Narnaul: धार्मिक स्थल सालासर बालाजी और मेहंदीपुर बालाजी के दर्शन कर लौट रहे करीब 42 वर्षीय व्यक्ति की नेशनल हाईवे 148-बी पर कार में आग लगने से मौत हो गई। घटना शनिवार सुबह करीब तीन बजे नीरपुर-दिल्ली रोड क्रॉसिंग के फ्लाईओवर पर हुई। मौके पर डॉयल 112 की गाड़ी एवं फायर ब्रिगेड भी मौके पर पहुंची। फायर ब्रिगेड की गाड़ी ने कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। लेकिन तब तक युवक जिंदा जल चुका था। आग लगने का कारण स्पष्ट नहीं हो पाया है, लेकिन अनुमान लगाया जा रहा है कि शार्ट सर्किट के कारण आग लगी होगी।
आग के कारण नहीं खुले कार के खिड़की दरवाजे
जानकारी अनुसार शनिवार सुबह करीब तीन बजे 148-बी पर एक सेंट्रो कार नारनौल की तरफ आ रही थी। जब कार कादीपुरी के आसपास थी, तब उसमें अज्ञात कारणों से अचानक आग लग गई। आग के कारण उसके दरवाजे खिड़की नहीं खुल सके और उस कार को चला रहा व्यक्ति भी उस आग की चपेट में आ गया। कार जहां रूकी, वह एरिया सिटी थाने के अधीन बेचिराग गांव श्योरामनाथपुरा पड़ता है। कार में आग लगी देखकर आसपास के लोगों ने फायर ब्रिगेड को सुबह 3:12 बजे फोन किया। फायर ब्रिगेड की गाड़ी तत्परता से घटना स्थल पर पहुंची। जब फायर ब्रिगेड वहां पहुंची, तब वहां डॉयल 112 टीम मौजूद थी और सभी ने मिलकर गाड़ी की आग को बुझाया, लेकिन तब तक उसमें सवार व्यक्ति जिंदा जल चुका था। गाड़ी भी पूरी तरह से जल चुकी थी। कार के आगे-पीछे की नंबर प्लेट भी आग की चपेट में आ गए थे, जिस कारण नंबरों की पहचान करने में भी पुलिस को मुश्किल हुई।
यह जताई जा रही आशंका
इस दुर्घटना के दौरान देखने में आया कि कार चला रहा व्यक्ति रात के समय अपनी कार की खिड़की या शीशे नहीं खोल पाया। रात का समय होने के कारण उस समय सड़क पर ज्यादा वाहन भी नहीं थे और न ही कोई उसकी समय पर मदद कर पाया। मृतक के ताऊ के बेटे सुनील सैनी ने बताया कि उन्हें पुलिस ने बताया कि कमल किशोर डिवाइडर के ऊपर से फ्लाईओवर की तरफ चढ़ रहा था, तब स्पार्किंग से गाड़ी के पिछले हिस्से में आग लग गई। आग तेजी से बोनट की तरफ फैली, तब उसने गाड़ी रोकनी चाही, लेकिन हड़बड़ी में गाड़ी डिवाइडर के साथ लग गई व गेट नहीं खुल पाया। दूसरे गेट भी गाड़ी के लॉक होने से खुल नहीं पाए और यह हादस हो गया। बाद में जिन लोगों ने कार में आग लगी देखी, उन्होंने पुलिस एवं फायर ब्रिगेड को सूचित किया।
सीमा विवाद मामले में आया आड़े
कार के साथ जहां हादसा हुआ, उस जगह यानि सीमा को लेकर पुलिस विवाद सामने आया। हादसा होने पर सदर पुलिस नारनौल को सूचित किया गया। सदर ने एरिया उनका होने से इंकार कर दिया और महावीर चौकी पुलिस को सूचित किया, लेकिन उन्होंने एरिया सिटी थाने का बता दिया। अंत में सिटी पुलिस की ओर से एएसआई जितेंद्र सहयोगियों समेत घटनास्थल पर पहुंचे और परिजनों के बयान पर आवश्यक कार्रवाई शुरू की। हालांकि कमल किशोर की देह कार में ही जल गई थी, लेकिन फिर भी कानूनन पुलिस ने उसके शव का पोस्टमार्टम नागरिक अस्पताल से कराया। पोस्टमार्टम कराने उपरांत घटनास्थल पर पहुंचे परिजन शव लेकर अपने गांव हीरवा चले गए।
फ्लोर मिल चलाता था मृतक
परिजनों के अनुसार कमल किशोर अविवाहित था और वह बालाजी इंटरप्राइजिज के नाम से बड़ी फ्लोर मिल (आटा चक्की) चलाता था। उसकी मिल में उत्तम भोग नाम से आटा पैक करने के उपरांत दुकानों पर सप्लाई किया जाता था। चार-पांच आदमी काम पर लगा रखे थे। वह शुक्रवार को सालासर बालाजी गया था और फिर वहां से मेहंदीपुर बालाजी (जिला अलवर) गया था। शनिवार रात्रि को वह वापस गांव लौट रहा था। जब वह गांव कादीपुरी क्रॉस कर रहा था, तभी हादसे का शिकार हो गया।