सुनील मान, नारनौंद। प्रदेश के मुख्य सचिव डॉ विवेक जोशी ने सोमवार को हिसार जिले की आइकोनिक साइट राखीगढ़ी गांव का दौरा किया। उन्होंने पुरातत्व विभाग द्वारा किए जा रहे उत्खनन कार्य का अवलोकन किया और खुदाई के दौरान मिली हड़प्पा कालीन सभ्यता से संबंधित वस्तुओं की जानकारी भी ली। इस मौके उनके साथ मंडल आयुक्त ए. श्रीनिवास, उपायुक्त अनीश यादव, पुलिस अधीक्षक हेमेंद्र कुमार मीणा, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के अतिरिक्त महानिदेशक डॉ संजय कुमार मंजुल, सर्कल इंचार्ज के.ए कोबोई और पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग की उप निदेशक बनानी भट्टाचार्य भी मौजूद रहे। मुख्य सचिव डॉ विवेक जोशी ने राखीगढ़ी में दौरे दौरान गांव के अलग-अलग एरिया में बनी साइट्स का अवलोकन किया। उन्होंने निर्माणाधीन म्यूज़ियम को भी देखा। इसके बाद उन्होंने माउंट नम्बर एक, तीन, चार और पेरेट वॉल भी देखी।
समेटे हुए है हजारों साल पुरानी सभ्यता
मुख्य सचिव डॉ विवेक जोशी ने राखीगढ़ी का अवलोकन करने के बाद कहा कि यह अपने आप में हजारों साल पुरानी सभ्यता को समेटे हुए है। प्रदेश सरकार का प्रयास है कि सभी इस विश्वप्रसिद्ध साइट के जरिये अपने इतिहास से रूबरू हो सके। प्रदेश का पुरातात्विक विभाग प्राचीन साइट्स को सहेजने में जुटा है। उन्हें इस दौरान अधिकारियों ने बीते दिनों किए गए राखी गढ़ी महोत्सव के बारे में भी अपडेट दिया गया। टीलों का दौरा करने के बाद राखीगढ़ी में बन रहे संग्रहालय भवन का भी निरीक्षण दौरा किया। उन्होंने कहा कि यहां कैफेटरिया, हॉस्टल भवन तथा विश्राम गृह बनकर तैयार हो चुके हैं। संग्रहालय भवन का कुछ निर्माण कार्य बाकी है, उसको भी जल्द पूरा करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इस संग्रहालय में खुदाई के दौरान मिली हर वस्तु को संग्रहालय में रखा जाएगा ताकि लोग उस प्राचीन समृद्ध सभ्यता की विस्तृत जानकारी प्राप्त कर सकें।
म्यूज़ियम में रखेंगे सामान, स्टेडियम जैसी जगह मिली
मुख्य सचिव विवेक जोशी को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के अतिरिक्त महानिदेशक डॉ. संजय कुमार मंजुल ने तीनों साइट्स बाबत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि माउंट नम्बर 3 पर एक बड़ा स्ट्रक्चर मिला है, जिसे देखने पर ऐसा लग रहा है जैसे वो स्टेडियम हो। हालांकि, अभी खुदाई शुरू हुई है, थोड़े समय में रिसर्च के साथ इससे जुड़े कई और पहलू भी क्लियर हो जाएंगे। इससे पहले के कार्यो के बारे में उन्होंने मुख्य सचिव विवेक जोशी को बताया कि हड़पन काल के भी अलग-अलग दौर के प्रमाण मिले है, उस समय राखी गढ़ी आज के आधुनिक चंडीगढ़ जैसे शहरों की तर्ज पर बसा हुआ था। उन्होंने दावा किया कि राखीगढ़ी आईकॉनिक साइट से कुछ दूरी पर नदी के बहने के प्रमाण भी प्राप्त हुए हैं। यहां नदी के बेड मिले हैं। फिलहाल वहां उत्खनन नहीं चल रहा है। उत्खनन के दौरान अब तक यहां से लगभग 5000 साल पूर्व के मानव कंकाल, मिट्टी के बर्तन, पत्थर से बने चर्ट ब्लड, टेराकोटा बॉल जो सुरक्षा यंत्र के रूप में प्रयोग में लाई जाती थी, इत्यादि मिल चुके है।
अलग अलग वस्तुओं को दिखाया
