Nuh: साइबर थाना पुलिस ने दो ऐसे साइबर ठगों को दबोचा, जो महिलाओं को गर्भवती करने के नाम पर रुपयों का लालच देकर लोगों से ठगी करते थे। इसके लिए बाकायदा यह ठग सोशल मीडिया के माध्यम से फर्जी विज्ञापन डालकर लोगों को झांसे में लेते थे। इन आरोपियों की पहचान एजाज निवासी बुराका, हथीन जिला पलवल और इरशाद निवासी कुतुकपुर शाह चोखा थाना पिनंगवा के रूप में हुई है। इनके दो मोबाइलों से चार सिम बरामद हुए है। इनमें दो सिम कार्ड महाराष्ट्र और असम के पते पर जारी हुए थे। इसके अलावा दोनों के मोबाइलों में संदिग्ध चेटिंग भी मिली है। दोनों आरोपियों के विरुद्ध नूंह साइबर थाना पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता की धाराओं के तहत केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी।
सोशल मीडिया पर फर्जी विज्ञापन डालकर लोगों को बनाते थे शिकार
नूंह साइबर थाना प्रभारी विमल कुमार ने बताया कि सूचना मिली कि एजाज और इरशाद मिलकर फर्जी सोशल मीडिया साइटों पर महिलाओं को गर्भवती करने के नाम पर फर्जी विज्ञापन डालते हुए लोगों को झांसे में लेते हैं। दोनों फर्जी व्हाट्सएप अकाउंट के माध्यम से लोगों से संपर्क कर फाइल और पंजीकरण का शुरुआती खर्चा बताकर ऑनलाइन तरीके से एडवांस फीस लेते। साथ ही यह फीस फर्जी बैंक खातों के माध्यम से बनाए गए फोन पे, गूगल पे और पेटीएम के माध्यम से लेते। सूचना के मुताबिक साइबर थाना पुलिस की एक टीम ने जाल बिछाकर दो युवकों को शाह चोखा नहर के नजदीक से दबोच लिया। जिन्होंने पूछताछ में अपनी पहचान एजाज और इरशाद उपरोक्त के रूप में बताई। तलाशी लेने पर दो मोबाइल मिले, जिनमें चार सिम थे। इनमें दो सिम कार्ड महाराष्ट्र और असम के पते पर जारी हुए थे।
व्हाट्सएप पर मिली संदिग्ध चेटिंग
साइबर थाना प्रभारी के मुताबिक मोबाइल गैलरी चेक करने पर व्हाट्सएप अकाउंट में लोगों से महिलाओं को गर्भवती कराने संबंधित चैटिंग मिली। चार से अधिक फेसबुक अकाउंट मिले, जिनमें महिलाओं को गर्भवती करने के बदले में राशि देने का फर्जी विज्ञापन मिला। नूंह में इस तरह की अनोखी साइबर ठगी का यह पहला मामला है। आरोपी काफी लोगों को अब तक झांसे में लेकर अपना शिकार बना चुके हैं। इस गिरोह से जुड़े अन्य तारों की भी जांच की जा रही है। फिलहाल भारतीय न्याय संहिता की पांच धाराओं के तहत आरोपियों के विरुद्ध केस दर्ज किया गया है।