right to service act : हरियाणा के जींद जिले का सफीदों निवासी मयंक अपने विवाह पंजीकरण प्रमाण पत्र को लेने के लिए कई माह से परेशान घूम रहा था। उसने 12 अक्तूबर 2023 को विवाह प्रमाण पत्र बनवाने के लिए नगरपालिका सफीदों में आवेदन किया था। इसके बाद में वह 23 अक्तूबर 2023 को नगपालिका सफीदों में गया और संबंधित अधिकारी को प्रमाण पत्र बनवाने के लिए अपनी फाइल सौंप दी। संबंधित अधिकारी ने उसकी फाइल को अच्छे से चेक करके कहा कि उसकी फाइल बिल्कुल सही है। अब उसकी फाइल एसडीएम सफीदों व उपायुक्त जींद को मंजूरी के लिए जाएगी। जब वहां से उसकी फाइल वापिस आ जाएगी, तब उसको शादी का प्रमाण पत्र दे दिया जाएगा।
पहले फाइल ओके बताई फिर फोटो की कमी से अटकाई
इसके बाद मयंक निश्चिंत होकर घर चला गया, लेकिन कई माह बाद भी सर्टिफिकेट बनकर नहीं आया। उसने नगरपालिका सफीदों के कई महीने चक्कर लगाए। उसे बार-बार यही कहा गया कि उसकी फाइल जींद से नहीं आई है। कई महीने बाद मौके पर मौजूद अधिकारी ने उससे कहा कि उसकी फाइल पर ऐतराज आया हुआ है कि उसकी व उसके परिवार की फोटो फाइल में नहीं लगी हुई है, जबकि इस बारे में उसे फाइल जमा करवाते वक्त मौके पर मौजूद अधिकारी ने कोई भी जानकारी नहीं दी। जबकि अधिकारी को मालूम था कि विवाह प्रमाण पत्र के लिए जो समय मिलता है उसी दिन लड़का, लड़की व उनके माता पिता और गवाहों की फोटो होती है। इसको फाइल में लगाकर एसडीएम व डीसी को भेजना होता है। उसके बाद उसने अपनी, माता-पिता और गवाहों को बुलाकर नगरपालिका सफीदों में पेश किया और उनके कागजात चेक करवाए। फोटो और हस्ताक्षर करवाए। उस दिन अधिकारी ने उसे फिर कहा कि उसकी फाइल ओके हो गई है।
दूसरी बार पते पर एतराज लगाया और फिर फाइल रोकी
मयंक ने बताया कि उसके काफी समय बाद जब वह सम्बंधित अधिकारी से मिला तो उसने कहा कि उसकी शादी की फाइल पर पते का ऐतराज आया हुआ है। हालांकि मेरे सभी कागजातों में मेरा पता एक ही है।
विभाग ने भी शिकायत पर नहीं लिया संज्ञान, तब राइट टू सर्विस कमीशन गया
बार-बार चक्कर के बाद मयंक ने शिकायत करने की ठानी। उसने विभाग की मेल आईडी पर अपनी शिकायत दर्ज करवाई। जहां से उसे 15 जुलाई 2024 को जवाब मिला कि उसकी फाइल संबंधित अधिकारी ने रोकी हुई है और फाइल में कोई कमी नहीं है। संबंधित अधिकारी व सीआरईडी में शिकायत करने बाद भी संतोषजनक जवाब नहीं मिलने के कारण उसने 30 जुलाई 2024 को राइट टू सर्विस कमीशन में अपनी शिकायत दर्ज करवाई। राइट टू सर्विस कमीशन ने उसकी शिकायत पर संज्ञान लिया। उसे 27 अगस्त 2024 को उपायुक्त जीन्द कार्यालय से दूरभाष के माध्यम से संदेश प्राप्त हुआ। उन्हें अपनी पूरी स्थिति से अवगत करवाया और तब उसे करीब 10 महीने के बाद विवाह प्रमाण पत्र प्राप्त हुआ, जबकि राइट टू सर्विस एक्ट के तहत यह 15 दिन में मिल जाना चाहिए था।
उपायुक्त को जांच सौंपी, 500 रुपये का जुर्माना ठोका
इस मामले को गंभीरता से लेते हुए राइट टू सर्विस कमीशन के आयुक्त ने अपनी शक्तियों का प्रयोग करते हुए 13 जनवरी 2025 को उपायुक्त जींद को यह फाइल विस्तृत जांच के लिए वापिस भेज दी। इस पर उपायुक्त जींद ने विस्तृत जांच के उपरांत इस मामले में नगरपालिका सफीदों को दोषी पाया और उस पर 500 रुपये का जुर्माना लगाया।
क्या है राइट टू सर्विस एक्ट
हरियाणा सरकार द्वारा सभी विभागों में कामों को समयबद्ध तरीके से करने के लिए राइट टू सर्विस एक्ट 2014 बनाया था। इसके तहत अधिकारियों को तय समय में ही काम करना होगा। हर काम के लिए समय निर्धारित किया गया है। इसके अंदर कोई काम नहीं होगा तो उस पर जुर्माना लगाया जाएगा। इस काम में पारदर्शिता के लिए ऑटो अपील सिस्टम AAS भी लांच किया गया है। इसके तहत करीब 192 सेवाएं ली गई हैं।