Hisar Student Missing: हिसार में अपने ही जन्मदिन पर एक युवक शुभम घर से लापता हो गया। बताया जा रहा है कि युवक बैंक में 3000 रुपये जमा करवाने गया था जिसके बाद से ही घर नहीं लौटा। युवक राजगढ़ रोड स्थित शास्त्री नगर में रहता था। शुभम परिवार का इकलौता बेटा था और उसकी 2 छोटी बहनें हैं। शुक्रवार को शुभम का जन्मदिन था। जब वह देर तक घर नहीं लौटा तो माता-पिता ने उसकी तलाश शुरू की।
इसी दौरान माता-पिता ने शुभम के बैग की तलाशी ली, जिसमें उन्हें एक लेटर मिला। उस लेटर में लिखा था "पापा, मैं न अच्छा बेटा बन पाया न अच्छा भाई, 14 जून मेरा आखिरी दिन होगा"। 21 साल का शुभम राजगढ़ रोड स्थित गवर्नमेंट कॉलेज में बीएससी की पढ़ाइ कर रहा था। उसके पिता प्राइवेट नौकरी कर घर चलाते हैं। फिलहाल परिजनों ने शुभम के लापता होने की रिपोर्ट आजाद नगर थाने में दर्ज करवाई है।
शुभम ने लेटर में क्या लिखा
शुभम ने बैग ने जो लेटर छोड़ा है, उसमें लिखा है "हेलो पापा, मैं आपको एक बात बताऊं? मुझे पिछले 15 से 20 दिन से कुछ भी अच्छा नहीं लग रहा है। इन्हीं दिनों में मैने कई बाद सुसाइड करने की भी कोशिश की। कभी हाथ की नस काटकर, कभी सांस रोककर तो कभी मोंटी की छत से कूदने की कोशिश की, लेकिन कुछ नहीं हुआ। फिर मैंने फैसला लिया की 14 जून को मेरा इस दुनिया में आखिरी दिन होगा।
शुभम ने आगे लिखा कि इस घर में अगर आपको मेरे कपड़े और डॉक्यूमेंट गायब मिले तो समझ लेना कि मैं घर छोड़कर जा चुका हूं या फिर मैं दुनिया छोड़कर चला गया हूं। इस जन्म में मैं न तो अच्छा बेटा बन पाया और न ही अच्छा भाई। मैं चाहता हूं कि अगले जन्म में आपका ही बेटा बनूं। पापा, मेरे जाने के बाद टेंशन मत लेना। उम्मीद है की आप मुझे जल्द ही भूल जाओगे। आपका निकम्मा बेटा, शुभम।
इसके अलावा लेटर के साथ साथ एक और कागज मिला है, जिस पर बैंक एटीएम का पासवर्ड लिखा है। इस साथ ही लेटर में यह भी लिखा है कि वेल पापा, मैंने 15 हजार रुपए अपने एसबीआई वाले खाते से निकलवाए हैं, जिसे मैं सेटल होने पर आपको फोन-पे या गूगल-पे से वापस लौटा दूंगा। शुभम ने एटीएम पासवर्ड को लेकर आगे लिखा कि पता नहीं यह सही है या गलत। आप इसे ज्योति (बहन) की होली-डे होमवर्क वाली नोटबुक में चेक कर लेना। मैंने वहां भी पासवर्ड लिखे हुए हैं।
Also Read: कुवैत अग्निकांड, परिवार को था अनिल के वतन वापसी का इंतजार, अब कफन में लिपटकर यमुनानगर आएगा शव
शुभम पहले भी देता था जान लेने की धमकी
वहीं पिता अयोध्या प्रसाद ने बताया कि उसके 3 बच्चे हैं, शुभम, लक्ष्मी और ज्योति। शुभम बीएससी द्वितीय वर्ष का छात्र है। शुभम शुक्रवार के दिन बैंक में 3 हजार रुपये जमा करवाने गया था, लेकिन वह वापस नहीं आया। इसके बाद जब बैंक से 15 हजार रुपये निकलने का मैसेज आया तो हमें शक हुआ। इसके बाद हमने शुभम के सामान की तलाशी ली। तलाशी के बाद शुभम के बैग से उसका लेटर मिला। पिता का कहना है कि शुभम पहले भी घर से भाग जाने और मरने की धमकियां देता रहता था।