जींद: गांव बधाना के लोग काफी समय से जलघर से मिलने वाले नहरी पानी के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं, लेकिन विभाग के अधिकारी लोगों की बातों को अनसुना कर रहे हैं। जलघर में नहरी पानी के टैंक हरदम फुल रहते हैं लेकिन विभाग के अधिकारी काफी समय से जलघर में उपकरणों की कमी बताकर उच्चाधिकारियों के यहां पत्राचार का बहाना बनाकर नहरी पानी पर आधारित योजना पर कुंडली मारे बैठे हैं। इसके कारण गांव के लोगों में सरकार तथा विभाग के अधिकारियों के प्रति रोष है।
टैंक भरे होने के बाद भी नहीं मिल रहा पानी
गांव बधाना के ग्रामीणों ने बताया कि गांव स्थित जलघर के निर्माण के बाद ही गांव के लोगों को टैंकों में नहरी पानी उपलब्ध होने के बावूजद पीने के लिए नहरी पानी नहीं मिल रहा। सरकार द्वारा करोड़ों रुपए खर्च कर जींद नहर से दिल्लूवाला वाया नगूरां होते हुए बधाना जलघर तक नहरी पानी की व्यवस्था तो कर दी, लेकिन अधिकारियों की लापरवाही के चलते गांव के लोगों को टैंकों में नहरी पानी की उपलब्धता के बावजूद अभी तक नहरी पेयजल नसीब नहीं हुआ। विभाग की अनदेखी के चलते गांव के लोग टीडीएस युक्त खारा पानी पीने को मजबूर है। इस पानी से जहां गांव में बीमारी फैलने का अंदेशा बना हुआ है, वहीं विभाग स्वच्छ पेयजल के नाम से लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रहा है।
जनस्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर उठाए सवाल
ग्रामीणों ने कहा कि जब गांव के जलघर में नहरी पानी उपलब्ध है तो फिर विभाग गांव में नहरी पानी की सप्लाई क्यों नहीं कर रहा। इससे विभाग के उच्चाधिकारियों की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लग रहा है। गांव के लोगों को नहरी पानी नहीं मिल पाने के कारण महिलाओं को पीने के पानी के लिए खेतों में बने सबमर्सीबलों का रूख करना पड़ता है। जिसके कारण महिलाओं को मानसिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। गांव के लोगों ने जिला प्रशासन से मांग की कि जल्द से जल्द बधाना गांव स्थित जलघर से लोगों को नहरी पानी उपलब्ध करवाया जाए ताकि लोगों को पानी के मामले में किसी दिक्कत का सामना न करना पड़े।
नहरी पानी की सप्लाई के लिए कुछ उपकरण खराब
जलापूर्ति विभाग जींद के एसडीओ रणबीर सिंह ने बताया कि जलघर में नहरी पानी के टैंक फुल है लेकिन गांव में नहरी पानी की सप्लाई देने के लिए कुछ उपकरण खराब पड़े हैं। इसके लिए काफी समय से पंचकूला निदेशालय को पत्राचार किया हुआ है। निदेशालय से बजट मंजूर होते ही बधाना गांव स्थित जलघर में खराब पड़े उपकरणों को बदलकर गांव में नहरी पानी सप्लाई कर दिया जाएगा। हालांकि इसके लिए दुबारा निदेशालय को पत्र लिखा जाएगा।