Kaithal: कृषि विभाग में तैनात एक जिला स्तर के अधिकारी पर रिश्वत लेने संबंधी एक ऑडियो व रिश्वत की लिस्ट व्हाट्सएप ग्रुपों में वायरल होने के मामले ने नया मोड ले लिया है। मामले में व्हाट्सएप ग्रुपों में रिश्वत लेने संबंधी एक ऑडियो व रिश्वत की लिस्ट वायरल करने वाला कर्मचारी सामने आया है। इसके बाद कृषि विभाग के जिला उप निदेशक ने भी इस कर्मचारी की बोगस दस्तावेजों के आधार पर नियुक्ति का आरोप लगा सिविल लाइन थाना में शिकायत दी। मामले में पुलिस ने कर्मचारी के खिलाफ धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज कर ली है।
आत्मा स्कीम के तहत लिपिक पद पर नियुक्त था प्रगट सिंह
सिविल लाइन थाना पुलिस में दी गई शिकायत में डीडीए बलवंत सिंह ने बताया कि पूंडरी निवासी प्रगट सिंह 16 अक्टूबर 2020 को कार्यालय में आत्मा स्कीम के तहत लिपिक के पद पर नियुक्त हुआ था। उसे विभाग की ओर से आउटसोर्स एजेंसी के माध्यम से योग्यता से संबंधित दस्तावेज उपलब्ध करवाने के लिए लिखा गया था। जब उसने इस पद के लिए अपेक्षित योग्यता से संबंधित दस्तावेज प्रस्तुत किए तो दस्तावेज बोगस व जाली पाए गए। इसके बाद उसकी सेवाएं समाप्त कर कार्यभार से मुक्त कर दिया। उसने जो वेतन प्राप्त किया, वह भी जाली तरीके का पाया। जबकि प्रगट सिंह की इस पद के लिए पात्रता नहीं बनती।
यह था पूरा मामला
कर्मचारी प्रगट सिंह पर व्हाट्सएप ग्रुपों में कृषि विभाग के उपनिदेशक द्वारा रिश्वत देने का आरोप लगाया। इसमें एक ऑडियो व एक फोटो भी वायरल की गई। जारी की गई लिस्ट में चार हजार से लेकर 20 लाख रुपए तक की रिश्वत देने का जिक्र किया गया। आरोप लगाने वाले कर्मी का कहना था कि विभाग के कर्मचारी कभी स्टॉक रजिस्टर पूरा न होने के नाम पर तो कभी दवाइयों के सैंपल लेने का डर दिखाकर रिश्वत लेते रहे हैं। पिछले दिनों कृषि विभाग के अधिकारियों ने चीका में एक पेस्टीसाइड का गोदाम सील किया था। आरोप था कि इस गोदाम में नकली दवाईयां जमा की गई है। बाद में जब इस गोदाम को खोला गया तो उसमें से दवाइयां गायब मिली। अधिकारियों ने किसी मृतक व्यक्ति के नाम किरायानामा संबंधी तशदीक शुदा शपथ पत्र लेकर मामले को रफा दफा कर दिया।