीरें देखी गई। किसानों का मानना है कि नंदगढ़ गांव का पानी सिरसा खेड़ा, लजवाना खुर्द तक के खेतों में पानी भर सकता है, जिससे उनकी फसल खराब हो सकती है।

प्रशासन ने खेतों को छोड़ आबादी को बचाने का किया प्रयास

नंदगढ़ गांव में नहर टूटने की सूचना पाकर प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे और राहत व बचाव कार्य शुरू कर दिए। मौके पर पहुंचे एसडीएम (SDM) अनिल कुमार दून ने कहा कि खेतों को जो नुकसान हुआ है, उसके लिए मुआयना किया जाएगा। प्रशासन की प्राथमिकता है कि गांव में पानी ना घुसे, इसके लिए ग्रामीणों के साथ मिलकर राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिए।

किसानों को मिले 50 हजार प्रति एकड़ मुआवजा

नंदगढ़ गांव के किसानों की मांग है कि नहर की पटरी टूटने से जिन किसानों की फसल (Harvest) जलभराव से खराब हुई है। उन्हें 50 हजार रुपए प्रति एकड़ के हिसाब से मुआवजा मिले। क्योंकि जलभराव से उनकी फसल खराब हो गई और धान की रोपाई भी नहीं हो पाएगी। ऐसे में किसानों को दोहरी मार से होकर गुजरना पड़ेगा। एसडीएम जुलाना अनिल कुमार ने बताया कि सूचना मिलते ही प्रशासन मौके पर पहुंच गया था। नहर के पानी को बुटाना ब्रांच और हांसी ब्रांच नहर में डायवर्ट किया गया है। राहत और बचाव टीमें मौके पर काम कर रही है।

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