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हरियाणा के कैथल में ऑनर किलिंग मामले में हाईकोर्ट ने क्राइम ब्रांच की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें आरोपी युवक की मां को रिहा करने की मांग की गई थी। बहन के प्रेम विवाह करने पर आरोपी युवक ने घर में घुसकर गोली मारते हुए बहन को मौत के घाट उतारा था।

कैथल: बहुचर्चित ऑनर किलिंग मामले में विशेष अदालत के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमित गर्ग ने क्राइम ब्रांच की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें स्टेट क्राइम ब्रांच ने मुख्य आरोपी की आरोपी मां को डिस्चार्ज कराने व जेल से रिहा कराने के लिए उक्त अदालत में याचिका दायर की थी। कैथल निवासी अनुसूचित जाति समुदाय के एक युवक ने गांव क्योड़क की एक जाति विशेष की युवती से प्रेम विवाह किया था। युवती ने परिजनो से डर के चलते पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट में सुरक्षा के लिए याचिका दायर करते हुए अपने मां-बाप व अन्य परिजनों से खतरा बताया था।

घर में घूसकर बहन को मारी थी गोली

मृतक युवती कोमल के मां-बाप व अन्य परिजन सेफ हाउस में जाकर युगल से मिलने लगे और अपने विश्वास में लिया। इसके बाद कोमल व अनिल ने अपनी सुरक्षा वापस कर दी तथा कोमल अपने ससुराल नानक पुरी मोहल्ला कैथल में रहने आ गई। ससुराल में कोमल के माता-पिता व भाई ने एक साजिश के तहत घर में घुसकर कोमल को गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया। साथ ही कोमल के पति अनिल, उसकी बहन अंजू तथा मां पर भी गोलियां चलाई तथा उन्हें गंभीर रूप से घायल कर दिया।

क्राइम ब्रांच की याचिका को किया खारिज

इस मामले में कैथल पुलिस ने आरोपी युवक रमन तथा उसकी मां अमिता देवी को गिरफ्तार किया था । इस मामले में कोमल की मां पर आपराधिक साजिश रचने के आरोप हैं। बता दें कि रमन ने कोमल के पति अनिल के घर पर फायरिंग की, जिसमें कोमल की मौत हो गई तथा उसकी सास व ननद गंभीर रूप से घायल हो गई थी। दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने अपना फैसला सुनाया तथा क्राइम ब्रांच की याचिका को खारिज कर दिया।

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