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हरियाणा के महेंद्रगढ़ में पानी की समस्या को देखते हुए गांव चितलांग में 2 नए जलघर बनाए जाएंगे, जिन पर 14 करोड़ रुपए की लागत आएगी। अभी शहर में गांव देवास में बने चार वाटर टैंकों से सप्लाई की जा रही है।

महेंद्रगढ़: शहर को पेयजल किल्लत से निजात दिलाने के लिए जनस्वास्थ्य विभाग की ओर से गांव चितलांग में दो नए जलघर बनाएं जाएंगे। अटल मिशन के तहत बनने वाले करीब 10 एकड़ अतिरिक्त भूमि पर दो नए टैंक में करीब 14 करोड़ रुपए की लागत आएगी। नए जलघर बनने के बाद शहर को करीब तीन दशक तक पेयजल किल्लत से निजात मिलेगी। विभाग की ओर से नए जलघर के टेंडर लगा दिए गए हैं।

गांव देवास में है 4 वाटर टैंक

बता दें कि तीन दशक पहले शहर की करीब 20 हजार की आबादी के लिए गांव देवास स्थित परियोजना बनाई गई थी। इसमें चार वाटर टैंक बनाकर चार किलोमीटर भूमिगत पाइप लाइन दबाकर शहर में बने बूस्टिंग स्टेशन से पेयजल आपूर्ति की जाती है। तीन दशक में आबादी 50 हजार तक पहुंच गई है। इसके कारण शहर में हर वर्ष पेयजल की समस्या बढ़ने लगी है। गांव देवास में करीब दस एकड़ भूमि पर बने नहरी पानी आधारित चार जलघरों से शहर में पेयजल आपूर्ति होती है। इसकी क्षमता महज 85 लाख लीटर होने के कारण शहर की आबादी के लिए 14 दिन का पानी स्टोर हो सकता है। नहरी पानी के अभाव में सप्ताह के बाद पानी की राशनिंग शुरू कर दी जाती है।

30 वर्ष तक नहीं होगी शहर में पेयजल किल्लत

विभाग ने यह परियोजना 2047 तक की आबादी को ध्यान में रखते हुए तैयार की है। गांव चितलांग की 10 एकड़ पंचायती भूमि पर दो करोड़ लीटर के बड़े वाटर टैंक बनाकर शहर में नए बनने वाले चार बूस्टिंग स्टेशनों पर भूमिगत पाइप लाइन के माध्यम से आपूर्ति होगी। इसके लिए पंचायत की ओर से जनस्वास्थ्य विभाग की ओर से भूमि उपलब्ध करा दी गई है। वहीं विभाग की ओर से नए जलघर के लिए टेंडर जारी कर दिए गए है। नए जलघर बनने के बाद शहर में 30 वर्ष तक पेयजल किल्लत नहीं रहेगी।

14 करोड़ की लागत से बनने नए जलघर

जनस्वास्थ्य विभाग के जेई दीपचंद ने बताया कि अटल मिशन जल योजना के तहत जलघर के कार्य के लिए 14 करोड़ रुपए के टेंडर लगाए गए हैं। एजेंसी मिलते ही जल्द कार्य शुरू करवा दिया जाएगा। दो वर्ष तक कार्य पूरा करवाने का लक्ष्य रखा गया है। नए वाटर टैंक बनने के बाद शहर में 30 वर्ष तक पेयजल किल्लत नहीं रहेगी।

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