मुख्य सचिव विवेक जोशी को पुरातात्विक विभाग के अधिकारियों ने एक गिलास नुमा बर्तन भी दिखाया और कहा कि खानपान में प्रयोग होने वाले मिट्टी के बर्तनों से अभी तक मिट्टी भी नहीं हटाई गई है, ताकि इस बात का पता लगाया जा सके कि उन लोगों की खानपान संबंधित आदतें किस प्रकार की थी, इसके साथ ही उन्हें ब्लेड, खिलोने, कंकाल भी दिखाया गया। यह भी बताया गया कि प्री हड़प्पा काल में लोग बड़े-बड़े मकान बनाकर रहते थे, लेकिन बाद में कॉलोनी विकसित करके रहने लगे थे। इन कॉलोनियों में ड्रेनेज सिस्टम भी होता था। मकान में वेंटीलेशन की सुविधा भी रखी जाती थी। उस समय लोग पशुपालन तथा खेती-बाड़ी भी करते थे तथा दूसरे देशों के साथ उनके व्यापारिक संबंध भी थे। अब तक खुदाई के दौरान जो चीज मिली है उनसे इन बातों का सहज ही अनुमान लगाया जा सकता है। राखीगढ़ी में यह सभ्यता लगभग 350 एकड़ क्षेत्र में फैली होने तथा उस समय यहां तीन से चार हजार लोगों की रहने का अनुमान है।
आईकॉनिक साइट राखीगढ़ी पर बनेगी फिल्म
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के अतिरिक्त महानिदेशक डॉ संजय कुमार मंजुल से इस बीच मुख्य सचिव विवेक जोशी ने साइट्स पर बनी डॉक्यूमेंट्री इत्यादि के बारे में भी अपडेट ली। जिस पर संजय मंजुल, एसई के.ए कोबोई और पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग की उप निदेशक बनानी भट्टाचार्य ने कहा कि कई ऐसे वीडियो है, जिस पर इससे सम्बंध में जानकारी है। डॉ संजय कुमार मंजुल ने कहा कि राखीगढ़ी एक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित होगा। इस उद्देश्य को लेकर पुरातत्व विभाग आईकॉनिक साइट राखीगढ़ी पर एक फिल्म भी बनाने जा रहा है।
मुख्य सचिव ने बैठक ली तथा मकानों का जायजा भी लिया
मुख्य सचिव विवेक जोशी ने राखी गढ़ी के एक दिवसीय दौरे के दौरान पुरातत्व विभाग तथा अन्य सभी संबंधित विभागों के अधिकारियों की बैठक भी ली। बैठक में कमिश्नर ए. श्रीनिवास, उपायुक्त अनीश यादव और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के अतिरिक्त महानिदेशक डॉ संजय कुमार मंजुल, सर्कल इंचार्ज के.ए कोबोई और पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग की उप निदेशक बनानी भट्टाचार्य भी मौजूद थे। नारनौंद के एसडीएम मोहित महाराणा तथा हांसी उपमंडल के एसडीएम राजेश खोथ ने आईकॉनिक साइट राखीगढ़ी तथा हांसी स्थित पृथ्वीराज चौहान किले के संबंध में पीपीटी के माध्यम से विस्तार से जानकारी दी। इस दौरान इन दोनों साइट्स के संरक्षित घोषित एरिया में रहने वाले परिवारों को शिफ्टिंग बारे अपडेट भी ली गई। खुद मुख्य सचिव विवेक जोशी ने बैठक के बाद राखी गढ़ी में बनाए गए मकानों का हिसार मण्डल के कमिश्नर ए.श्री निवास, उपायुक्त अनीश यादव एसडीएम मोहित महाराणा को साथ लेकर निरीक्षण भी किया। मुख्य सचिव विवेक जोशी ने इन मकानों में दी जाने वाली सुविधाओं का भी जायजा लिया और ग्रामीणों की हर समस्या का समाधान किए जाने की दिशा में कदम उठाने के निर्देश दिए।
शिफ्टिंग को लेकर दिए निर्देश
इससे पहले बैठक के दौरान राखी गढ़ी और हांसी में संरक्षित घोषित साइट्स पर किए जा रहे अवैध अतिक्रमण को हटाने के लिए अब तक की गई कार्रवाई की भी जानकारी दी गई। बैठक में अधिकारियों ने मुख्य सचिव को बताया कि संरक्षित घोषित जगह से शिफ्टिंग के लिए कुछ मकान का निर्माण कार्य बाकी है। मुख्य सचिव ने आवश्यक दिशा निर्देश दिए। बैठक में हांसी पुलिस अधीक्षक हेमेंद्र कुमार मीणा, नारनौंद एसडीएम मोहित महराणा, हांसी एसडीएम राजेश खोथ व पुरातात्विक विभाग सहित दूसरे विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।