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हरियाणा के जींद स्थित नागरिक अस्पताल में कार्यरत एंबुलेंस चालकों की समय-समय पर जांच के लिए स्वास्थ्य विभाग को एल्कोहल सेंसर उपलब्ध करवाए गए हैं ताकि एंबुलेंस चालकों की जांच हो सके कि कहीं वह शराब तो नहीं पीये हुए हैं। स्वास्थ्य विभाग के पास केवल एक एल्कोहल सेंसर है, जो आज तक पैकिंग में ही था, जिसको कभी बाहर नहीं निकाला।

Jind: जिला मुख्यालय स्थित नागरिक अस्पताल में कार्यरत एंबुलेंस चालकों की समय-समय पर जांच के लिए स्वास्थ्य विभाग को एल्कोहल सेंसर उपलब्ध करवाए गए हैं ताकि एंबुलेंस चालकों की जांच हो सके कि कहीं वह शराब तो नहीं पीये हुए हैं। स्वास्थ्य विभाग के पास केवल एक एल्कोहल सेंसर है, जो आज तक पैकिंग में ही था, जिसको कभी बाहर नहीं निकाला। अब कनीना हादसे के बाद उसे केवल डेमो के लिए बाहर निकाला था और फिर पेक कर दिया। ऐसे में एंबुलेंस चालकों की जांच कैसे हो सकेगी, जबकि आदेश हैं कि प्रतिदिन दो बार एंबुलेंस चालकों की एल्कोहल सेंसर से जांच होनी चाहिए।

स्वास्थ्य विभाग के पास 31 एंबुलेंस

स्वास्थ्य विभाग के पास 31 एंबुलेंस हैं। इनमें से छह एएलएस (एडवांस लाइफ सपोर्ट), छह बीएलएस (बेसिक लाइफ सपोर्ट), 16 पीटीएम (रोगी परिवहन एम्बुलेंस) तथा तीन एमएमयू (मेडिकल ऑन व्हील) हैं। इन 31 एंबुलेंस पर 72 चालक तैनात हैं ताकि इनको रोटेशन में तीनों शिफ्टों में चलाया जा सके। इन एंबुलेंस पर 24 ईएमटी तैनात हैं। इन सभी की जांच के लिए पूरे जिले में केवल एक ही एल्कोहल सेंसर है और वह भी आज तक प्रयोग नहीं किया गया। स्वास्थ्य निदेशालय ने निर्देश दिए कि जिन अस्पतालों में एल्कोहल सेंसर नहीं हैं या द्बिक्तर कम हैं, उनकी संख्या बढ़ाई जाए। इसके बावजूद आज तक नागरिक अस्पताल में इन एल्कोहल सेंसरों की संख्या नहीं बढ़ पाई। ऐसे में यदि कोई एंबुलेंस चालक शराब में नशे में गाड़ी चलाता है तो फिर हादसा होने पर इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा।

जुलाना के पास एक साल पहले हुआ था हादसा

एक वर्ष पहले रात के समय एक गर्भवती महिला को पीजीआई रोहतक ले जाते समय एक एंबुलेंस के साथ हादसा हो गया था। एंबुलेंस डिवाइडर से टकरा गई थी। इसमें हालांकि गर्भवती महिला व बच्चे को नुकसान नहीं हुआ, लेकिन गाड़ी को काफी नुकसान पहुंचा था। उस समय मरीज के परिजनों ने एंबुलेंस चालक पर शराब पीने का आरोप लगाया था। इससे पहले भी एंबुलेंस चालकों पर नशे में होने के आरोप लग चुके हैं।

एल्कोहल सेंसर के लिए डिमांड भेजी : डॉ. रवि

डिप्टी सीएमओ एंबुलेंस डॉ. रवि राणा ने बताया कि एल्कोहल सेंसर के लिए डिमांड भेजी गई है। जल्द ही इनकी संख्या बढ़ जाएगी। इसके बाद सभी चालकों की नियमित जांच शुरू कर दी जाएगी। उन्होंने पिछले दिनों ही एंबुलेंस का कार्यभार संभाला है। जांच की गई तो स्वास्थ्य विभाग के पास केवल एक एल्कोहल सेंसर मिला है। तीन-चार दिन पहले ही इसे निकालकर जांचा गया था।

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