Ambala: सरकारी स्कूलों के बच्चों के पर्वतारोही दल ने सिक्किम की 16500 फीट की ऊंचाई पर स्थित माउंट रेहनोक पीक पर तिरंगा फहराकर सबको अंचभित कर दिया। बच्चों की यह उपलब्धि विश्व रिकार्ड के रूप में दर्ज हो गई है। बता दें कि स्कूल शिक्षा विभाग हरियाणा की ओर से सरकारी स्कूलों के बच्चों को बेसिक माउंटेनियरिंग कोर्स-एवं-रेहनोक शिखर 16500 फ़ीट पर्वतारोहण अभियान में भाग लेने के लिए 51 प्रतिभागियों का चयन किया गया था। इसमें सरकारी स्कूलों के पढ़ने वाले कक्षा 11वीं के 22 लड़के और 22 लड़कियों के अलावा उनके टीचर व कोच शामिल रहे।
भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय की तरफ से आयोजित किया था टूर
पर्वतारोही अभियान का आयोजन केंद्र सरकार के रक्षा मंत्रालय द्वारा संचालित हिमालय पर्वतारोहण संस्थान (एचएमआई), दार्जिलिंग (पश्चिम बंगाल) के सहयोग से सिक्किम क्षेत्र में किया गया था। इस अभियान में राज्य से गठित की गई स्कूल शिक्षा विभाग की टीम ने एक ही दिन में 16500 फीट की ऊंचाई पर माउंट रेहनोक का यह पर्वतारोहण अभियान सफलतापूर्वक संपन्न किया। माउंट रेहनोक को सबसे तेज़ गति से फतेह करने का विश्व रिकॉर्ड अपने नाम किया। स्कूल टीचरों व बच्चों की इस उपलब्धि को वर्ल्डवाइड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में वर्ल्ड रिकॉर्ड के रूप में सम्मिलित किया गया है।
छात्रों को दिया गया था विशेष प्रशिक्षण
छात्रों के साथ-साथ एस्कॉर्ट शिक्षकों का चयन विशिष्ट मानदंडों के अनुसार विभागीय वेबसाइट पर विशेष रूप से डिजाइन किए गए पोर्टल के माध्यम से किया गया था। इस दौरान प्रतिभागियों को हाई एल्टीट्यूड वाले क्षेत्रों के प्रकृति अध्ययन और साहसिक प्रशिक्षण, ग्लेशियर पर ट्रैकिंग, बोल्डरिंग, रॉक क्लाइंबिंग, रैपलिंग, मोरैन वॉकिंग, फ्रंट पॉइंट क्लाइंबिंग, आइस क्लाइंबिंग, क्रेवास बचाव तकनीक और पीक क्लाइंबिंग, आपदा तैयारी तकनीक आदि का प्रशिक्षण भी दिया गया। इस कार्यक्रम के लिए प्रदेश के सभी जिलों से बच्चों का चयन किया गया था।
बर्फ में बिताने पड़ते है कई दिन
पर्वतारोही दल के सदस्यों को अपने अभियान से पहले कई दिन बर्फ के ग्लेशियर में बिताने पड़ते है। उन्हें वहां पर रहने के लिए तंबू दिया जाता है। मौसम की सही जानकारी प्राप्त करने के बाद पर्वतारोही दल को अभियान के लिए रवाना किया जाता है। हरियाणा स्कूल शिक्षा परियोजना परिषद पंचकूला के सह सलाहकार राम कुमार ने बताया कि बच्चों के लिए आयोजित इस कार्यक्रम में बेसिक माउंटेनियरिंग कोर्स भी जोड़ा गया है ताकि छात्र आगे चलकर पर्वतारोहण को अपने करियर के रूप में चुन सकें, क्योंकि इस क्षेत्र में रोजगार और उज्ज्वल भविष्य की व्यापक संभावनाएं हैं। विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास को ध्यान में रखते हुए इस कार्यक्रम का आयोजन भारत सरकार द्वारा प्रायोजित यूथ एवं इको क्लब प्रोजेक्ट के तहत किया गया था।
बच्चों ने सफलता पूर्वक बनाया विश्व रिकार्ड
स्टेट प्रोजेक्ट डायरेक्टर जितेंद्र कुमार ने बताया कि पर्वतारोहण अभियान में राज्य की टीम द्वारा अर्जित सफलता का विश्व रिकॉर्ड के रूप में सामने आना, पूरे विभाग के लिए ही नहीं बल्कि पूरे राज्य के लिए हर्ष का विषय है। प्रदेश एकमात्र ऐसा राज्य है जो स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के लिए पर्वतारोहण अभियान के कार्यक्रम आयोजित करता रहता है।