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मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने वर्चुअल माध्यम से प्रदेशभर में 60 अमृत प्लस सरोवरों का उद्घाटन किया। सीएम ने कहा कि पानी का सदुपयोग करें, पानी बेशकीमती है। पानी को पुन उपयोग करने की आदत बनाए।

Fatehabad: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने प्रदेश के नागरिकों का आह्वान किया कि पानी का सदुपयोग करें, दुरुपयोग नहीं। पानी बेशकीमती है, इसलिए उपलब्ध पानी का उपयोग कर उसे पुनः उपयोग करने की आदत बनाएं। सीएम फतेहाबाद में टोहाना विधानसभा क्षेत्र के डुल्ट गांव में वर्चुअल माध्यम से प्रदेशभर में 60 अमृत प्लस सरोवरों का उद्घाटन करने उपरांत जनता को संबोधित कर रहे थे। उद्घाटन किए गए 60 अमृत सरोवरों में जिला फतेहाबाद के 31 अमृत सरोवर हैं।

2022 में की थी अमृत सरोवर मिशन की शुरुआत

मनोहर लाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के तालाबों की कायाकल्प करने के लिए 2022 में अमृत सरोवर मिशन की शुरुआत की थी। इस मिशन के तहत हरियाणा में 1 मई 2022 से हर जिले में 75 तालाब के अनुसार कुल 1650 तालाबों का जीर्णोद्धार कर अमृत सरोवर बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। राज्य सरकार व स्थानीय स्तर पर किए गए प्रयासों के फलस्वरूप हरियाणा 2078 अमृत सरोवर बनाने में सफल रहा है।आगामी एक माह में 200 और अमृत सरोवर बनाए जाएंगे।

तालाबों के कायाकल्प के लिए बनाया हरियाणा तालाब प्राधिकरण

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि हरियाणा में तालाबों के कायाकल्प के उद्देश्य से हमने हरियाणा तालाब एवं अपशिष्ट जल प्रबंधन प्राधिकरण का गठन किया है और प्राधिकरण को प्रदेश में उपलब्ध तालाबों का सर्वे करने के निर्देश दिए थे। सर्वे के अनुसार प्रदेश में 19,649 तालाब पाए गए, जिनमें ग्रामीण क्षेत्र में लगभग 18 हजार तालाब तथा शहरों में 900 तालाब शामिल हैं। इन तालाबों में लगभग 11 हजार प्रदूषित तालाब हैं, इनके कायाकल्प के लिए कार्य किया जा रहा है। वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार राज्य में पानी की मांग लगभग 35 लाख करोड़ लीटर है, जबकि हमारे पास लगभग 21 लाख करोड़ लीटर पानी उपलब्ध है। इस प्रकार लगभग 14 लाख करोड़ लीटर पानी की कमी है। भूजल के अलावा पानी की उपलब्धता बरसात व पहाड़ों से आने वाले पानी से होती है।

तालाबों के कायाकल्प व सौंदर्यीकरण की राशि बढ़ाकर की 7 लाख रुपए

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार आने से पूर्व तालाबों की सफाई व सौंदर्यीकरण के लिए केवल 50 हजार रुपए प्रति तालाब निर्धारित थे। लेकिन भाजपा सरकार ने इस राशि को बढ़ाकर 7 लाख रुपए प्रति तालाब किया है, जिसके फलस्वरूप आज प्रदेश में तालाबों का कायाकल्प किया जा रहा है। तालाबों में पानी को साफ करके डालने से उसका उपयोग सिंचाई, पशुओं के पीने के लिए व अन्य आवश्यकताओं के लिए किया जा सकता है।

जलभराव की समस्या के समाधान के लिए प्राकृतिक खेती की ओर अग्रसर हों किसान

मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों ने रासायनिक खादों का अत्यधिक उपयोग कर फसल की पैदावार तो बढ़ा ली, परंतु जमीन की गुणवत्ता खराब हो गई। रसायनों के कारण जमीन में एक पक्की लेयर बनने के कारण बरसात का पानी जमीन के नीचे नहीं जा रहा, जिससे कई क्षेत्रों में जलभराव व दलदल की समस्या बन चुकी है। इतना ही नहीं, रासायनिक खादों के अत्यधिक उपयोग के कारण आज कैंसर जैसी गंभीर बीमारियां हो रही है। इस समस्या से निजात पाने के लिए हमें प्राकृतिक खेती की ओर जाना होगा। उन्होंने किसानों से अपील की कि जल संरक्षण व जलभराव की समस्या से बचने के लिए धान के स्थान पर अन्य वैकल्पिक फसलों की खेती करें।

प्रदेश में भूजल रिचार्जिंग के लिए 1000 और रिचार्ज वेल किए जाएंगे स्थापित

सीएम मनोहर लाल ने कहा कि भूजल रिचार्जिंग पर फोकस करते हुए प्रदेश में 1000 रिचार्ज-वेल बनाए जा चुके हैं। अगले वर्ष के लिए भी 1000 रिचार्ज-वेल बनाने का लक्ष्य रखा है। इन वेल के बनने से हर वर्ष लगभग 8000 एकड़ अतिरिक्त जमीन पर सिंचाई संभव हो सकेगी। हरियाणा में कुल 95 लाख एकड़ जमीन कृषि योग्य है, इसमें से 45 लाख  एकड़ में नहरी पानी से सिंचाई हो पाती है। शेष भूमि पर बरसात के पानी या ट्यूबवेल के माध्यम से सिंचाई होती है। पानी को शुद्ध करने के लिए प्रदेश में 200 ट्रीटमेंट प्लांट लगाए गए हैं, जिनसे 700 क्यूसेक पानी उपलब्ध हो रहा है। इस पानी का उपयोग बागवानी, सिंचाई,पावर प्लांटों व उद्योगों में किया जा रहा है।

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