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हरियाणा के अंबाला में शहरी स्थानीय निकाय मंत्री सुभाष सुधा ने काम में लापरवाही बरतने के आरोप में नगर निगम के एक्सईएन महिंद्र व जेई को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड करने के आदेश जारी कर दिए। दोनों के खिलाफ भाजपा नेताओं ने शिकायत दी थी।

Ambala: शहरी स्थानीय निकाय मंत्री सुभाष सुधा ने काम में लापरवाही बरतने के आरोप में नगर निगम के एक्सईएन महिंद्र व जेई को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड करने के आदेश जारी कर दिए। इनके खिलाफ कई निगम सदस्यों के साथ भाजपा नेताओं ने शिकायत की थी। भाजपा नेताओं का आरोप था कि अफसरों ने नगर निगम को नर्क निगम बना दिया है। उनके खुद के काम नहीं हो रहे। ऐसे में वो जनता से किस मुंह से वोट मांगे। कई नेताओं ने तो नगर निगम को तोड़कर नगर परिषद बनाने की वकालत की ताकि लोगों को राहत मिल सके।

जिला परिवेदना समिति की बैठक में शिकायत सुनने पहुंचे थे मंत्री

जिला लोक संपर्क एवं कष्ट निवारण समिति की बैठक अंबाला शहर के पंचायत भवन में हुई, जिसमें शहरी निकाय मंत्री सुभाष सुधा खुद लोगों की शिकायतें सुन रहे थे। इस दौरान भाजपा नेता एवं पूर्व मेयर रमेश मल, सीनियर डिप्टी मेयर मीना ढींगरा के पति सुंदर ढींगरा, निगम सदस्य मनीष आनंद मन्नी व भाजपा नेता गुरविंद्र सिंह मानकपुर ने नगर निगम के अफसरों की कार्यशैली पर सवाल उठाए। यहां बड़ा आरोप भाजपा नेता गुरविंद्र सिंह मानकपुर ने लगाते हुए कहा कि उनका खुद का हीरानगर में प्लाट है। इस प्लाट की पार्ट आईडी करवानी थी लेकिन वह निगम के चक्कर लगाकर थक गया। प्लाट की आईडी तो दूर उल्टा निगम की ओर से उसे 65 हजार रुपए जमा करवाने के आदेश जारी कर दिए, जबकि उसका विकास शुल्क 25 हजार रुपए बनता है। निगम की कमिश्नर तो कभी किसी से मिलती तक नहीं। शहर की जनता निगम की वजह से बेहद परेशान है।

भाजपा नेताओं की शिकायत पर मंत्री ने दिए आदेश

पूर्व मेयर रमेश मल, भाजपा नेता सुंदर ढींगरा व निगम सदस्य मनीष आनंद व भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील अग्रवाल ने अफसरों की कार्यशैली पर गंभीर सवाल उठाए। भाजपा नेताओं के कड़े आरोपों की वजह से निकाय मंत्री ने तत्काल प्रभाव से नगर निगम के एक्सईएन महेंद्र और जेई संजीव दलाल को सस्पेंड करने के आदेश जारी किए। इसके अतिरिक्त उन्होंने अन्य विभागों के अधिकारियों को भी निर्देश दिए कि वे आमजन के कार्यों के प्रति लापरवाही न बरतें अन्यथा सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी। इस दौरान उन्होंने कुल 15 शिकायतों को सुना और ज्यादातर के मौके पर समाधान किए। कुछ शिकायतों को समाधान के लिए अगली बैठक के लिए रखा।

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