हरियाणा विधानसभा चुनाव की तारीख नजदीक आने के साथ ही राजनीतिक दलों की मजबूती और कमजोरियां सामने आ रही हैं। कांग्रेस हो या फिर बीजेपी, दोनों को अपने बागी नेताओं से खासा खतरा महसूस हो रहा है। यही वजह है कि बागियों को पार्टी से भी निकाला जा रहा है। इस वजह से अन्य राजनीतिक दल स्वयं को मजबूत स्थिति में देख रहे हैं। शायद यही वजह है कि दो सप्ताह पहले 15 से 20 सीट जीतने का दावा करने वाले इनेलो अब हरियाणा में सरकार बनने का दावा कर रही है। इस दावे में कितना दम है, आइये जानने का प्रयास करते हैं।
किंग मेकर की दौड़ में इनेलो आगे?
राजनीतिक जानकारों की मानें तो हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और भाजपा के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिलेगी। इसके अलावा इनेलो-बसपा और जेजेपी-एएसपी गठबंधन को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। यह दोनों गठबंधन भी किंग मेकर की भूमिका में आ सकते हैं। इस दौड़ में इनेलो आगे लग रही है।
इनेलो ने बसपा और जेजेपी ने एएसपी से गठबंधन कर जाट और एससी/एसटी वोटर्स को एक साथ साधने का प्रयास किया है। जेजेपी के दुष्यंत चौटाला का पहले से एक बयान सामने आया था कि जो भी हमें समर्थन देंगे, हम सरकार बना लेंगे। दुष्यंत के बाद अब अभय चौटाला ने भी कुछ ऐसा ही बयान दिया है, लेकिन पेंच ये है कि उन्होंने बीजेपी की बजाए कांग्रेस का ही समर्थन लेने की बात कही है।
अभय बोले- इनेलो-बसपा की सरकार बनेगी
इनेलो महासचिव अभय चौटाला ने एक इंटरव्यू में कहा कि हमारी पार्टी की स्थिति लगातार मजबूत होती जा रही है। जब पूछा गया कि अकेले किंगमेकर की भूमिका में आए तो बीजेपी और कांग्रेस में से किस दल का समर्थन करेंगे। इस पर जवाब देते हुए अभय चौटाला ने कहा कि हम बीजेपी के साथ सरकार नहीं बनाएंगे। अगर स्पष्ट बहुमत नहीं मिला, तो हम कांग्रेस से गठबंधन करेंगे। उन्होंने कहा कि मेरी कांग्रेस से कोई दुश्मनी नहीं है, लेकिन भूपेंद्र हुड्डा ने जिस तरह चौटाला साहब के खिलाफ साजिश रचकर जेल भेजा, उसे भूल नहीं सकता।
'कांग्रेस को समर्थन नहीं देंगे'
अभय चौटाला ने कहा कि हम कांग्रेस को भी समर्थन नहीं देंगे बल्कि उनका समर्थन लेकर सरकार बनाएंगे। उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी जिस मजबूती से चुनाव लड़ रही है, उसके चलते हमारी सरकार बनेगी। उन्होंने कहा कि मायावती जी चुनाव प्रचार कर रही हैं, जिससे मजबूती मिली है। चौटाला साहब भी रैलियां करेंगे, जिससे जीत बड़ी होगी। उन्होंने दोहराया कि किसी भी स्थिति में बीजेपी को ना तो समर्थन देंगे और न ही लेंगे।
बीजेपी ने गोपाल कांडा के लिए क्यों बलिदान दिया?
गोपाल कांडा के खिलाफ बीजेपी की ओर से प्रत्याशी न उतारने के सवाल पर अभय चौटाला ने कहा कि गोपाल कांडा स्पष्ट रूप से बता चुके हैं कि उन्होंने इस बारे में बीजेपी से कभी भी बात नहीं की। जब दोबारा पूछा गया कि बीजेपी ने गोपाल कांडा के लिए क्यों बलिदान दिया, जवाब देते हुए कहा कि इस बारे में तो बीजेपी ही बता सकती है। उन्होंने फिर से बीजेपी के साथ किसी भी प्रकार के गठबंधन की संभावनाओं को सिरे से खारिज कर दिया।
अभय चौटाला के इस बयान के क्या मायने
हरियाणा विधानसभा चुनाव को लेकर अभी तक की राजनीति देखें तो बीजेपी पहले ही स्पष्ट कर चुकी है कि यह चुनाव सीएम नायब सैनी के नेतृत्व में लड़ा जा रहा है और आगे भी प्रदेश का विकास करते रहेंगे। कांग्रेस की बात करें तो भूपेंद्र सिंह हुड्डा, कुमारी शैलजा और रणदीप सुरजेवाला की दावेदारी को लेकर घमासान जारी है। बहरहाल, तीनों को समझाया गया है कि चुनाव के बाद ही हाईकमान ही सीएम के नाम पर फैसला लेगा।
अगर कांग्रेस को स्पष्ट बहुमत नहीं मिलता है, तो सरकार बनाने के लिए सीएम पद को लेकर काफी माथापच्ची करनी पड़ सकती है, जो कि अभय चौटाला के बयान से भी समझा जा सकता है। अब हरियाणा की जनता किसके सिर पर ताज रखेगा, यह 8 अक्टूबर को आने वाले नतीजों के बाद ही पता चल सकेगा।
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